इंदौर में जन्माष्टमी कार्यक्रम में शामिल हुए CM मोहन, कहा - हर विकासखंड के एक गांव को बरसाना गांव के रूप में किया जाएगा विकसित...

Edited By Himansh sharma, Updated: 25 Aug, 2024 03:30 PM

chief minister participated in janmashtami program in indore

कार्यक्रम स्थल को भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न लीलाओं से चित्रित एवं सजाया गया था।

इंदौर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के सभी के विकासखण्डों में एक गांव को चयनित कर बरसाना गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। इन गांवों के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों और सिद्धांतों का प्रसार किया जाएगा और उन्हें जन-जन तक पहुंचाया जायेगा। बरसाना गांव में जहां एक ओर प्राचीन संस्कृति को पुष्पित और पल्लवित किया जायेगा वहीं दूसरी ओर जैविक खेती और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। इन गांवों में विकास की नई दिशा तय की जाएगी। ग्रामीणों में मानवता, सामाजिक, सांस्कृतिक एकता के जन जागरण का प्रसार कर एक ऐसा समाज तैयार किया जाएगा जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के आदर्श और सिद्धांत दिखाई दें। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही प्रदेश के हर एक नगरीय निकाय में भी गीता भवन केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज इंदौर में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर "हर बालक कृष्ण, हर मां यशोदा" की थीम पर आयोजित देश में अपने तरह के पहले एवं अनूठे कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस धर्ममय एवं ऐतिहासिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उपस्थित बाल गोपालों और यशोदा माताओं का पुष्प वर्षा कर अभिनंदन किया। इस अनूठे कार्यक्रम में 5 हजार से अधिक बच्चे बाल गोपाल और इतनी ही माताएं मां यशोदा के रूप में मौजूद थी। कार्यक्रम स्थल पूरी तरह आलौकिक अनुभूति से सराबोर था।

PunjabKesari कार्यक्रम स्थल को भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न लीलाओं से चित्रित एवं सजाया गया था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उपस्थित बाल गोपालों को गोद में लेकर स्नेह से दुलार किया। मटकी फोड़ का कार्यक्रम भी हुआ। उन्होंने बाल गोपालों को माखन मिश्री भी प्रसाद के रूप में खिलायी। बाल गोपालों को कृष्ण जन्माष्टमी के उपहार भी वितरित किए गए। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भगवान श्रीकृष्ण के जीवन चरित्र और उनसे जुड़ी लीलाओं और प्रसंगों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंनें कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के जीवन चरित्र से सीख लेकर हमें उनके आदर्शों और सिद्धांतों को जीवन में आत्मसात करना चाहिये। भगवान श्रीकृष्ण कोमलता, धैर्य, करूणा और प्रेम की प्रतिमूर्ति है। वे मानव जाति की रक्षा के प्रतीक भी हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में मानव जाति के कल्याण और धर्म की स्थापना के लिये अनेक लीलाएं भी की हैं। उन्होंने प्रकृति से प्रेम करना सिखाया है। ग्रामीण संस्कृति को बढ़ावा दिया है। माखन, दूध, दही को स्वास्थ रक्षक के रूप में प्रतिष्ठित किया है। उनका जीवन ग्रामीण संस्कृति को प्रोत्साहन देने का रहा है। भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों और सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए हमने हर विकासखण्ड के एक गांव को चयनित कर बरसाना गाँव के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है।

PunjabKesari इसके साथ ही नगरीय क्षेत्रों में गीता भवन केन्द्र भी स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने आह्वान किया कि हर माता यशोदा और बालक कृष्ण के रूप में अपना जीवन बनायें। माँ यशोदा ममत्व की प्रतिमूर्ति है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अब हर तीज, त्यौहार और पर्व पूर्ण हर्षोल्लास और उत्साह के साथ आयोजित किये जाएंगे। समाज का हर वर्ग सभी तीज, त्यौहार और पर्व आनंद और उत्साह के साथ मनायें। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम में भगवान श्रीकृष्ण पर आधारित भजन "गोविंदा आला रे आला, जरा मटकी संभाल बृजबाला" सुनाया। इस भजन पर उपस्थित श्रोताओं ने स्वर से स्वर मिलाकर पूरे कार्यक्रम को धर्ममय कर दिया। कार्यक्रम में प्रसिद्ध बांसुरी वादक बल्लू जी के बांसुरी वादन ने और माधवास बैंड की प्रस्तुति ने कार्यक्रम में आलौकिक अनुभूति करायी। मुख्यमंत्री ने "हाथी घोड़ा पालकी-जय कन्हैया लाल की" के जयकारों से पूरे कार्यक्रम स्थल को उपस्थित बाल गोपालों और यशोदा माताओं के स्वर के साथ गुंजायमान कर दिया।

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