हॉर्वर्ड-ऑक्सफ़ोर्ड इसलिए फेल क्योंकि वहां विद्यार्थी परिषद नहीं – CM मोहन यादव

Edited By meena, Updated: 19 Dec, 2024 04:21 PM

cm inaugurated the 57th session of abvp in guna

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को गुना में शुरु हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 57वें अधिवेशन का शुभारंभ किया...

गुना (मिस्बाह नूर) : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को गुना में शुरु हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 57वें अधिवेशन का शुभारंभ किया। एबीवीपी के पूर्व कार्यकर्ता डॉ. मोहन यादव ने अधिवेशन का शुभारंभ करने के अनुभव को रोमांचक और आनंदमयी बताया। उन्होंने भारत के बाहर दुनिया के बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों में एबीवीपी की कमी खलने की बात करते हुए कहा कि हॉर्वर्ड और ऑक्सफोर्ड में विद्यार्थी परिषद नहीं हैं, इसलिए वे सब फेल हैं।

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सीएम ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि किताबों में विद्या हो सकती है लेकिन विद्या को चिंतन-मनन के लिए व्यवहारिक दुनिया में उसका अनुभव करना जरूरी है। तब तक छात्र शक्ति का सही मूल्यांकन नहीं कर सकते हैं। उन्होंने आजादी के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की नींव रखने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह तत्कालीन सरकार दमनात्मक व्यवहार कर रही थीं, उसे देखते हुए इस छात्र संगठन की आवश्यकता थी। विद्यार्थी परिषद का जन्म होना नवकृष्ण के जन्म की घटना के बराबर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थी परिषद सच्चा देशभक्त नागरिक बनना सिखाता है। विद्यार्थी परिषद का उद्देश्य ही उत्तम नागरिक बनाकर श्रेष्ठ नागरिगता धारण कराना है। व्यवहारिक ज्ञान अर्जित करते-करते विद्यार्थी देश और प्रदेश के साथ-साथ विश्व का जवाबदेह नागरिक बने, इस भावना के साथ विद्यार्थी परिषद काम करती है।

डॉ. मोहन यादव के अनुसार छात्र शक्ति में ही राष्ट्रशक्ति छिपी हुई है। इसे विद्यार्थी परिषद दिशा देने का काम कर रहा है। जब लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा था उस समय एक आंदोलन गुजरात से शुरु होकर बिहार तक बढ़ा और वहां से जयप्रकाश के नेतृत्व में देशभर में फैल गया। तब भी विद्यार्थी परिषद की भूमिका महत्वपूर्ण थी। उन्होंने दावा किया कि 18 वर्ष की आयु में वोट डालने का अधिकार विद्यार्थी परिषद की वजह से ही मिला है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गुरुवार सुबह लगभग 11 बजे गुना हवाई पट्टी पर पहुंचे थे। जहां उनका भाजपा के स्थानीय नेताओं ने स्वागत किया। इसके बाद वे प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के सामने बनाए गए अस्थायी वीर तात्या टोपे भूमि परिसर पहुंचे, जहां देश और विदेश से आए छात्रों को संबोधित किया। उनके साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान भी मौजूद रहे।

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हम रोजगार देने वाली युवा पीढ़ी बनाएंगे

मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश के कॉलेजों में रोजगारोन्मुखी शिक्षा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार युवा पीढ़ी को रोजगार मांगने वाला नहीं, बल्कि रोजगार देने वाला बनाएगी। इस दिशा में काम किया जा रहा है। नई योजनाओं और स्टार्टअप में सरकार मदद करेगी।

गुना में शुरु होंगे कृषि और नर्सिंग पाठ्यक्रम

एबीवीपी अधिवेशन के मंच से मुख्यमंत्री ने बताया कि गुना सहित खरगौन और सागर को तीन नए विश्वविद्यालय की सौगात दी गई है। इन्हें वीर तात्या टोपे विश्वविद्यालय नाम दिया गया है। यह उन शहीदों के लिए श्रद्धांजलि है जो अंग्रेजों और सत्ता के दमन के सामने दबे नहीं। सीएम ने तात्या टोपे सहित टंट्या मामा, रानी अवंतीबाई के बलिदान को भी याद किया। उन्होंने गुना में शुरु हुए विश्वविद्यालय में कृषि संकाय, पैरामेडीकल और नर्सिंग पाठ्यक्रम शुरु करने की घोषणा की है। सीएम ने बताया कि छात्र नर्सिंग पाठ्यक्रम पढ़ेंगे और पास के ही अस्पतालों में ट्रेनिंग लेंगे, इससे रोजगार बढ़ेगा। विद्यार्थियों के हाथों में हुनर होना चाहिए। सपनों को सार्थक करने के लिए सरकार काम कर रही है।

मेडीकल कॉलेजों में होंगी 10 हजार सीटें

डॉ. मोहन यादव ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मध्यप्रदेश का चिकित्सा क्षेत्र निरंतर उन्नति कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि साल 2003-04 तक मध्यप्रदेश में सिर्फ 5 मेडीकल कॉलेज थे और 400 सीट स्नातक की हुआ करती थीं। भाजपा की सरकार में 15 सालों के बाद 30 मेडीकल कॉलेज हो गए हैं। अब पीपीटी मॉडल से मध्यप्रदेश में मेडीकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाएंगी। मेडीकल कॉलेज बढ़कर 52 होंगे, जिनमें 10 हजार छात्र-छात्राएं चिकित्सा की पढ़ाई कर सकेंगे। सीएम ने कहा कि आजादी के बाद मध्यप्रदेश पहला राज्य है जो एलोपैथी के साथ आयुर्वेद पर भी ध्यान दे रहा है। मध्यप्रदेश में 5 मेडीकल कॉलेज आयुर्वेद की शिक्षा देंगे। सरकार नियमों का पालन करने वाले निवेशकों को मेडीकल कॉलेज खोलने में मदद करेगी। नियमों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

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जल और खेती से समृद्ध बनेगा मध्यप्रदेश

गुना में आयोजित विद्यार्थी परिषद के प्रांतीय अधिवेशन में बोलते हुए सीएम डॉ. मोहन यादव ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी द्वारा सिंचाई के जरिए समृद्धि का स्वर्णिम सपना पूरा करने की बात कही। सीएम ने कहाकि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिशा में काम कर रहे हैं। केन-बेतवा, पार्वती-चम्बल-कालीसिंध जैसी नदी जोड़ो परियोजनाओं से कृषि क्षेत्र को विस्तार मिलेगा। सीएम ने अपने भाषण में इजराइज की भूमि उत्पादन क्षमता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमारा युवा कृषि विषयों में अध्ययन करेगा तो यहां भी बदलाव आएगा। नई पीढ़ी मध्यप्रदेश को समृद्ध बनाएगी।

मैकाले से प्रभावित थी पुरानी शिक्षा नीति

सीएम यादव ने नई शिक्षा नीति-2020 की प्रशंसा की और इसे लागू होने का श्रेय भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को ही दिया है। उन्होंने कहा कि पुरानी शिक्षा नीति लार्ड मैकाले से प्रभावित थी। फिर 2020 में सच्चे अर्थों में नई नीति आई है। शिक्षा नीति में सुधार के लिए विद्यार्थी परिषद लंबे समय से आवाज उठा रहा था। इस नीति ने हमारी जड़ों को प्राचीन गौरव दिलाने वाली संस्कृति से जोडऩे का प्रयास किया है। नए और बदलते भारत में सबसे बड़ी भूमिका नई शिक्षा नीति की है।

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