संकट तमाम झेले हैं-हम बाधाओं से खेले हैं...' सीएम मोहन यादव ने कही मन की बात, बोले- हर कीमत पर करेंगे प्रदेश का विकास

Edited By Himansh sharma, Updated: 15 Aug, 2025 11:53 AM

79th independence day celebrated with great pomp in bhopal

79वें स्वतंत्रता दिवस पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने स्पष्ट संदेश दिया कि वे राज्य के विकास के लिए किसी भी कीमत पर रुकने वाले नहीं हैं।

भोपाल। 79वें स्वतंत्रता दिवस पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने स्पष्ट संदेश दिया कि वे राज्य के विकास के लिए किसी भी कीमत पर रुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने संकेत दिए कि राज्य के कल्याण में कोई भी बाधा विघ्न नहीं डाल सकेगी। गरीब-युवा-अन्नदाता-नारीशक्ति के लिए सरकार पूरी तरह संकल्पित है। इस मौके पर सीएम डॉ.यादव ने देश के साथ-साथ प्रदेश के  जननायकों को भी याद किया। उन्होंने उन सभी योजनाओं के बारे में चर्चा की, जो जनता के कल्याण के लिए लागू की गई हैं। स्वतंत्रता दिवस पर उन्होंने जनता को बताया कि प्रदेश का बजट प्रदेश के विकास और समृद्धि के लिए तैयार किया गया है। उसमें कोई नया कर नहीं लगाया गया। राज्य सरकार का लक्ष्य बजट को दोगुना करना है। प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 39 हजार वार्षिक से बढ़कर वर्ष 2024-25 में 1 लाख 52 हजार हो गई है। सीएम डॉ.यादव ने अपने संदेश में रोजगार, पर्यटन, पर्यावरण से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक का जिक्र किया। उन्होंने देशभक्ति गीत गाकर देश के दुश्मनों को भी कड़ा संदेश दिया। इस मौके पर सीएम डॉ. यादव ने पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को वीरता पदक से भी सम्मानित किया।

गौरतलब है कि, स्वतंत्रता दिवस पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने लाल परेड ग्राउंड पर ध्वजारोहण किया। उन्होंने अपने संदेश की शुरुआत 79वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाओं के साथ की। उन्होंने कहा कि भारत की स्वतंत्रता की यात्रा में अनगिनत बलिदानियों का त्याग और तप शामिल है। स्वतंत्रता दिवस सभी ज्ञात-अज्ञात राष्ट्र प्रेमियों के स्मरण और उन्हें आदरांजलि अर्पित करने का दिन है। मध्यप्रदेश की माटी ऐसे अनगिनत जननायकों की जन्म-भूमि रही है, जिन्होंने मां भारती की रक्षा में सर्वस्व न्यौछावर किया है। हमारी स्वतंत्रता में टंट्या मामा, खाज्या नायक, राजा भभूत सिंह, राजा शंकरशाह, रघुनाथ शाह, चंद्रशेखर आजाद, तात्या टोपे जैसे वीरों का बलिदान और रानी दुर्गावती, रानी अवंतिबाई, रानी कमलापति, रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई जैसी वीरांगनाओं का शौर्य शामिल है। 

विश्व ने देखी भारत की शक्ति और सामर्थ्य

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से विश्व ने भारत की शक्ति और सामर्थ्य दोनों देखा है। युद्ध में नई तकनीक को अपनाने की बात हो या सेना को आधुनिकतम अस्त्र-शस्त्र उपलब्ध करवाने का काम हो, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। हमने भारत की एकता और अखंडता पर कुदृष्टि डालने वालों को समझा दिया है कि, 'जिस भाषा में जो समझे वो भाषा पूरी बोलेंगे, देश धर्म की खातिर हम तो बात जरूरी बोलेंगे, सौ-सौ नमन हमारे होंगे देश के वीर सपूतों को, जिनका शौर्य सुनाने को अक्षर सिंदूरी बोलेंगे...।' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यकाल के 11 वर्ष अभूतपूर्व उपलब्धियों के हैं। देश में पिछले 11 वर्षों में जहां सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के सिद्धांत से प्रेरित होकर जन-केन्द्रित, समावेशी और सर्वांगीण प्रगति को प्राथमिकता दी गई है, वहीं भारत विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थ-व्यवस्था बना है। वर्तमान में भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था है। शीघ्र ही भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था बन जाएगा।

