Edited By meena, Updated: 18 Dec, 2024 07:24 PM
इंदौर में बुधवार को सोशल मीडिया पर चले एक मैसेज ने पुलिस से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को हिलाकर रख दिया...
इंदौर (सचिन बहरानी) : इंदौर में बुधवार को सोशल मीडिया पर चले एक मैसेज ने पुलिस से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को हिलाकर रख दिया। इस मैसेज में कुछ फोटो और ट्वीट भी थे जिनमें इंदौर के मशहूर एमजीएम मेडिकल कॉलेज के एक जूनियर छात्र ने सीनियर पर रैगिंग का आरोप लगाया था। छात्र ने ट्वीट के जरिये मदद की गुहार लगाते हुए एमजीएम कॉलेज के हॉस्टल को रावण की लंका बताया था। इस मैसेज को कुछ अखबारों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया।
कलेक्टर आशीष सिंह ने इस मामले में तुरंत जांच दल गठित किया। एसडीएम और तहसीलदार की टीम ने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर मामले की जांच शुरू की। जांच अधिकारियों ने कॉलेज के हॉस्टल में जूनियर स्टूडेंट्स के साथ ही सीनियर से भी बात की लेकिन इस दौरान सभी ने कॉलेज में रैगिंग की घटना से साफ़ इंकार किया है।
वही कॉलेज के प्रभारी डीन डाक्टर निलेश दलाल का कहना है कि उन्होंने हाल ही के दिनों में चार्ज लिया है लेकिन अभी तक रैगिंग जैसी कोई घटना सामने नहीं आई है।
सोशल मीडिया पर जो मैसेज वायरल हो रहे हैं वो दो माह पुराने है और इसकी जानकारी मिलने पर तात्कालीन डीन संजय दीक्षित ने इसकी जांच भी कराई थी लेकिन रैगिंग जैसी कोई घटना सामने नहीं आई थी। फिलहाल प्रशासन की टीम ने रैगिंग के मामले में कॉलेज प्रबंधन से कई बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। हालांकि प्राथमिक तौर पर रैगिंग की घटना सामने नहीं आने से अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली है।