Edited By meena, Updated: 01 Jun, 2022 07:28 PM
संजीव बख्शी के उपन्यास भूलन कांदा पर यह फ़िल्म आधारित है। इसका निर्देशन मनोज वर्मा ने किया है। दरअसल मंगलवार की देर शाम ‘‘भूलन दी मेज‘‘ के प्रोडक्शन टीम एवं कलाकारों ने मुख्यमंत्री से सौजन्य मुलाकात कर फिल्म देखने का आमंत्रण दिया था, जिसे मुख्यमंत्री...
रायपुर(शिवम दुबे): सीएम भूपेश बघेल नेशनल फ़िल्म अवार्ड से सम्मानित फ़िल्म भूलन द मेज देखने पहुंचे। इस फिल्म में छत्तीसगढ़ की संस्कृति और लोकप्रचालित मान्यताओं को कहानी का रूप देकर फिल्माया गया है। संजीव बख्शी के उपन्यास भूलन कांदा पर यह फ़िल्म आधारित है। इसका निर्देशन मनोज वर्मा ने किया है। दरअसल मंगलवार की देर शाम ‘‘भूलन दी मेज‘‘ के प्रोडक्शन टीम एवं कलाकारों ने मुख्यमंत्री से सौजन्य मुलाकात कर फिल्म देखने का आमंत्रण दिया था, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया और आज फिल्म देखने पहुंचे।
भूलन द मेज की स्टोरी
भूलन द मेज फिल्म के टाइटल का छत्तीसगढ़ से गहरा संबंध है। भूलन छत्तीसगढ़ के जंगलों में पाया जाने वाला एक पौधा है। इस पौधे पर यदि कोई इंसान पैर रख देता है तो वह सब कुछ भूलने लगता है। रास्ता भूलकर जगंल में भटक जाता है। इस दौरान जब कोई दूसरा शख्स आकर जब उसे छूता है तो उसे होश आता है। कुल मिलाकर फिल्म के जरिये निर्देशक ने आज के सामाजिक, इंसानी, सरकारी व्यवस्था में आए भटकाव को दिखाने का प्रयास किया है।
फिल्म को मिल चुका है अवार्ड
फिल्म में छत्तीसगढ़ के धान, किसान, लोककला, संस्कृति, इंफ्रास्ट्रक्चर और आम बोलचाल की भाषा का इस्तेमाल किया गया है। इस फिल्म से छत्तीसगढ़ एक नई पहचान के साथ उभर रहा है। फिल्म भूलन दे मेज(Bhulan the Maze) को 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। इस फिल्म की शूटिंग गरियाबंद के भुजिया गांव में हुई थी इसमें एक्टर ओंकार दास मानिकपुरी ने काम किया है। इस फिल्म के टाइटल सॉन्ग का म्यूजिक कैलाश खेर ने दिया है।