आत्म-निर्भर भारत कोई साधारण नारा नहीं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जहां कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति हुई है, वहीं नारी शक्ति वंदन अधिनियम के माध्यम से संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की पहल की गई। आत्म-निर्भर भारत कोई साधारण नारा नहीं, यह 140 करोड़ भारतीयों का अटल संकल्प है। यह संकल्प है, अपने बलबूते खड़े होने का, नवाचार से अपनी जरूरतें पूरी करने का और अपनी क्षमता को विश्व के साथ साझा करने का। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में यह मात्र सरकारी योजना नहीं, एक जीवंत जन-आंदोलन है। “आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत” का रास्ता स्वदेशी के प्रति समर्पण से ही होगा। देशवासियों को बस अपनी शक्ति और सामर्थ्य पहचानने की आवश्यकता है। आज मुझे ये कहते हुए हर्ष हो रहा है कि हमारा मध्यप्रदेश उन करोड़ों भारतवासियों के उस संकल्प को पूर्ण करने का माध्यम बन रहा है, जिस स्वप्न को हम “आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत” कहते हैं। सीएम डॉ. यादव ने गीत गाया, 'संकट तमाम झेले हैं, हम बाधाओं से खेले हैं, किसी ने साथ दिया कि नहीं दिया,पथ के पर्वत हमने धकेले हैं...।'

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स्वदेशी से मिलेगी देश को नई पहचान

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज इस संकल्प का भी दिन है कि हमारा पुरुषार्थ और हमारा पराक्रम स्वदेश के हित में स्वदेशी को स्वीकारे और स्वदेशी का प्रसार करें। भारत की आत्मा में बसा "स्वदेशी" केवल आर्थिक नीति नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान, आत्म-निर्भरता और वैश्विक नेतृत्व का मंत्र है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘ लोकल फॉर ग्लोबल’ के आह्वान के साथ हमें हर क्षेत्र-टेक्नोलॉजी, मैन्यूफैक्चरिंग, स्टार्टअप, कृषि, ऊर्जा और रक्षा में स्वदेशी को आधार बनाना है। इसका अर्थ है कि हर उत्पाद हमारे कौशल, हमारे श्रम और हमारे संसाधनों से निर्मित हों। प्राकृतिक खेती से लेकर सेमीकंडक्टर मिशन तक, अंतरिक्ष अनुसंधान से लेकर स्वदेशी युद्धपोत निर्माण तक, हमें भारत को नवाचार और उत्पादन की अग्रिम पंक्ति में खड़ा करना है। जिस तरह खादी के एक धागे ने स्वतंत्रता संग्राम को शक्ति दी थी, वैसे ही स्वदेशी का प्रत्येक कदम हमें विकसित भारत के संकल्प की ओर ले जाएगा।

मध्यप्रदेश पर बढ़ा है निवेशकों का विश्वास

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश का वर्ष 2025-26 का बजट प्रदेश के विकास और समृद्धि के लिए तैयार किया गया है, जिसमें कोई नया कर नहीं लगाया गया। राज्य सरकार का लक्ष्य बजट को दोगुना करना है। मध्यप्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 39 हजार वार्षिक से बढ़कर वर्ष 2024-25 में एक लाख 52 हजार हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश सरकार गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी (GYAN) के कल्याण के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। मध्यप्रदेश सरकार ने चार मिशन- युवा शक्ति, नारी सशक्तिकरण, किसान-कल्याण और गरीब कल्याण मिशन प्रारंभ किए हैं। युवा कल्याण राज्य सरकार की प्राथमिकता है। प्रदेश में गठित स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन के तहत कौशल विकास, प्रशिक्षण, नवाचार और शोध को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रदेश के सभी शासकीय विभागों में एक लाख पदों पर भर्तियां की जा रही हैं। आगामी पांच वर्ष में 2 लाख 50 हजार भर्तियां करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। देश के केन्द्र में स्थित होने के कारण सभी दिशाओं में आसान पहुंच, कच्चे माल की उपलब्धता, कुशल मानव संसाधन, लॉजिस्टिक सुविधा और उद्योग हितैषी 18 नितियों के क्रियान्वयन से निवेशकों का भरोसा मध्यप्रदेश पर बढ़ा है। निवेश हितैषी औद्योगिक इकोसिस्टम के कारण मध्यप्रदेश के निर्यात में 6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। मध्यप्रदेश ने वर्ष 2025 को उद्योग एवं रोज़गार वर्ष घोषित किया है। प्रदेश में 7 रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के बाद अब खनिज और पर्यटन जैसी विषयवार कॉन्क्लेव  सम्पन्न की जा रही हैं। भोपाल में पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रमुख आतिथ्य में अनंत संभावनाएं थीम पर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 का आयोजन किया गया।

