Edited By Himansh sharma, Updated: 18 Aug, 2024 09:24 PM
भाई-बहन के प्रेम का पवित्र पर्व रक्षाबंधन को लेकर राखी के मामले में बहनों की सोच कुछ अलग है।
गुना। (मिसबाह नूर): भले ही दौर आर्टिफिशियल सामग्री और चमक-धमक का हो, लेकिन भाई-बहन के प्रेम का पवित्र पर्व रक्षाबंधन को लेकर राखी के मामले में बहनों की सोच कुछ अलग है। पिछले कुछ वर्षों तक चांदी और सोने की राखियों की बिक्री बढऩे के बाद इस बार बाजार का माहौल बदला-बदला है। इस बार अधिकांश महिलाएं चांदी नहीं बल्कि रेशम के धागे को ही प्राथमिकता दे रही हैं।
ज्वेलर्स व्यवसाय से जुड़े व्यापारी बताते हैं कि शुरुआत में जब चांदी की राखी प्रचलन में आई थीं तो इन्हें खरीदने के लिए उत्साह नजर आया था। लेकिन एक बार फिर परम्परागत पर्व को मनाने के लिए परम्परागत रेशम के धागों को ही बहनें पसंद कर रही हैं। इसकी एक वजह चांदी और सोने के आसमान छू रहे दामों को भी बताया जा रहा है। यही वजह है कि एक बार फिर रेशम के धागों से बनी राखियों की बिक्री में तेजी आई है।
रक्षाबंधन से पहले बाजारों में खरीदारी का माहौल जोर पकड़ चुका है, मिठाइयों की दुकान से लेकर राखियों की दुकान पर जमकर भीड़ है। बाजार में हर दिन बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं, मिठाई की दुकानदारों का कहना है कि उनको एडवांस आर्डर भी मिल रहे हैं सोने चांदी की दुकानों पर भी जमकर भीड़ है।