इंदौर ,उज्जैन के बाद अब भोपाल को भिखारी मुक्त शहर बनाने की पहल, भीख देने वालों पर जुर्माना

Edited By Himansh sharma, Updated: 26 Dec, 2024 04:11 PM

initiative to make bhopal a beggar free city

भोपाल को भिखारी मुक्त शहर बनाने की पहल

भोपाल। मध्य प्रदेश की सरकार प्रदेश को लगातार भिखारी मुक्त करने पर काम कर रही है। इंदौर, उज्जैन के बाद अब मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को भिखारी मुक्त करने का काम शुरू कर दिया गया है, भोपाल में भिखारी को जो भीख देगा उस पर एक्शन लिया जाएगा, भिक्षावृति को हतोत्साहित करने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। जानकारी के अनुसार समाज कल्याण विभाग द्वारा हजारों भिखारियों को चिन्हित किया गया है। इनमें से कई भिखारियों की प्रोफाइल तैयार कर ली गई है। जानकारी के अनुसार मप्र सामाजिक न्याय विभाग द्वारा भिखारियों के पुर्नवास के लिए भिक्षु गृह बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है। एनजीओ की मदद से इन गृहों को संचालित किया जाएगा। कुछ अस्थाई भिक्षुक गृह को पंजीकृत निजी संस्था संचालित करेंगे। 

मध्य प्रदेश में अब भीख देने पर हो सकता है जुर्माना

मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि, वे भिक्षावृत्ति को बढ़ावा न दें। भिखारियों की प्रोफाइल बन रहीं हैं, जिनका पुर्नवास किया जाना है। इनमें से 200 की पूरी प्रोफाइल बना ली गई है। प्रशासन भीक्षावृत्ति को हतोत्साहित करने के लिए भीख देने वालों पर भी जुर्माना लगाने की योजना बना रहा है। मप्र सामाजिक न्याय विभाग ने शहर में भिक्षुक गृह बनाने का प्रस्ताव भेजा है। इसको गैर सरकारी संगठनों की मदद से संचालित किया जाएगा। 

भोपाल के कई इलाकों में भीख मांगने वाले बच्चों और महिलाओं को किया गया चिन्हित 

भोपाल के कई इलाकों में भीख मांगने वाले लोगों को चिन्हित किया गया है आपको बता दें कि कई के आधार ही नहीं बने हैं, टीटी नगर, एमपी नगर, हुजूर और कोलार सर्कल क्षेत्र में भीख मांगने वाले बच्चे, महिलाएं और अन्य पुरुषों को चिह्नित किया गया है। ये सभी चौक, चौराहों, तिराहों, धार्मिक स्थल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और सभी प्रकार के सामाजिक स्थलों पर मिले हैं। कई बच्चे और महिलाएं ऐसे हैं जिनके पास आधार कार्ड ही नहीं है। वहीं इस मामले पर जानकारी देते हुए उपायुक्त सामाजिक न्याय आरके सिंह ने बताया है कि भिक्षुक गृह बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है, जिसे एनजीओ की मदद से खोला जाएगा। महिला बाल विकास विभाग और श्रम विभाग की मदद से शहर के भिखारियों की पहचान की जा रही है। फिलहाल भिक्षुक गृह शुरू करने के लिए निजी संस्था को जिम्मा दिया गया है। संस्था ने भवन की तलाश शुरू कर दी है। इसमें आदतन भिखारियों को रखकर उनको शासकीय योजनाओं से जोड़ा जाएगा। उनको रोजगार के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि वे सक्षम बनकर मेहनत करें और पैसे कमा सकें।

भोपाल कलेक्टर बोले शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त करने की चल रही है कबायद

भोपाल के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि भोपाल जिले को भिक्षावृत्ति मुक्त करने की कवायद चल रही है। भिक्षुक गृह के साथ आम लोगों को जागरूक करने का अभियान चलाया जाएगा, जिससे शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त कराया जा सके। भोपाल शहर से भिक्षावृत्ति के काम में लगे जिन 200 लोगों की प्रोफाइल तैयार की गई है, उनमें सबसे अधिक 141 भिखारी गोविंदपुरा क्षेत्र में हैं।

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