फर्जी प्रमाण पत्रों से नौकरी कर रहा समाज कल्याण विभाग का ये अधिकारी, कोर्ट के आदेश के बाद भी FIR दर्ज नहीं कर रही रायपुर पुलिस..

Edited By meena, Updated: 20 Mar, 2024 01:35 PM

social welfare department officer doing job with fake certificates

समाज कल्याण विभाग के काले कारनामे निरंतर सुर्खियों में रहे हैं...

रायपुर (सत्येंद्र शर्मा): समाज कल्याण विभाग के काले कारनामे निरंतर सुर्खियों में रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक तत्कालीन आईएएस अधिकारियों ने एक एनजीओ का गठन कर सुनियोजित रूप से उक्त महाघोटाले को अंजाम दिया था। इस घोटाले में शामिल अपर संचालक पंकज वर्मा और उसकी डिग्री शुरू से विवाद में रही है। कूटरचित और फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर पंकज वर्मा ने समाज कल्याण विभाग में फिजियोथेरेपिस्ट के पद पर नियुक्ति तो प्राप्त कर ली लेकिन जिन प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्ति पाई उसकी शिक्षा उसने कभी पूर्ण ही नहीं की।

इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल टेक्नोलॉजी, उत्तरप्रदेश से तथाकथित प्राप्त शैक्षणिक प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्त पंकज वर्मा ने छत्तीसगढ़ शासन में व्यावसायिक चिकित्सक (occupational therapist) के पद पर वर्ष 1998 में फर्जीवाड़ा कर शासकीय सेवा प्राप्त की, जिसकी शिकायतें पंकज की पदस्थापना के पश्चात् से निरंतर होती रही है। किंतु बड़े अधिकारियों एवं राजनेताओं के संरक्षण के चलतें सभी शिकायतें दरकिनार होती रही और इनका वरदहस्त पाकर पंकज निरंतर मलाई चांटता रहा।

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पंकज वर्मा का 420 का फर्जीवाड़ा

यूपी मूल का यह शातिर बंदा पंकज कुमार वर्मा पुत्र हरिमोहन वर्मा ने सत्र 1984-85 में प्रथम वर्ष फिजियोथेरेपी (साढ़े तीन वर्षीय) वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश लेते हुए द्वितीय वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् पाठ्यक्रम छोड़ दिया था। पंकज वर्मा ने जिन दस्तावेंजों के आधार पर शासकीय सेवा प्राप्त की उससे संबंधित शिक्षा कभी पूर्ण ही नहीं की फिर भी उसके शासकीय अभिलेखों में उक्त डिग्री का होना एवं उसके आधार पर ही सेवा का लाभ प्राप्त करता रहा है। पुष्ट साक्ष्य के आधार पर निश्चित रूप से यह कहा जा सकता है कि, पंकज वर्मा ने अपनी भर्ती के दौरान फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज पेश किए है एवं उसी फर्जीं व कुटरचित दस्तावेजों के आधार पर बीते 25 वर्षों से निरंतर छत्तीसगढ़ शासन से धोखाधड़ी करते आ रहा है।

पुलिस यदि चाहे तो समाज में अपराध जड़ से ख़त्म हो सकता है मगर बिहार और उत्तर प्रदेश की पुलिस को किसी भी मायने में पछाड़ते नजर आती है छत्तीसगढ़ पुलिस।

महोदय पंकज वर्मा की रायपुर के पुरानी बस्ती थाना में कितनी तूती बोलती होगी ! तभी पर्याप्त साक्ष्य एवं दस्तावेजों को दरकिनार करते हुए आज तक इस अधिकारी के विरुद्ध मामला दर्ज नहीं किया गया। मजबूरन प्रार्थी को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

आलाधिकारियों के आदेश की अवहेलना

आईजी से लेकर एसपी तक शिकायत करने और उक्ताशय को लेकर जारी आदेश की अवहेलना, इस बात की पुष्टि करता है कि पुरानी बस्ती थाना ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर द्वारा पूर्व में ही पत्र क्रमांक व.पू.अ./स्टेनो-३ शि.पू.मु./९३/२०२० दिनांक 27/10/2020 द्वारा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड रूरल टेक्नोलॉजी, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश के पत्र ref. no. iert/exam/ 15569 दिनांक 19/07/2018 के आधार पर फिजियोथेरेपी (साढ़े तीन वर्षीय) डिप्लोमा पाठ्यक्रम का अनावेदक पंकज कुमार वर्मा के अंतिम वर्ष की अंकसूचि में प्रथम दृष्टया कूट रचित होना प्रतीत होने पर, उक्त प्रकरण की जांच के लिए थाना पुरानी बस्ती को निदेशित किया गया था, लाचार पुरानी बस्ती थाना के वर्दीधारियों को इस 420 अधिकारी ने उपस्थित होने और अपना कथन देने से साफ इंकार करते हुए ठेंगा दिखाते रहा, मगर अपने नाम के अनुकूल पुरानी बस्ती थाना ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश का पालन क्यों नहीं किया, यह उनकी कर्तव्यहीनता का स्पष्ट उदाहरण है।

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अदालत ने दिया आदेश – पुरानी बस्ती थाना दर्ज करे एफआईआर

समाज कल्याण के भ्रष्ट और बेईमान अधिकारी के विरूध्द एक आवेदक ने थाना पुरानी बस्ती के समक्ष प्रस्तुत शिकायत पर पंकज वर्मा के विरूध्द मामला दर्ज नहीं किए जाने को लेकर अधिवक्ता भरत सोनी ने न्यायालय के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया था, जिस पर कोर्ट ने त्वरित संज्ञान लेते हुए संबंधित थाना पुरानी बस्ती को ज्ञापन जारी कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश किया प्रतिवेदन पश्चात् कोर्ट ने अनावेदक पंकज वर्मा की तथाकथित डिप्लोमा पाठ्यक्रम फिजियोथेरेपी के अंतिम वर्ष की अंकसूची प्रथम दृष्टया कूटरचित होना पाते हुए संबंधित थाना को धारा 420 ,468 ,471 भा.द .सं. के तहत अपराध पंजीबध्द कर विवेचना हेतु निर्देशित किया है। अब देखना यह होगा कि क्या पुरानी बस्ती थाना, न्यायालय के इस आदेश की भी अवहेलना करता है या आरोपी पंकज वर्मा के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर उसे शीघ्रता से गिरफ्तार कर अपने कर्तव्यपरायणता को अंजाम देता है। या उसे कानूनी दांव पेंच खेलने का पर्याप्त समय देता है।

24/01/2024 को न्यायालय ने थाना प्रभारी पुरानी बस्ती को पंकज वर्मा के विरुद्ध आईपीसी की धारा 420,468,471 के तहत अपराध पंजीबद्ध करने के लिए आदेश किया लेकिन आज दिनांक तक थाना प्रभारी पुरानी बस्ती सुधांशु बघेल के द्वारा पंकज वर्मा को संरक्षण देने के चलते एफआईआर नहीं किया गया। और टाल मटोल करते हुए कहते है कि एसएसपी साहब ने मौखिक रूप से अभी एफआईआर करने के लिए मना किया है।

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