लोकसभा चुनाव से पहले इस बागी नेता की कांग्रेस में वापसी, BJP में हलचल

Edited By suman, Updated: 14 Mar, 2019 04:16 PM

this rebel leader s return to congress before lok sabha election

लोकसभा चुनाव से पहले कांंग्रेस को बड़ी राहत मिली है। विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट ना मिलने से कांग्रेस के बागी और पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा लोकसभा चुनाव से पहले घर वापसी हो गई है। जेवियर मेड़ा ने खुद इस बात का ऐलान किया है कि वे अब कांग्रेस के साथ...

भोपाल: लोकसभा चुनाव से पहले कांंग्रेस को बड़ी राहत मिली है। विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट ना मिलने से कांग्रेस के बागी और पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा लोकसभा चुनाव से पहले घर वापसी हो गई है। जेवियर मेड़ा ने खुद इस बात का ऐलान किया है कि वे अब कांग्रेस के साथ हैं और लोकसभा चुनाव में पार्टी को जिताने के लिए काम करेंगे। दिल्ली में आलाकमान के साथ हुई बैठक के बाद मेड़ा ने यह ऐलान किया है। जेवियर ने विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी की मुश्किलें बढा दी थी। वह झाबुआ से निर्दलीय होकर पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़े थे, जिसका नतीजा यह हुआ कि भाजपा जीत गई। हालांकि जेवियर की लोस चुनाव में भी रतलाम-झाबुआ सीट पर मुश्किलें बढ़ाने की तैयारी थी, लेकिन इसके पहले ही पार्टी नेताओं ने उन्हें मना लिया और वापसी हो गई।


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कांग्रेस से बागी हुए थे जेवियर मेड़ा
दरअसल, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर जेवियर मेड़ा बागी हो गए थे और उनके समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करना शुरु कर दिया था। यहां तक की वे सोनिया-राहुल गांधी से भी मिलने दिल्ली पहुंचे थे। इसके बाद पार्टी ने उन्हें पेटलावाद विधानसभा से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। उन्होंने निर्दलीय खड़े होकर कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया के खिलाफ चुनाव लड़ा। जेवियर ने कांग्रेस के करीब 35 हजार वोट काटे थे और झाबूआ सीट से विक्रांत भूरिया को 10 हजार से ज्यादा वोट से हार झेलनी पड़ी थी। नतीजा झाबुआ सीट भाजपा के खाते में चली गई।

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विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कांतिलाल भूरिया के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया था और परिवारवाद, भू-माफिया जैसे कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया था। इसके बाद जेवियर ने लोकसभा चुनाव में भी ताल ठोक दी थी। जेवियर फिर से बागी चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके थे और ऐसी स्थिति में भूरिया से नाराज सारे कांग्रेसी फिर एकजुट होने लगे थे। पार्टी को भी पता था कि जेवियर के रहते इस सीट पर इस बार भूरिया की  जीत मुश्किल है। पार्टी ने उन्हें मनाना शुरु कर दिया और वे मान गए और लोकसभा चुनाव से पहले ही उनकी घर वापसी करवा ली। इससे सबसे बड़ी राहत वर्तमान रतलाम-झाबुआ सांसद कांतिलाल भूरिया को मिली है।

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