Edited By Vikas kumar, Updated: 09 Aug, 2019 04:32 PM
मध्य प्रदेश में एक बार फिर से स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुल गई है, इसका नजारा बानगी गुना में देखने को मिला। दरअसल, एक ग्रभवती महिला को 5 किलोमीटर पैदल चलकर जिला अस्पताल पहुंचना पड़ा। आपको बता दें कि उन्होंने रुठियाई उप स्वास्थ्य केंद्र पर एएनएम और...
मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश में एक बार फिर से स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुल गई है, इसका नजारा बानगी गुना में देखने को मिला। दरअसल, एक ग्रभवती महिला को 5 किलोमीटर पैदल चलकर जिला अस्पताल पहुंचना पड़ा। आपको बता दें कि उन्होंने रुठियाई उप स्वास्थ्य केंद्र पर एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से एंबुलेंस की गुहार भी लगाई लेकिन बात नहीं बनी। वहीं उनके पास पैसे भी इतने नही थे कि जिससे वह निजी वाहन ही कर पाते। उन्होंने रात को पैदल चलने का निर्णय लिया और रात को ही अस्पताल के निकल पड़े।
गर्भवती महिला को ब्लड की थी जरूरत
जानकारी के अनुसार साढ़े सात महीने की गर्भवती महिला का नाम शीला बाई लोधा है और पति हनुमत सिंह दृष्टिहीन है। गर्भवती महिला में खून की कमी थी जिसके लिए दम्पति ने रुठियाई उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर खून के लिए नर्स से गुहार लगाई लेकिन मौजूद नर्स ने मदद करने से मना कर दिया। बाद जब इन्होंने एम्बुलेंस के बारे में पूछा तो नर्स ने उन्हें इंकार करते हुए अपने खर्च पर व्यव्स्था करने के लिए कहा।
बेहद गरीब है दंपति
दम्पति के पास इतने पैसे नहीं थे की वे निजी वाहन की व्यवस्था कर पाते, इसलिए मजबूरन पैदल ही गुना जिला अस्पताल के लिए चल पड़े। रुठियाई से 5 KM पदयात्रा के बाद एक ऑटो चालक ने दिव्यांग दम्पति को पैदल चलते हुए देखा तो दोनों को अपने ऑटो में बिठाकर अस्पताल छोड़ा।
अस्पताल में हंगामा के बाद मरीज को ब्लड चढ़ाया गया
अस्पताल में पहुंचने के बाद मैटरनिटी वार्ड में मौजूद डॉक्टर उषा चौरसिया ने महिला के पति से ब्लड की व्यवस्था करने के बारे में कहा, पीड़ित पति को कुछ समाजसेवकों ने O—NEGATIVE ब्लड की भी व्यवस्था करवा दी। लेकिन महिला डॉक्टर ने कहा कि ब्लड खराब हो चुका है, इसे चढ़ाया नहीं जा सकता। शुक्रवार की सुबह अस्पताल में हंगामा हुआ तब कहीं जाकर मैटरनिटी वार्ड में शीलाबाई को पलंग नसीब हो सका और ब्लड चढ़ाया गया।