Edited By Vikas Tiwari, Updated: 20 Dec, 2020 07:46 PM
मध्यप्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए प्रदेश युवा कांग्रेस के कार्यकारिणी के चुनाव में गजब की धांधली सामने आई है। यूथ कांग्रेस के महासचिव के पद पर एक ऐसे भाजपा कार्यकर्ता को चुन लि ...
जबलपुर (विवेक तिवारी): मध्यप्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए प्रदेश युवा कांग्रेस के कार्यकारिणी के चुनाव में गजब की धांधली सामने आई है। यूथ कांग्रेस के महासचिव के पद पर एक ऐसे भाजपा कार्यकर्ता को चुन लिया गया है, जो कि आठ माह पूर्व ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे चुका है। इतना ही नहीं, भाजपा के कार्यकर्ता ने अपना इस्तीफा वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं सहित संगठन के पदाधिकारियों को सौंपा था। इसके बावजूद इस चुनाव में उसे महासचिव के पद पर चुन लिया गया।
जबलपुर निवासी हर्षित सिंघई बरसों से कांग्रेस कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रहे थे, और वे सिंधिया समर्थक माने जाते हैं। इसी बीच आठ माह पूर्व ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली। उनके समर्थक हर्षित सिंघई ने भी ऐसा ही किया, और विधिवत रूप से भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। हाल ही में युवा कांग्रेस कार्यकारिणी के चुनाव संपन्न हुए इस चुनाव के दौरान ऑनलाइन वोटिंग की व्यवस्था रखी गई थी और उसमें हर्षित सिंघई को महासचिव पद का प्रत्याशी बनाया गया। इस पर हर्षित सिंघई ने कांग्रेस के नेताओं से संपर्क करके उन्हें इस गलती के लिए सूचित भी किया, और नाम हटाने का अनुरोध भी किया। लेकिन पार्टी संगठन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इधर चुनाव संपन्न होने के बाद हर्षित सिंघई को 12 वोट भी मिल गए और महासचिव के लिए चुन लिए गए। जबकि वे अब भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं।
हर्षित सिंघई ने बताया कि उन्होंने अन्य जिलों में भी इस संबंध में चर्चा की, तो मालूम हुआ कि पूरे प्रदेश में ऐसे कई भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं। जिन्हें यूथ कांग्रेस की कार्यकारिणी में जगह मिल गई है। ऐसे में साफ जाहिर है, कि यूथ कांग्रेस के चुनाव में जमकर धांधली की गई है, और लापरवाही बरती गई है। इधर भाजपा को कांग्रेस पर हमला करने का मौका मिल गया। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा है, कि इससे साफ जाहिर होता है, कि कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है। मनमाने ढंग से पार्टी के चुनाव होते हैं, और ऐसा ही वे आम चुनाव में करते हैं। लोकतंत्र का मजाक बनाते है। तो वहीं अब इस मामले को लेकर हर्षित न्यायलय की शरण मे जाने की तैयारी कर रहे है।