Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 02 Apr, 2019 09:29 AM
लोकसभा चुनाव के साथ ही कयासों का दौर और अटकलें भी तेज हो गई हैं। भोपाल के बाद इंदौर ऐसी दूसरी सीट है जिसपर बीजेपी की ओर से सस्पेंस बरकरार है। इस दौरान इंदौर लोकसभा सीट के लिए इस बार लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन का टिकट कटने के आसार नजर आ रहे हैं।...
इंदौर: लोकसभा चुनाव के साथ ही कयासों का दौर और अटकलें भी तेज हो गई हैं। भोपाल के बाद इंदौर ऐसी दूसरी सीट है जिसपर बीजेपी की ओर से सस्पेंस बरकरार है। इस दौरान इंदौर लोकसभा सीट के लिए इस बार लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन का टिकट कटने के आसार नजर आ रहे हैं। टिकट की दौड़ में महापौर मालिनी गौड़ आगे नजर आ रही हैं। सोमवार को दिल्ली से भोपाल तक उनका टिकट तय होने की खबर चलती रही। हालांकि संगठन राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के नाम पर भी विचार कर रहा है लेकिन विजयवर्गीय ने संगठन के समक्ष चुनाव लड़ने के बजाय पश्चिम बंगाल में संगठन की जिम्मेदारी संभालने की इच्छा जताई है। उधर, ताई खेमे को भरोसा है कि टिकट ताई का ही होगा।
सोमवार को पत्रकारों से महाजन ने कहा कि मैं सभी वार्डों में जा रही हूं। बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को संदेश दे रही हूं कि कमल के फूल की सरकार बनना चाहिए। पार्टी को मेरा विकल्प भी तलाशना चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि आप इंदौर की चाबी किसे सौंपेंगी तो उन्होंने कहा कि यह काम हमारा- तुम्हारा नहीं, बल्कि संगठन का है।
महाजन के करीबी नेताओं का कहना है कि पार्टी ताई को ही टिकट देगी। कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के कारण इस तरह की अफवाह फैला रहे हैं। सुमित्रा महाजन यहां से हर बार निर्विवाद तौर पर बीजेपी की उम्मीदवार चुनी गई हैं। लेकिन इस बार बीजेपी हाइकमान का रूख बदला हुआ सा लग रहा है।