ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025: छोटे उद्योगों के लिए बड़े अवसर तैयार : मुख्यमंत्री मोहन यादव

Edited By Himansh sharma, Updated: 28 Feb, 2025 07:48 PM

made in mp gets global recognition msme gets new direction

मेड इन एमपी को वैश्विक पहचान, एमएसएमई को मिली नई दिशा

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जीआईएस भोपाल से एमएसएमई क्षेत्र में मौजूद संभावनाओं को और अधिक ऊचाईयाँ मिलेगी। इससे राज्य के युवाओं के उद्यमी बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एमएसएमई क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए पीएम-मुद्रा, पीएम-विश्वकर्मा और एमएसएमई क्रेडिट गारंटी योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाएँ पहले ही लांच की हैं। जीआईएस भोपाल में कई एमएसएमई कंपनियों से 21 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव आए। इनसे राज्य में 1.3 लाख युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे, साथ ऐसे युवाओं को उद्यमी बनने के अवसर मिलेंगे जो अब तक नौकरी की तलाश में थे।

PunjabKesariव्यापक बैठकें और तकनीकी नवाचार

जीआईएस भोपाल में 600 से अधिक बी-2-जी बैठकें और 5 हजार से अधिक बी-2-बी बैठकें आयोजित की गईं। इनमें उद्योगपतियों, निवेशकों और एमएसएमई कंपनियों ने भाग लिया। पहली बार एआई-आधारित बिजनेस मैच-मेकिंग टूल का उपयोग किया गया, जिससे सही साझेदारों को जोड़ने में सहायता मिली। इन बैठकों ने मध्यप्रदेश को एक वैश्विक औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

PunjabKesariएमएसएमई क्षेत्र में राज्य सरकार की विशेष पहल

मध्यप्रदेश सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। हाल ही में कैबिनेट में नई एमएसएमई पॉलिसी मंजूर की गई। नई एमएसएमई नीति में अविकसित भूमि का लघु, मध्यम और सूक्ष्म इकाइयों को आवंटन, फ्लैट आधारित उद्योग लगाने की अनुमति, औद्योगिक क्षेत्रों का विकास और रख-रखाव उद्योग संघों के माध्यम से, 53 हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य, जिससे 86 लाख रोजगार सृजित होने की संभावना है। नई नीति में औद्योगिक भूमि आवंटन की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए ई-बिडिंग प्रणाली लागू की गई।

प्रदेश में एमएसएमई इकाइयों को आसान वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए नई योजनाएं शुरू की गई हैं। टैक्स इंसेंटिव, लैंड अलॉटमेंट और 'ईज-ऑफ-डूइंग बिजनेस' में सुधार को ध्यान में रखकर एमएसएमई उद्यमियों की मदद के लिए नीति बनाई गई है। सेक्टर में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को बढ़ावा देने के लिए एआई, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और ऑटोमेशन को अपनाने की दिशा में पहल की जा रही है। नई पॉलिसी में राज्य सरकार एमएसएमई के उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुँचाने के लिए विशेष योजनाओं पर कार्य कर रही है।

PunjabKesariप्रमुख निवेशक कंपनियां

जीआईएस-भोपाल में कई एमएसएमई कंपनियों ने राज्य में निवेश के लिए रुचि दिखाई, जिनमें प्रमुख रूप से वकी प्राइवेट लिमिटेड (इंदौर), भगवती तीरथ पॉलि कंटेनर्स इंडस्ट्री, इवेट लिमिटेड (भोपाल), आहाराम मिल्स प्राइवेट लिमिटेड (नीमच), डीटवी एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (इंदौर) और ईजीटेक एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड (भोपाल) शामिल हैं।

भविष्य की संभावनाएं

राज्य सरकार ने 2025 तक एमएसएमई क्षेत्र में और अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाएं लागू करने की योजना बनाई है। इसके अलावा, एमएसएमई सेक्टर के लिए समर्पित इनक्यूबेशन सेंटर्स और इंडस्ट्रियल क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। स्थानीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए 'मेड इन एमपी' अभियान को भी बढ़ावा दिया जाएगा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भोपाल से मध्यप्रदेश को एमएसएमई के लिए एक प्रमुख इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन बनाने में मदद मिलेगी और राज्य की आर्थिक प्रगति को नई गति मिलेगी।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!