जबलपुर: जिगर के टुकड़े को 70 वर्षीय बुजुर्ग पिता ने किडनी देकर दिया नया जीवन

Edited By meena, Updated: 19 Jan, 2024 04:45 PM

70 year old father gave new life to a piece of liver by giving him a kidney

पिता के लिए उसकी संतान महज एक संबंध नहीं बल्कि एक आशा होती है, पिता पुत्र का संबंध एक ऐसा संबंध है, जो जीवन के हर अच्छे बुरे पल में एक दूसरे के लिए समर्पित रहते है...

जबलपुर(विवेक तिवारी): पिता के लिए उसकी संतान महज एक संबंध नहीं बल्कि एक आशा होती है, पिता पुत्र का संबंध एक ऐसा संबंध है, जो जीवन के हर अच्छे बुरे पल में एक दूसरे के लिए समर्पित रहते है, एवं जिस पर पिता अपनी सारी उम्र एक-एक आशा और एक-एक सपने का निवेश करता है, बात यदि बच्चे की जान पर आ जाए तो अपनी संतान की जान बचाने पिता सब कुछ करने तैयार हो जाता है,  एक ऐसा ही मामला सामने आया दमोहनका स्थित मेट्रो प्राइम हॉस्पिटल में जहां अपने जिगर के टुकड़े बेटे को 70 वर्षीय बुजुर्ग पिता ने अपनी किडनी देकर बचाया।

 बेटा शैलेश शर्मा अपने परिवार का एकमात्र सहारा बचा था, क्योंकि उसके एक भाई और एक बहन की आकस्मिक मृत्यु हो चुकी थी। 34 वर्षीय शैलेश शर्मा को उल्टियां होने और शरीर में सूजन आने पर जब मेट्रो प्राइम हॉस्पिटल में जांच की गई तो पता चला कि उसकी दोनों किडनियां फेल हो चुकी हैं, तब नेफिरोलॉजिस्ट डॉक्टर विशाल वडेरा और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉक्टर राजेश पटेल ने किडनी ट्रांसप्लांट करने की सलाह दी। चूंकि किडनी ट्रांसप्लांट ही एकमात्र रास्ता था जिससे उसे नया जीवन मिल सकता था, यह जानकारी जब उसके 70 वर्षीय बुजुर्ग पिता को दी गई तो पिता ने अपने बेटे की जान बचाने खुद ही किडनी देने का फैसला कर अपने बेटे की जान बचा कर मिशाल कायम की है। इस निर्णय ने पिता और पुत्र के संबंध को एक नया आयाम दिया।

नए वर्ष में मिला नया जीवन

मेट्रो प्राइम हॉस्पिटल, डॉक्टर और मेरे पिता जी को मैं दिल से धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने मुझे नया जीवन दान दिया। मेरा नाम शैलेश शर्मा है, मेरे भाई और बहन की कुछ वर्ष पहले आकस्मिक मृत्यु हो गई थी। मेरे परिवार का एक ही सहारा था मैं, और मेरी भी किडनी खराब हो गई। मुझे अपने जीवन की कोई उम्मीद नहीं नजर आ रही थी, मेरे छोटे -छोटे बच्चे भी है, मेरी हर तरफ से आस टूट चुकी थी, फिर मैंने जबलपुर के मेट्रो प्राइम हॉस्पिटल में नेफिरोलॉजिस्ट डॉक्टर विशाल वडेरा एवं किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉक्टर राजेश पटेल को दिखाया। उन्होंने मुझे किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी।  किडनी डोनेट करने के लिए मेरे पिताजी राजी हो गए। हॉस्पिटल, डॉक्टर एवं मेरे पिताजी ने मेरे जीवन में एक नई आस पैदा की। पहले मुझे यह लग रहा था कि 2023 ही मेरा अंतिम वर्ष है। परंतु 31 दिसंबर 2023 को मेरा किडनी ट्रांसप्लांट हुआ। मेरे पिता जी, डॉक्टरों एवं हॉस्पिटल के द्वारा मुझे नए वर्ष में नए जीवन का तोहफ़ा दिया। मेरे पिता जी जिन्होंने मुझे किडनी दी, वो भी स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं और अब मैं भी पूणतः स्वस्थ हूं। मेट्रो प्राइम हॉस्पिटल, डॉक्टर, एवं पूरी टीम को मैं बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने मुझे नया जीवन दिया।

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