निवेश और खेल में बड़ी उपलब्धियां

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निवेश संवर्धन क्षेत्र में भी हमने बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। उद्योग संवर्धन नीति के तहत 5 हजार करोड़ से अधिक की सहायता उद्यमियों को दी गई है। साथ ही, 15 नए औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए 22 सौ करोड़ का निवेश किया गया है। प्रदेश में एक हजार औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन के लिए आशय पत्र और आवंटन आदेश जारी किए गए हैं, जिससे 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश एवं 93 हजार से अधिक व्यक्तियों को रोज़गार प्राप्त होने की संभावना है। स्वदेशी अभियान “विकसित और आत्मनिर्भर” मध्यप्रदेश की आधारशिला रख रहा है। रायसेन जिले के उमरिया गांव में बीईएमएल आधुनिक रेल कोच कारखाने और धार जिले में पीएम मित्र पार्क के माध्यम से इन प्रयासों को बल मिलेगा। धार में पीएम मित्र पार्क से मध्यप्रदेश को टेक्सटाइल इंडस्ट्री में फॉर्म से फॉरेन तक नई दिशा मिलेगी। केन्द्र सरकार के जन विश्वास अधिनियम, 2023 का अनुसरण करते हुए मध्यप्रदेश, ने प्रदेश में ईज ऑफ लिविंग और डूईंग बिजनेस के लिए जन विश्वास बिल पारित कर अधिसूचित किया है। ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश, देश का पहला राज्य है। प्रदेश में 18 खेलों की 11 अकादमियां सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में संचालित हैं। इनमें 80 प्रतिशत खिलाड़ी प्रदेश से और 20 प्रतिशत अन्य राज्यों से लिए जाते हैं, ताकि "एक भारत-श्रेष्ठ भारत" की भावना को बढ़ावा मिले। सीएम डॉ. यादव ने फिर इस गीत से अपना संदेश स्पष्ट किया, 'कोई चलता पद चिन्हों पर, कोई पद चिन्ह बनाता है, बस वही सूरमा वीर पुरुष, दुनिया में पूजा जाता है...।' वर्ष 2025-26 में हमारे होनहारों ने खेल के मैदान में शानदार प्रदर्शन किया है। खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 6 स्वर्ण, 9 रजत, 6 कांस्य और राष्ट्रीय स्तर पर 82 स्वर्ण, 65 रजत, 57 कांस्य पदक जीते हैं। 

बढ़ रही महिलाओं की भागीदारी

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि  महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए देवी अहिल्या नारी सशक्तिकरण मिशन शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में बहनों को प्रतिमाह 1250 रुपए प्रदान किए जाते हैं। भाईदूज से यह राशि बढ़ा कर 1500 रुपये प्रतिमाह कर दी जाएगी। लखपति दीदी की पहल से 10 लाख 74 हजार समूह सदस्यों के परिवार लखपति बने हैं। टेक्सटाईल सहित रोज़गार परक उद्योगों में हमने प्रतिमाह युवतियों एवं युवकों को पांच हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने का फैसला लिया है। वर्तमान में किसानों को 5 रुपए में बिजली का स्थायी कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है। हमने 3 वर्षों में 32 लाख सोलर पंप उपलब्ध करा कर किसानों को बिजली बिल से मुक्ति दिलाने का लक्ष्य रखा है। किसान भाईयों को 10 लाख कनेक्शन देकर 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। किसानों से गेहूं समर्थन मूल्य 2600 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदा गया है। मध्यप्रदेश में देश का सर्वाधिक प्रमाणित जैविक खेती क्षेत्र है। प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं। प्रदेश के 14 लाख से अधिक किसानों के खातों में 1383 करोड़ रुपये फसल बीमा राशि जारी की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि उद्योग समागम 2025 एक नई पहल है। इस समागम का आयोजन किसानों की आय बढ़ाने, कृषि को उद्यमिता से जोड़ने और आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया। मंदसौर में 3812 करोड़ रुपये के निवेश से 11 औद्योगिक इकायों का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ, जिससे 6850 लोगों को रोज़गार मिलेगा। इसी तरह तीन दिवसीय समागम का आयोजन नरसिंहपुर में किया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना में डेढ़ वर्ष में किसानों को कुल 46 हजार 700 करोड़ रुपये का वित्तीय समर्थन दिया गया।

