Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 28 Jan, 2019 04:17 PM
जिले की बटियागढ थाना अंतर्गत तिंदुआ सेंडारा गांव में उस समय हड़कंप मच गया जब एक नवजात को गली में रोते हुए सुना। इस कड़ाके की ठंड में नवजात को सबसे पहले गांव के कोटवार ने देखा तो उसने पुलिस को सूचित किया...
दमोह: जिले की बटियागढ थाना अंतर्गत तिंदुआ सेंडारा गांव में उस समय हड़कंप मच गया जब एक नवजात को गली में रोते हुए सुना। इस कड़ाके की ठंड में नवजात को सबसे पहले गांव के कोटवार ने देखा तो उसने पुलिस को सूचित किया। जब नवजात को स्थानिय स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया और वहां से जिला अस्पताल लेकिन तब तक बुहत देर हो चुकी थी नवजात ठंड को बर्दाश्त न करते हुए सांसे छोड़ गया।
तंदुआ सेंडारा गांव का इंसानियत को शर्मसार करने वाला यह नजारा जिस किसी ने भी देखा सहम कर रह गया। एक नवजात को उसकी निर्दयी मां बीच सड़क पर कुत्तों का नवाला बनने के लिए छोड़ गई। जब गांव के कोटवार ने नवजात को रोते देखा तो उसने आसपास के लोगों व पुलिस को इसके बारे में बताया। गांव में यह दिलदहलाने वाली घटना आग की तरह फैल गई।
इस घटना की जानकारी लगते ही बटियागढ़ में पदस्थ आरक्षक शैलेंद्र सिंह ने मानवीय संवेदनाओं का बेहतर परिचय दिया। 108 और डायल हंड्रेड या एंबुलेंस का इंतजार किए बिना ही आरक्षक ने तत्काल थाना के सरकारी वाहन में नवजात को बटियागढ़ अस्पताल ले जाकर उसका इलाज सम्भव कराया। लेकिन उसकी नाजुक स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने इसे जिला अस्पताल रैफर कर दिया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। नन्ही जान इस ठंड में चार पांच घंटे रहने के कारण अपने जान गवा बैठी।
इस घटना के बाद लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। कोई बच्ची को पाप का नतीजा तो कोई लड़की होने के कारण फेंकना बता रहा है। लेकिन वजह जो भी हो इन सबके पीछे उस नन्ही जान का कसूर क्या था? इसमें एक मां की ऐसी छवि भी सामने आई है जिसमें बच्चे को जन्म तो दे दिया लेकिन उसे मरने को छोड़ दिया।