Edited By meena, Updated: 09 Feb, 2025 08:06 PM
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छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल दक्षिण बस्तर क्षेत्र में एक गांव के ग्रामीणों ने मूलभुत सुविधा नहीं होने के कारण सरपंच-पंच चुनाव का बहिष्कार कर दिया है...
सुकमा : छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल दक्षिण बस्तर क्षेत्र में एक गांव के ग्रामीणों ने मूलभुत सुविधा नहीं होने के कारण सरपंच-पंच चुनाव का बहिष्कार कर दिया है। पूर्व सरपंच पवन नाग ने बताया कि सुकमा जिले के गोलकूबेर पंचायत में आज तक कच्ची सड़क है। गांव में प्रधानमंत्री आवास भी नहीं बन रहा है, मूलभूत सुविधा की दरकार है।
दरअसल, गोलाबेकूर पंचायत पिछड़ा वर्ग बाहुल्य इलाका है। यहां 741 मतदाताओं में 729 ओबीसी मतदाता हैं और 12 मतदाता एसटी वर्ग से हैं। इसी वजह से ग्रामीणों ने आरक्षण का फायदा नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए सरपंच पंच के चुनाव का विरोध कर दिया। ग्रामीणों ने नए सिरे से पंचायत का सर्वे कर सरपंच के लिए सीट आरक्षित करने की मांग की है। गोलाबेकूर में 10 वार्ड हैं, जिनमें से एसटी के लिए और 5 ओबीसी पंच के लिए आरक्षित की गई थी। गांव के पटेल भैरम सिंह यादव ने बताया कि छत्तीसगढ़ राजपत्र में ओबीसी वर्ग के आरक्षण की अधिकतम सीमा बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दी गई है लेकिन जहां एसटी-एससी की आबादी 50 फीसदी से ज्यादा है, वहां ओबीसी वर्ग को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। केवल 12 मतदाता एसटी वर्ग से हैं। ऐसे में ओबीसी वर्ग को आरक्षण नहीं देकर आदिवासी वर्ग के लिए सरपंच की सीट आरक्षित की गई है, जिसका विरोध ग्रामीणों ने किया है। निवृत्तमान सरपंच पवन नाग ने बताया कि मिसल रिकॉर्ड के अनुसार पूर्व सरपंच ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र से चुनाव लड़ा।
सुकमा जपं के रिटर्निंग ऑफिसर अनिल ध्रुव ने बताया कि गोलाबेकूर पंचायत से किसी ने भी सरपंच-पंच पद के लिए नामांकन दाखिल नहीं किया है। राज्य निर्वाचन आयोग इसकी जानकारी दी जाएगी और वहां से जो भी निर्देश मिलेंगे, उसका पालन किया जाएगा।