दूध उत्पादकों के लिए बड़ी योजना 


सीएम डॉ. यादव ने कहा कि पशुपालन और डेयरी विकास के लिए सरकार द्वारा योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। डॉ. भीम राव अम्बेडकर कामधेनु योजना में पशुपालक को 25 दुधारू पशु गाय, भैंस, की इकाई प्रदान की जाएगी। योजना में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों के लिए 33 प्रतिशत एवं अन्य वर्ग के लिए 25 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था है। गौ-शालाओं में प्रति गौ-वंश दी जाने वाली 20 रुपये को बढ़ाकर 40 रुपये करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना में प्रदेश के ग्रामों को आत्म-निर्भर बनाया जाएगा। पीएम स्वनिधि योजना से प्रदेश के 8 लाख से अधिक हितग्राहियों को 10 हजार से     50 हजार तक की ऋण सहायता उपलब्ध कराई गई है। स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन में प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। स्वामित्व योजना में 39 लाख से अधिक लोगों को भू-अधिकार पत्र वितरित किए गए हैं। श्रमिक हितों का संरक्षण हमारी प्राथमिकता है। श्रमिकों के लिए संबल योजना लागू है, जिसमें लगभग पौने दो करोड़ श्रमिक पंजीकृत हैं। श्रम कल्याण मंडल ने विभिन्न योजनाओं में 51 करोड़ रुपये की सहायता दी हैं। अधिक से अधिक श्रमिकों के नियोजन एवं उद्योगों की सुगमता के लिए कारखाना अधिनियम 1948, औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 और ठेका श्रम अधिनियम 1970 में संशोधन किए गए हैं। प्रदेश में एक करोड़ 33 लाख परिवारों को निःशुल्क खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। हुकुमचंद मिल की तरह रतलाम और ग्वालियर की मिल के मजदूरों को उनका हक दिलाया जाएगा। 

विद्यार्थियों का हो रहा चहुंमुखी विकास


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। कक्षा 1 से महाविद्यालय स्तर तक के लगभग साढ़े 15 लाख विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। प्रदेश में जनजातीय वर्ग के समग्र विकास और कल्याण के लिए धरती आबा-जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरूआत की गई है। भगवान बिरसा मुंडा सहित जनजातीय समाज के नायकों की गौरव गाथाओं को शैक्षणिक पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। प्रदेश सरकार ने पेसा नियमों से ग्राम सभाओं को सशक्त किया है, जिससे बिना थाने-कोर्ट जाए आपसी चर्चा से विवाद सुलझ रहे हैं। पीएम जनमन योजना और धरती आबा अभियान से 68 करोड़ से अधिक के कार्य किए गए। 21 जिलों में    66 मोबाइल मेडिकल यूनिट का संचालन और सभी 89 जनजातीय विकासखंडों में सिकलसेल हीमोग्लोबिनोपैथी मिशन लागू है। पिछड़ा वर्ग विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना में एक हजार 300 से अधिक अभ्यर्थियों को 465 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। प्रदेश में लोक निर्माण से लोक कल्याण का लक्ष्य है। आगामी पांच वर्ष में प्रदेश में नर्मदा प्रगति पथ, विंध्य एक्सप्रेस-वे, मालवा-निमाड़ विकास पथ, अटल प्रगति पथ, बुंदेलखंड विकास पथ एवं मध्य भारत पथ का निर्माण करवाया जाएगा। प्रदेश में एक लाख किलोमीटर सड़क और 500 रेल ओवरब्रिज-फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा। मजरा-टोला सड़क योजना में सुदूर बसाहटों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के लिए 30 हजार किलोमीटर से अधिक सड़क निर्माण का लक्ष्य हमने रखा है। जल जीवन मिशन के माध्यम से प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में 78 लाख से अधिक परिवारों और 19 हजार से अधिक गांवों के प्रत्येक घर तक नल से जल की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। प्रदेश में 55 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हो रही है। सिंचाई क्षमता में पिछले डेढ़ वर्ष में 7.56 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां नदियों को जोड़ने के अभियान की शुरुआत हुई है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र के साथ अंतर्राज्यीय परियोजनाओं से 25 जिले लाभान्वित होंगे। केन-बेतवा, पार्वती-कालीसिंध-चंबल और ताप्ती-बेसिन मेगा रिचार्ज जैसी योजनाएं जल स्तर बढ़ाकर किसानों को आत्मनिर्भर बनाएंगी।

