Edited By meena, Updated: 20 Jul, 2023 04:41 PM
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे राजनीतिक गतिविधियां तेज होती जा रही है...
उज्जैन(विशाल सिंह): मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे राजनीतिक गतिविधियां तेज होती जा रही है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। कुछ ऐसा ही उज्जैन महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिला यहां भाजपा नेता के जिला पंचायत सदस्य प्रताप सिंह ने भाजपा के उपाध्यक्ष वर्तमान विधायक बहादुर सिंह चौहान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रताप सिंह ने कहा है कि विधायक बहादुर सिंह टिकट कटने के डर से अपने पद का दुरुपयोग करके माहौल खराब कर रहे हैं।
आरोप है कि विधायक बहादुर सिंह चौहान ने पहले कूट रचित योजना तहत रक्ष प्रताप सिंह आर्य को जेल भिजवा दिया था। इसके बाद भी दोगली नीति में लगते हुए अब भाजपा कार्यकर्ताओं को तोड़ने का काम बखूबी करते जा रहे हैं। अब हालात यह बन गए हैं कि क्षेत्र में बढ़ते विरोध को देखते हुए इनको भय है कि पार्टी उन्हें टिकट नहीं देगी इसलिए पार्टी में ही सेंध मारी करने में लगे हैं। बहरहाल अब देखना यह होगा कि क्या ऐसे विवादित विधायक जो पार्टी की छवि खराब करने में लगे हैं इस पर कोई एक्शन लेगी या पार्टी अपनी सत्ता एक विधायक के चक्कर में दांव पर लगा देगी।
बता दें कि भाजपा विधायक बहादुर सिंह पहले भी विवादों से घिर चुके हैं। पूर्व में भी भाजपा विधायक बहादुर सिंह चौहान ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्रशासन पर दबाव बनाकर भाजपा के ही नेता प्रताप सिंह आर्य सहित कई अन्य नेताओं पर फर्जी मुकदमा दर्ज करवा कर अपनी दुश्मनी निकालना चाही थी। यही नहीं बल्कि पीड़ित भाजपा नेता जिला पंचायत सदस्य प्रताप सिंह आर्य के स्टोन क्रेशर पर भी फर्जी मुकदमा बनवा कर मामला दर्ज कराया। साथ ही उनके सहयोगी ऊपर भी प्रार्थना क्षेत्र में 307 का मुकदमा दर्ज कर प्रताप सिंह आर्य को भी फंसाया गया। मामला यहीं नहीं रुका बल्कि खुद प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान से मिलने जा रही इन्हीं के क्षेत्र की दिव्यांग बच्ची को भी मंच पर नहीं चढ़ने दिया और धमकी भरे लफ्जों में कहा कि जितने पैसे चाहिए ले ले लेकिन सीएम से नहीं मिल सकते। मासूम बच्ची थक हार कर जब रोने लगी तो मीडिया ने सीएम का काफिला रुकवा कर शिवराज से मिलवाया तब जाकर इस विधायक की कायराना करतूत का पता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चला और उन्होंने उस बच्ची के समुचित उपचार की निर्देश देते हुए बच्चे के सिर पर हाथ फेरा था।