SDM कोर्ट की ये तस्वीर आपको भावुक कर देगी, बहू बेटे ने गलती मानकर धोए पिता के पैर

Edited By meena, Updated: 03 Aug, 2021 06:24 PM

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एक प्रशासनिक अफसर अगर चाह ले तो समाज के हर वर्ग को पूर्ण न्याय मिल जाए। बस उस अफसर में कार्य करने के प्रति इच्छा शक्ति और व्यवहार कुशलता आवश्यक है। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में टॉप करने वाले आशीष पांडे वर्तमान में अपनी प्रशासनिक कार्य...

जबलपुर(विवेक तिवारी): एक प्रशासनिक अफसर अगर चाह ले तो समाज के हर वर्ग को पूर्ण न्याय मिल जाए। बस उस अफसर में कार्य करने के प्रति इच्छा शक्ति और व्यवहार कुशलता आवश्यक है। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में टॉप करने वाले आशीष पांडे वर्तमान में अपनी प्रशासनिक कार्य कुशलता के चलते न केवल प्रशंसा के पात्र बन रहे हैं बल्कि दीन हीन गरीबों का आशीर्वाद भी उन्हें मिल रहा है। टूटे घरों को एक करने में ऐसा लगता है आशीष पांडे ने महारथ हासिल कर ली है। वे जबलपुर के जिस अनुभाग में एसडीएम के रूप में पदस्थ रहे वहां पर उन्होंने अपने न्याय हित में लिए गए फैसलों के चलते एक अलग ही पहचान बनाई इस वक्त आशीष पांडे सिहोरा एसडीएम के रूप में पदस्थ हैं बीते 1 हफ्ते में उन्होंने तीन ऐसे फैसले दिए हैं जिससे न्याय का सही परिमार्जन हो रहा है। पिता पुत्र को एक करना हो, या बुजुर्ग माता को न्याय देना हो यह वे फैसले थे जो शायद आशीष पांडे ही कर सकते थे, समझते हैं, आशीष पांडे के तीन फैसले।

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पुत्र, पुत्रवधू, पिता का मतभेद 1 घंटे में दूर
एसडीएम कोर्ट सिहोरा में सोमवार को माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम के तहत दर्ज एक प्रकरण का एक घंटे के भीतर सुखद पटाक्षेप हुआ। सडीएम सिहोरा आशीष पाण्डे के पास ग्राम नन्हवारा मझौली निवासी 76 वर्षीय भूरेलाल चौहान के पुत्र नारायण चौहान व पुत्र वधु लक्ष्मी बाई के बीच संपत्ति को लेकर चल रहे विवाद का केस निराकरण हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से एसडीएम कोर्ट सिहोरा को सोमवार को ही प्राप्त हुआ था।

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पाण्डे ने बताया कि कोर्ट में प्रकरण पेश होते ही तत्काल सुनवाई के लिये भूरेलाल तथा उनके पुत्र एवं पुत्र वधु को बुलाया गया। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के बयान लिये गये और उन्हें अलग से बुलाकर मिलजुलकर रहने की समझाईश दी गई। पाण्डे ने बताया कि उनके द्वारा अलग-अलग बुलाकर समझाईश देने का परिणाम यह निकला कि इसके तुरंत बाद जब दोनों पक्षों को एकसाथ बुलाया गया तो उन सभी की आंखों से खुशी के आंसू निकल आये। इस मौके पर पुत्र नारायण चौहान और पुत्र वधु लक्ष्मी बाई ने भूरेलाल से पैर धोकर अपनी गलितयों के लिये माफी भी मांगी। भूरेलाल ने भी सभी गिले-शिकवों को दरकिनार करते हुये अतीत में उनके साथ किये गये व्यवहार को भूला देने का निश्चय किया तथा पुत्र और पुत्र वधु के साथ राजीखुशी वापस अपने घर के लिये रवाना हुये।

एसडीएम सिहोरा के मुताबिक भूरेलाल ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को दिये आवेदन में पुत्र और पुत्र वधु द्वारा उसके साथ किये जा रहे दुर्व्यवहार की शिकायत की थी। भूलेलाल ने बताया कि अपनी जमीन बेचकर उसने मकान बनवाया, नाती-नतरों को पढ़ाया लिखाया और उनकी शादी भी कराई। जब उसके पास कुछ नहीं बचा तो उसी को उनके घर में सुकून से रहने नहीं दिया जा रहा है।

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छोटी बाई बृद्धा को कलयुगी पुत्र से वापस दिलाई कृषि भूमि
एक 82 वर्षीय वृद्धा एसडीएम सिहोरा आशीष पांडे के न्यायालय में लाठी टेकते हुए कंपकंपाती हुई पहुंची और कहा कि साहब मेरे बेटे ने मुझे घर से बाहर निकाल दिया है और मेरी जमीन भी छुड़ा ली है। मैं आसपास भीख मांग कर अपना गुजारा कर रही हूं। वृद्धा की दर्द भरी कहानी सुनकर एसडीएम आशीष पांडे की आंखें नम हो गई उन्होने माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 के तहत प्रकरण में तीन दिन के अंदर फैसला देते हुए 82 वर्षीय वृद्धा को उसके पुत्र द्वारा जबरन द्वारा कब्जा कर ली गई। उसकी 1.04 हेक्टेयर कृषि भूमि वापस दिलाने का आदेश पारित किया है।