जलगंगा संवर्धन अभियान में मध्यप्रदेश का बेहतर प्रदर्शन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि  हमारा प्रदेश विद्युत उत्पादन में अग्रणी है। मुझे बताते हुए खुशी है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 में नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में लगभग पौने 6 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इन निवेशों से 1 लाख 85 हजार नए रोज़गार सृजित होने की उम्मीद है। हमारा लक्ष्य वर्ष 2030 तक 50 प्रतिशत ऊर्जा, अक्षय स्रोतों से प्राप्त करना है। इस समय हमारे पास 24 हजार 600 से अधिक मेगावॉट बिजली बनाने की क्षमता है, जिसे इस वर्ष 2 हजार मेगावॉट से अधिक बढ़ाने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री मोदी ने ओंकारेश्वर में देश की सबसे बड़ी-फ्लोटिंग सौर परियोजना शुरू की। यहां पहले चरण में 278 मेगावॉट बिजली बनने लगी है। आगर और नीमच में बड़े सौर प्लांट शुरू हुए हैं। मुरैना में 800 मेगावॉट की सोलर परियोजना विकसित की जा रही है, जिसमें 600 मेगावॉट की ऊर्जा भंडारण क्षमता भी होगी। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय खनन कॉन्क्लेव में 11 औद्योगिक संस्थानों से 19,650 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। अपने सिर पर छत और अपना आंगन, हर व्यक्ति का सपना होता है। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत मध्यप्रदेश ने 49 लाख से अधिक स्वीकृत आवासों में से लगभग 38 लाख आवास पूर्ण कर देश में द्वितीय स्थान हासिल किया है। जनजाति कल्याण के अंतर्गत पीएम जनमन योजना में प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर है। योजना में 1 लाख 83 हजार आवास स्वीकृत कर 76 हजार पूर्ण किए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी अंतर्गत 8 लाख से अधिक शहरी परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध हो गया है। जलगंगा संवर्धन अभियान में मध्यप्रदेश ने बेहतर प्रदर्शन किया है। तीन माह तक चले इस अभियान में खेतों में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 85 हजार से अधिक खेत-तालाब तथा एक लाख 5 हजार कुआं पुनर्भरण में लक्ष्य से अधिक उपलब्धि दर्ज की है। अमृत सरोवर 2.0 में एक हजार से अधिक नए सरोवर बनाए जा रहे हैं। गर्व की बात है कि खंडवा जिला जल-संचय में देश में प्रथम स्थान पर है। अविरल निर्मल नर्मदा योजना में साढ़े 5 हजार से अधिक हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण स्वीकृत किया गया है।

