Edited By meena, Updated: 11 Jul, 2022 03:19 PM
एनबीए नेत्री मेधा पाटकर उनके एनजीओ नर्मदा नवनिर्माण अभियान को राशि गबन के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। नर्मदा नवनिर्माण अभियान की ट्रस्टी मेघा पाटकर सहित 11 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।...
बड़वानी(संदीप कुशवाह): एनबीए नेत्री मेधा पाटकर उनके एनजीओ नर्मदा नवनिर्माण अभियान को राशि गबन के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। नर्मदा नवनिर्माण अभियान की ट्रस्टी मेघा पाटकर सहित 11 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। प्रीतम राज बड़ोले नामक युवक ने बड़वानी कोतवाली थाने पर एफआईआर दर्ज कराई है। फिलहाल पूरे मामले को लेकर पुलिस ने पूरी तरह चुप्पी साध रखी है।
बड़वानी कोतवाली थाने पर आज मेधा पाटकर सहित 11 लोगों पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। उन पर आरोप है कि उनके द्वारा चलाए जा रहे एनजीओ नर्मदा नव निर्माण अभियान में बीते 14 वर्षों में करोड़ों रुपए का हेरफेर किया गया है। आदिवासी बच्चों की पढ़ाई के नाम पर राशि लेकर उसका उपयोग राष्ट्र विरोधी अन्य गतिविधियों में किया गया है। बड़वानी जिले के टेमला के रहने वाले युवक प्रीतम राज बड़ोले ने एफआईआर में लिखाया है कि 14 वर्षो में 13 करोड़ से अधिक राशि ट्रस्ट को मिली है, लेकिन राशि का स्त्रोत और व्यय का स्पष्ट खुलासा नहीं किया गया है। डेढ़ करोड़ से ज्यादा राशि का बैंक से नगद निकासी की गई। निकासी की ऑडिट व खाता विवरण भी अस्पष्ट है। ट्रस्ट के 10 खातों में से 4 करोड़ से अधिक राशि नियमित व अज्ञात निकासी हुई। ट्रस्ट ने एकत्रित किए दान का पैसा विकास परियोजनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के प्रबंधन के लिए डायवर्ट किया है। मेधा पाटकर के सेविंग अकाउंट में 19 लाख से अधिक राशि खाते में आई है। मेधा ने कोर्ट में आय का दावा करते हुए 6 हजार रुपए प्रतिवर्ष दर्शाया है।
वही उक्त मामलें में पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली है मगर मीडिया से दूरी बनाई हुई है, पुलिस अधीक्षक सहित कोई भी जिम्मेदार अधिकारी उक्त एफआईआर को लेकर बयान देने से बच रहे है व टालमटोल कर रहे हैं। वही मामले को लेकर फरियादी प्रीतमराज बड़ोले का कहना है कि हमारे पास इस मामले में पूरे सबूत हैं। जब हमने इनके द्वारा दिखाए गए महाराष्ट्र के नंदूरबार स्थित स्कूल चलाने के स्थान पर जाकर देखा तो वहां स्कूल नहीं सिर्फ झोपड़े मिले हैं। हम चाहते हैं कि मेधा पाटकर सहित एनजीओ से जुड़े लोग बताएं कि 13 करोड रुपए कहां खर्च किए गए। वही मेधा पाटकर ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अभी पुलिस की तरफ से कोई सूचना या नोटिस नहीं मिला है। हमारे रुपये का हर साल ऑडिट होता है और हमने पहले भी कई बार इसका जवाब दिया है और अब भी हम तैयार हैं। चेतावनी देते हुए मेधा पाटेकर ने कहा कि जिस किसी ने किया है उसे किसी ने भ्रमित किया होगा। अब वही कानूनी कार्यवाही भुगतेगा।