जानकारी के अनुसार ग्राम पड़रियाकला थाना खितौला निवासी 82 वर्षीय छोटी बाई बेवा प्रेमलाल कुर्मी द्वारा न्यायालय अनुविभागीय दंडाधिकारी सिहोरा को आवेदन दिया गया था कि उसके पुत्र कांशीराम द्वारा ग्राम पड़रिया स्थित उसके स्वामित्व की 0.51 हेक्टेयर तथा पति की मौत के बाद हिस्से में आई 0.53 हेक्टेयर भूमि पर जबरदस्ती कब्जा कर लिया गया है तथा उस पर खेती कर रहा है। छोटी बाई ने आवेदन में कहा कि पुत्र काशीराम द्वारा उसे घर से भी भगा दिया गया है और बीमार और वृद्ध होने के बावजूद देखभाल तो दूर उसके उदर-पोषण की भी कोई व्यवस्था भी नहीं की जा रही है।

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छोटी बाई ने बताया कि फिलहाल वह मजबूरी में अपनी अपनी पुत्री भगवती के घर पर रह रही है। छोटी बाई ने अपने आवेदन में एसडीएम सिहोरा से उसके स्वामित्व और हक की कृषि भूमि से बेटे को बेदखल कर उसे वापस कब्जा दिलाने का आग्रह करते हुए पैतिृक मकान में भी रहने हेतु एक कमरा दिलाने का निवेदन किया ताकि वह अपना भरण-पोषण खुद कर सके और शेष जीवन सुख-शांति से बिता सके। एसडीएम सिहोरा आशीष पांडे ने छोटी बाई के इस आवेदन को पंजीबद्ध कर काशीराम को नोटिस जारी किया तथा उसके बयान भी लिये। आशीष पांडे ने राजस्व निरीक्षक चरगंवा को प्रकरण की जांच कर तत्काल प्रतिवेदन प्रस्तुत करने कहा। 26 जुलाई को इस प्रकरण में निर्णय पारित करते हुए काशीराम को आदेश दिये कि वह अपनी मां छोटीबाई के स्वामित्व व हक की भूमि से तत्काल अपना कब्जा व दखल हाटाये एवं अपनी मां को कब्जा सौंप दे ताकि वह इस भूमि को ठेका या सिकमी देकर प्राप्त राशि से भरण-पोषण कर सके अथवा छोटी बाई को भरण-पोषण हेतु हर माह बारह हजार रुपये की राशि अदा करे।

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24 घंटे पर पुत्र को सिखाया सबक

वार्ड नंबर 11  पोस्ट ऑफिस के पीछे निवासरत 82 वर्ष की महिला ने एसडीएम सिहोरा  आशीष पांडे के समक्ष अपने पुत्र की काली करतूत की शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई जिस पर एसडीएम ने 24 घंटे के अंदर नजूल आर आई से प्रतिवेदन प्राप्त कर महिला के पक्ष में फैसला  पारित किया और आजीविका के साधन पर हस्तक्षेप करने वाले पुत्र को 1 सप्ताह के अंदर वादग्रस्त कक्ष खाली करने का आदेश जारी किया जानकारी के अनुसार माधुरी तिवारी पति स्वर्गीय  विनोद कुमार तिवारी वार्ड नंबर 11 में रहती है। सिहोरा में नजूल सीट 1305 / 11 रकवा 1200 वर्ग फुट में निर्मित दो मंजिला मकान में निवासरत है आवेदिका के परिवार में उनके 3 पुत्र एवं एक तलाकशुदा पुत्री मकान में निवास कर रही है भूतल पर माधुरी तिवारी की पुत्री द्वारा निजी स्कूल संचालित है जो आजीविका का एकमात्र साधन है तथा प्रथम तल पर महिला की सहमति से उनके बड़े पुत्र दो कमरों में सपरिवार प्रथम तल पर निवासरत हैं कोरोना काल में शैक्षणिक संस्थाओं का संचालन ना होने का फायदा उठाते हुए बड़े पुत्र द्वारा स्कूल के लिए बने कक्षाओं में अपनी गृहस्थी का सामान जमा करने लगे जिससे शैक्षिक संस्थाओं के खुलने पर स्कूल के संचालन में व्यवधान  आ गया  जिस से  आजीविका के साधन पर भी प्रभाव पड़ा  अनुविभागीय अधिकारी पांडे ने वृद्ध विधवा महिला की पीड़ा को देखते हुए 24 घंटे में नजूल निरीक्षक से  प्रतिवेदन प्राप्त कर महिला के पुत्र मनोज तिवारी को 1 सप्ताह के अंदर मकान के भूतल स्थित कमलों से गृहस्ती का सामान हटाकर कमरा खाली करने का आदेश पारित किया।

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