बदल जाएगा प्रदेश का इंफ्रास्ट्रक्चर 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में पर्यावरण-संरक्षण और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए ‘एक बगिया मां के नाम’ परियोजना की शुरुआत आज से की जा रही है। यह 15 सितम्बर तक चलेगी। मनरेगा के माध्यम से 30 हजार से अधिक स्व-सहायता समूह की पात्र महिलाओं की 30 हजार एकड़ निजी भूमि पर 30 लाख से अधिक फलदार पौधे लगाए जाएंगे, जिस पर एक हजार करोड़ रुपये व्यय होंगे। प्रदेश में 922 करोड़ रुपए की लागत से 24 सौ से अधिक नए अटल पंचायत सेवा सदन स्वीकृत किए गए हैं। प्रदेश में शहरी विकास को नई गति देते हुए दो मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र बनाए जा रहे हैं। इनमें से एक इंदौर, उज्जैन, देवास और धार जिलों के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर तथा दूसरा भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा और राजगढ़-ब्यावरा जिलों के क्षेत्रों को मिलाकर बनाया जा रहा है। भविष्य में जबलपुर और ग्वालियर भी मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र बनेंगे। इससे अधोसंरचना मजबूत होगी और कस्बों-नगरों में व्यापारिक, नागरिक संपर्क बढ़ेगा। प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से स्वच्छता सर्वेक्षण-2024 में इंदौर, उज्जैन, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और बुदनी सहित आठ नगरों को स्वच्छता में राष्ट्रीय सम्मान मिला, जो सरकार और जन-सहभागिता का परिणाम है। नक्सल उन्मूलन के लिए बालाघाट, मंडला और डिंडौरी में विशेष दस्तों में 850 पद बढ़ाए गए, उत्कृष्ट प्रदर्शन पर पुलिसकर्मियों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया जा रहा है। प्रदेश नवीन आपराधिक कानून लागू करने में अग्रणी है। डायल 100 को डायल 112 से जोड़कर 12 सौ आधुनिक वाहन तैनात किए गए हैं। ई-समंस शुरू करने में प्रदेश देश में प्रथम है, अब तक 10 लाख ई-समंस तामील हुए हैं। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि मुझे आपको बताते हुए प्रसन्नता है कि प्रदेश में आम जनता के लिए सुगम, सुरक्षित और किफायती लोक परिवहन व्यवस्था लागू की जा रही है। मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा के तहत नगर और ग्रामीण मार्गों पर आवश्यकता अनुसार सुविधाजनक यात्री बस सेवा चलाई जाएगी।

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विमान सेवाओं का तेजी से विस्तार

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में विमान सेवाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है। रीवा, सतना और दतिया में नए एयरपोर्ट शुरू हुए हैं। बीते वर्ष में विमानतलों की संख्या 5 से बढ़कर 8 हुई है और शिवपुरी के लिए अनुबंध हो चुका है। लक्ष्य है कि हर 150 किमी पर एक हवाई अड्डा और हर 75 किमी पर एक हवाई पट्टी हो, ताकि सुदूर अंचलों तक हवाई पहुंच संभव हो। “आरोग्यम् परमं भाग्यं” निरोगी काया सबसे बड़ा धन है। प्रदेशवासियों को उचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। प्रदेश में पीपीपी मोड पर नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए जा रहे हैं। इससे ग्रामीण अंचलों की बड़ी आबादी तक उपचार की सुविधा पहुंचेगी। पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा का लाभ दूर-दराज के गांवों तक पहुंच रहा है। राहवीर योजना के तहत सड़क दुर्घटना में घायल को एक घंटे में अस्पताल पहुंचाने वाले जिम्मेदार नागरिक को 25 हजार रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा। आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए जिला स्तरीय एलोपैथिक अस्पतालों में 22 एकीकृत आयुष विंग स्वीकृत की गई हैं। राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत भारत सरकार के प्रदेश में 800 आयुष आरोग्य मंदिर संचालित हैं। प्रदेश में मानवता और सेवा भाव को समर्पित नि:शुल्क शव वाहन सेवा शुरू की गई है। प्रत्येक जिला चिकित्सालय को 2 और मेडिकल कॉलेज वाले जिलों  को 4 वाहन दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा सशक्त समाज का आधार है। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू करने वाला अग्रणी प्रदेश रहा है। सभी 55 जिलों में पीएमश्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस शुरू किए गए हैं। स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता के लिए सांदिपनी विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं। प्रदेश में 89 हजार से अधिक मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिए 224 करोड़ रुपये दिए गए हैं और योग्य विद्यार्थियों को नि:शुल्क स्कूटी वितरित की गई है। संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर के लिए मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस स्वर्ण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इससे मध्यप्रदेश डिजिटल भूमि प्रबंधन में देश का अग्रणी राज्य बना है।

