Edited By meena, Updated: 21 Aug, 2023 03:53 PM
नाग पंचमी भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिनों नागों की पारंपरिक पूजा करते हैं...
रीवा(गोविंद सिंह): नाग पंचमी भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिनों नागों की पारंपरिक पूजा करते हैं। नाग पंचमी श्रावण के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है इस बार नाग पंचमी सोमवार 21 अगस्त को मनाई जा रही है नाग पंचमी का त्योहार देशभर में बड़ी धूमधाम से माना जाता है इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। यही वजह है की इस दिन रीवा में उत्तरप्रदेश से काफी संख्या में सपेरे आते है और नागपंचमी के दिन सांप को दिखाकर उसका दर्शन कराते है और इससे मिले रुपयों से अपना गुजारा करते है।
सावन के महीने में हर साल नाग पंचमी का त्यौहार उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। नागपंचमी के दिन नाग देवता का पूजन अर्चन किया जाता है। इसका भी विशेष महत्व माना गया है। कहा जाता है कि नाग देवता का पूजन करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और व्यक्ति का जीवन आनंदमय बना रहता है। यही वजह है कि नागपंचमी के दिन शहर में घूम घूम कर सपेरे नाग देवता के दर्शन लोगों को कराते हैं। उत्तरप्रदेश के रायबरेली और मानिकपुर गांव देशभर मे सपेरों के लिए मशहूर है। यहां के सपेरे नागपंचमी आते ही पूरे देश में सांप दिखाकर लोगों को नागदेवता के दर्शन कराते हैं और पैसा कमाते हैं। ये सपेरे नागपंचमी के त्योहार के चलते रीवा पहुंचे है पिछले कई सालों से ये सपेरे रीवा आते है और लोगों को नाग देवता के दर्शन कराते है और उनसे मिले रुपयों से अपना भरण पोषण करते है।
यूं तो काले सांप बिच्छू को देख कर अच्छे-अच्छों की हवा ढिली पड जाती है लेकिन इन सपरों के लिए जहरीले सांप किसी खिलौने से कम नहीं है। दिन रात इन सांपों के बीच में रहना इनकी दिनचर्या बन चुकी है। सपेरों को इन जहरीले से सांपों से कभी डर नहीं लगता है। भले ही शासन इन्हें कई सुविधाएं देने का वादा करती हो लेकिन हकीकत ये है कि इन सपेरों के पास रोजी रोटी का कोई साधन नहीं है। सांप ही इनकी रोजी का जरिया है सपेरो की बीन के आगे सांप नाचते हैं और उससे मिलने वाले पैसों से सपेरा परिवार का गुजारा करता है। सपेरा परिवार में कुछ पढ़े लिखे लोग भी है लेकिन इन्हे कोई रोजगार नहीं मिलता जिसके चलते सपेरा परिवार बच्चों को पढ़ाई से दूर रखता है और बचपन से ही सांप से खेलने के गुर सिखाता है और यही इनकी रोजी रोटी का जरिया बनता है।