Edited By meena, Updated: 16 Aug, 2025 12:55 PM

ग्राम कोयेनार में 9 महीने की मासूम बच्ची मानवी कश्यप ने ऐसा साहसिक कारनामा कर दिखाया है, जिसे सुनकर पूरा गांव हतप्रभ है...
जगदलपुर (पुष्पेंद्र सिंह) : छत्तीसगढ़ के जगदलपुर बस्तर के जंगलों और साहसी कहानियों के बीच एक और चमत्कारी घटना ने सबका ध्यान खींचा है। ग्राम कोयेनार में 9 महीने की मासूम बच्ची मानवी कश्यप ने ऐसा साहसिक कारनामा कर दिखाया है, जिसे सुनकर पूरा गांव हतप्रभ है। लोग अब उसे प्यार से "नन्ही शेरनी" कहकर बुला रहे हैं। 13 अगस्त की दोपहर का समय था। मानवी की मां दीपिका कश्यप बीमार थीं और घर में आराम कर रही थीं, जबकि परिवार के अन्य सदस्य खेत में काम करने गए हुए थे। मानवी अपने घर के कमरे में अकेले खेल रही थी। तभी वहां एक जहरीला करैत सांप (जो आमतौर पर बेहद विषैला और खतरनाक होता है) दरवाजे के पीछे से रेंगता हुआ अंदर आया।
बच्ची ने उस सांप को शायद कोई खिलौना समझ लिया और उसे पकड़ लिया। खेलते-खेलते उसने सांप को अपने दांतों से काटना शुरू कर दिया। मानवी के नन्हे-नन्हे लेकिन तेज दांतों से हुए हमले से सांप की कुछ ही पलों में मौत हो गई। जब मां दीपिका की नजर बच्ची और मरे हुए सांप पर पड़ी, तो वह घबरा गईं और तुरंत परिजनों को बुलाया। किसी अनहोनी की आशंका में परिवार ने मानवी को तुरंत जगदलपुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल (मेकाज) में भर्ती कराया।
मेकाज में डॉक्टरों ने बच्ची को तुरंत निगरानी में लिया। 24 घंटे तक उसकी हरकतों और शारीरिक लक्षणों पर नज़र रखी गई, यह देखने के लिए कि कहीं सांप ने भी बच्ची को काटा तो नहीं। लेकिन चमत्कारिक रूप से बच्ची पूरी तरह सुरक्षित थी। डॉक्टरों ने अगले ही दिन उसे घर भेज दिया।
यह घटना अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है। ग्रामीणों के अनुसार, इतनी छोटी उम्र में किसी बच्चे द्वारा इतने विषैले जीव का सामना करना और उसपर विजय पाना एक असाधारण घटना है। यही कारण है कि गांव वाले अब मानवी को नन्ही शेरनी के नाम से पुकार रहे हैं।
यह घटना वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चाहे जैसी भी हो, लेकिन मानवी की यह कहानी ग्रामीणों के लिए एक प्रेरणादायक और अद्भुत कथा बन गई है। एक मासूम जिसने अनजाने में ही सही, मौत को मात दी, यह साबित करता है कि कभी-कभी साहस उम्र नहीं देखता।