अब प्रदेश में फेसलेस और पेपरलेस नामांतरण

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि साइबर तहसील के माध्यम से सम्पूर्ण खसरे का नामांतरण अब फेसलेस, पेपरलेस और पूरी तरह ऑनलाइन हो गया है। पिछले डेढ़ वर्ष में पौने 2 लाख से अधिक न्यायालयीन आदेश पारित किए गए हैं। मध्यप्रदेश में "एक पेड़ मां के नाम 2.0" योजना के तहत 5 करोड़ 40 हजार पौधे लगाए गए हैं। प्रदेश का सतपुड़ा टाइगर रिजर्व देश के 53 टाइगर रिजर्व में प्रभावी प्रबंधन में दूसरे स्थान पर है, जबकि कान्हा टाइगर रिजर्व को देश का सर्वश्रेष्ठ टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है। डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर रातापानी अभयारण्य को राज्य का आठवां और माधव राष्ट्रीय उद्यान को नौवां टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है। चीता प्रोजेक्ट के तहत कूनो में 26 चीते मौजूद हैं और गांधी सागर अभयारण्य में चीतों का नया घर तैयार है। वहां चीतों की बसाहट भी कर दी गई है। वन्य जीव पर्यटन के लिए ओंकारेश्वर और जहानगढ़ अभ्यारण्य विकसित किए जाएंगे। पचमढ़ी अभ्यारण्य को राजा भभूत सिंह के नाम से जाना जाएगा। प्रदेश में नदियों के संरक्षण के लिए गंगोत्री हरित योजना शुरू की गई है। इसके तहत लगभग 100 नदियों के उद्गम स्थलों पर 10-10 एकड़ भूमि में 42 करोड़ रुपये की लागत से करीब ढाई लाख पौधों का रोपण किया जा रहा है।

विश्व में एमपी के टूरिज्म की अलग पहचान

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि  प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा और ग्रामीण संस्कृति से पर्यटकों को जोड़ने के लिए ग्रामीण पर्यटन परियोजना चलाई जा रही है। इसके तहत 121 गांवों में 241 होम-स्टे विकसित किए गए हैं। हाल ही में यूनेस्को ने भोजपुर को अपनी सूची में जोड़ा है और ग्वालियर को क्रिएटिव सिटी ऑफ म्यूजिक का दर्जा दिया है। अब मध्यप्रदेश में 3 स्थायी और 15 टेंटेटिव मिलाकर कुल 18 यूनेस्को धरोहरें हैं। ये आंकड़ा देश में सर्वाधिक है। मध्यप्रदेश में सांस्कृतिक अभ्युदय का नया दौर है। पिछले डेढ़ वर्ष में प्रदेश में मकर संक्रांति से लेकर गीता जयंती तक अनेक पर्व-त्योहार सरकार और समाज ने मिलकर मनाए हैं। कुल 1450 किमी लंबे श्रीराम वन गमन पथ और श्रीकृष्ण लीलाओं से जुड़े तीर्थस्थलों को जोड़ते हुए श्रीकृष्ण पाथेय का निर्माण किया जाएगा। सिंहस्थ-2028 अभूतपूर्व होगा। शिप्रा पर 30 किलोमीटर लंबाई के नवीन घाट निर्मित किए जा रहे हैं। इससे सिंहस्थ के दौरान 24 घंटे में लगभग 5 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे। शिप्रा का जल निर्मल और प्रवाहमान बनाए रखने के लिए सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना एवं शुद्धिकरण के लिए कान्ह डायर्वजन क्लोज डक्ट परियोजना विकसित की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऑपरेशन सिन्दूर ने भारतीय सेनाओं के अप्रतिम साहस को दुनिया के सामने रखा। सेना के सम्मान में मई माह में प्रदेशभर में तिरंगा यात्राएं निकाली गईं। इस संदेश के साथ भी सीएम डॉ. यादव ने गीत गाया, 'रौशनी होंगी चिरागों को जलाए रखना, ये बात हवाओं को बताए रखना, लहू देकर हिफाज़त वीरों ने की, ऐसे तिरंगे को दिल में बसाए रखना...।' उन्होंने कहा कि देश में आस्था से अर्थव्यवस्था तक, परम्परा से प्रौद्योगिकी तक, सुविधा से सरोकार तक, कृषि से उद्योग तक, नौकरी से स्टार्ट-अप तक हर क्षेत्र में नए-नए कीर्तिमान रचे गए हैं। मध्यप्रदेश ने स्थापना से लेकर अब तक विकास यात्रा के अनेक पड़ाव सफलतापूर्वक पार किए हैं। प्रदेश की प्रगति के निर्णयों को नागरिकों का व्यापक समर्थन मिला है और हम विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। आप सभी के सहयोग से यह विकास का कारवां निरंतर आगे बढ़ता रहेगा, इसका मुझे पूर्ण विश्वास है। उन्होंने फिर गीत से संदेश दिया, अभी तो असली उड़ान बाकी है, अभी कुछ प्रतिमान बाकी हैं,अभी हमने पर्वतों को पार किया, अभी तो आसमान बाकी है।

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