10 सालों से पेड़ के नीेचे पढ़ने को मजबूर है देश का भविष्य

Edited By suman, Updated: 22 Jun, 2018 01:55 PM

the future of the country due to the absence of classrooms

जिला बालाघाट के एक सरकारी स्कूल के बच्चे क्लासरूम न होने के कारण  पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं। इसका कारण यह है कि एचसीएल मलाजखंड की खदान में रोजाना एक घंटे की ब्लास्टिंग होती है

बालाघाट: बालाघाट जिले में एक सरकारी स्कूल के बच्चे पिछले 10 सालों से पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं। इसका कारण यह है कि एचसीएल मलाजखंड की खदान हो रही ब्लास्टिंग से स्कूल दर्जीटोला के भवन में दरारें आ गई है और वह गिरने की कगार पर है। नया भवन स्वीकृत कराने के लिए बीआरसी, डीपीसी, एसी व कलेक्टर से भी कहा गया। 10 सालों में 11 अफसर भी बदल गए। लेकिन भवन स्वीकृत नहीं हो पाया। शिक्षक सीएल कुमरे ने बताया कि जब अफसरों से भवन की मांग की गई तो यह जवाब मिला कि भवन नहीं है तो कक्षा पेड़ के नीचे लगाएं। बरसात के दिनों में बारिश होने पर क्लास लगाने की जगह बच्चों को छुट्टी कर दिया करें।

रोजाना पढ़ते हैं 66 बच्चे
शिक्षक कुमरे ने कहा कि वर्ष 2007 से रोजाना 11 से दोपहर 1 बजे तक आम के पेड़ के नीचे बच्चो को पढ़ाया जा रहा है। स्कूल में पहली से लेकर पांचवीं तक 66 बच्चे पढ़ने आते हैं। भवन के अभाव में रोजाना 3 घंटे क्लास लगाई जा रही है। नया भवन बनाने के लिए 10 साल से शिक्षा विभाग के अफसर व जनप्रतिनिधि भवन स्वीकृत होने की बात कहते हुए आश्वासन देकर शांत करवा देते हैं। लेकिन नए शिक्षण सत्र से किसी को इसकी चिंता नहीं है। गांव में छोटे मकान होने पर किराए के भी भवन नहीं मिल पा रहा है।

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