CM साय का संकल्प: आदिवासी अंचलों सहित सभी नागरिकों तक पहुंचे विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधा

Edited By meena, Updated: 03 Sep, 2025 05:25 PM

world class health facility reached to all citizens including tribal areas

छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और सुदृढ़ीकरण की दिशा में आज एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया...

रायपुर (पुष्पेंद्र सिंह) : छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और सुदृढ़ीकरण की दिशा में आज एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की उपस्थिति में चिकित्सा शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ और कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल तेलंगाना के बीच लाइसेंस समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह अनुबंध प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) के अंतर्गत किया गया है।

इस अवसर पर वन एवं परिवहन मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत, स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया, आयुक्त स्वास्थ्य डॉ. प्रियंका शुक्ला, राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) के अधिकारी जयदीप दास गुप्ता एवं श्रीनिवास राव तथा कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल हैदराबाद के अध्यक्ष डॉ. गुरुनाथ रेड्डी, डॉ. रघुनाथ रेड्डी और के.वी. रेड्डी सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि आदिवासी अंचलों सहित प्रदेश के हर नागरिक तक विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचे। उन्होंने कहा कि आठ वर्ष पूर्व इस अस्पताल के निर्माण की शुरुआत की गई थी और आज जब छत्तीसगढ़ अपनी रजत जयंती मना रहा है, तब इस एमओयू का होना ऐतिहासिक महत्व रखता है। गणेश महोत्सव के पावन अवसर पर हुआ यह समझौता प्रदेशवासियों के लिए शुभ संकेत है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बस्तर क्षेत्र के लोग लंबे समय से उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाओं से वंचित रहे हैं, किंतु अब यह अस्पताल उनके लिए वरदान साबित होगा। विशेषकर नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों के लिए यह जीवनरक्षक सिद्ध होगा। पहले घायल जवानों को एयर एंबुलेंस से रायपुर भेजना पड़ता था, अब जगदलपुर में ही उन्हें अत्याधुनिक इलाज उपलब्ध होगा।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि हर नागरिक को समय पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। बस्तर अंचल में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की स्थापना राज्य और क्षेत्रवासियों के लिए गर्व की बात है। पहले ये सेवाएं केवल रायपुर और बिलासपुर जैसे बड़े शहरों में उपलब्ध थीं, लेकिन अब बस्तर के लोग भी इन सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर संभव संसाधन उपलब्ध कराएगा।

स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने जानकारी दी कि इस सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निर्माण पर 200 करोड़ रुपये की लागत आई है, जिसमें से 120 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और 80 करोड़ रुपये राज्य सरकार ने वहन किए हैं। राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) ने भी इस परियोजना में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि यह अस्पताल 11 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और अत्याधुनिक मशीनों एवं उपकरणों से सुसज्जित है।

यह 10 मंजिला अस्पताल 240 बिस्तरों की क्षमता वाला होगा। इसमें हृदय रोग (कार्डियोलॉजी), किडनी रोग (नेफ्रोलॉजी), मस्तिष्क रोग एवं न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी जैसे विभाग संचालित होंगे। ओपीडी, आईसीयू और आपातकालीन सेवाओं सहित गहन चिकित्सा की अत्याधुनिक सुविधाएं यहां उपलब्ध होंगी। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम सरकारी दर पर उपचार प्रदान करेगी।

सरकारी दर पर उपलब्ध इन सेवाओं का लाभ न केवल बस्तर संभाग बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देशभर के मरीज उठा सकेंगे। इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल प्रबंधन के प्रतिनिधियों ने इस ऐतिहासिक पहल को प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए मील का पत्थर बताया। इससे बस्तर अंचल के लाखों लोगों को उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा और बड़े शहरों पर उनकी निर्भरता कम होगी। यह अस्पताल न केवल बस्तर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देश के मरीजों के लिए नई आशा और जीवनदायी सुविधा साबित होगा।

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