'मेरे पति ने मुझे सेक्स स्लेव बनाया, सरकारी आवास में लड़कियों के जिस्म पर लेता ड्रग्स' BJP विधायक की बहू के गंभीर आरोप

Edited By meena, Updated: 04 Feb, 2022 03:51 PM

नरसिंहपुर से बीजेपी विधायक जालम सिंह पटेल की बहू का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें उसने अपने परिवार और पति पर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के कई आरोप लगाए हैं। वायरल ऑडियो में उसने बताया कि मेरा नाम नीतू सिंह ठाकुर है और वह परिवार से...

भोपाल(प्रतुल पाराशर): भाजपा विधायक जालम सिंह पटेल की बहू का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें उसने अपने परिवार और पति पर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के कई आरोप लगाए हैं। वायरल ऑडियो में उसने बताया कि मेरा नाम नीतू सिंह ठाकुर है और वह परिवार से अलग दिल्ली में रहकर नौकरी करती है और अदालत में तलाक के लिए फाइट कर रही हूं। बता दें कि विधायक जालम सिंह के बेटे मणिनागेंद्र सिंह उर्फ मोनू सिंह पर करीब 45 मामले दर्ज हैं और वर्तमान में एक केस में दोषी पाए जाने पर जेल में है। वहीं कांग्रेस ने इस मामले को उठाया है और भाजपा के कई बड़े नेताओं को निशाने पर लिया है।

नीतू के मुताबिक, 2016 में 26 साल की उम्र में उसे रिश्ते की बात चली लेकिन उसने शादी के लिए मना कर दिया। लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते उसने शादी के लिए हां कर दी। उसे बताया गया कि उसका पति सिगरेट या शराब नहीं पीता और ग्रेजुएशन और पीजी एमटी की है और सोशल वर्कर हैं। लेकिन शादी के बाद सारी सच्चाई पता चली कि उसके पति पर 45 आपराधिक मुकदमे हैं जिनमें हत्या और हत्या के प्रयास जैसे आरोप शामिल हैं और उनके लिए महिलाओं का सम्मान कुछ भी माइने नहीं रखता और वह उन्हें भोग की वस्तु समझते हैं।

सगाई के लिए जल्दबाजी की गई और रिश्तेदारों को कुछ भी न बताने की हिदायत दी गई। शादी से पहले मैं एक बार उनसे भोपाल में मिली थी। तो मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। मैंने मना किया तो नाराजगी जाहिर की और कहा कि अब तो हमारी शादी हो रही है मना कैसे कर सकती हो। इसके बाद मेरी ना उनकी इगो को हर्ट कर गई और मेरे कहीं भी आने-जाने पर रोक लगा दी। किसी से भी मिलने से मना कर दिया। मुझ पर नजर रखी जाने लगी। मेरे फोन की डिटेल निकाल ली जाती और मुझे रोका टोका जाने लगा। मैं कभी बाजार जाती तो ड्राइवर को फोन करके कहा जाता कि दस मिनट हो गए हैं, वो कार में क्यों नहीं बैठी है। ये सब मुझे बहुत अजीब लग रहा था। मैंने अपनी फैमिली से भी इस बारे में बात की और कहा कि मुझे ये रिश्ता ठीक नहीं लग रहा है। मैंने अपने पेरेंट्स को बताया तो उन्होंने भी मुझे समझाइश ही दी कि रिश्ता टूटा तो बदनामी होगी। शायद शादी के बाद सबकुछ ठीक हो जाएगा।

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एक दिन मैं गुरुग्राम में शॉपिंग कर रही थी। उन्होंने मुझे फोन किया लेकिन मैं उठा नहीं पाई तो उन्होंने मुझे गालियां दी और कहा कि तुम्हें पता नहीं कि तुम्हारा रिश्ता किसके साथ हुआ है। मैंने कहा कि मैं इस रिश्ता नहीं रखना चाहती हूं। मैं इतनी निगरानी में नहीं रह सकती हूं। कभी मेरे पेरेट्स ने ऐसे बात नहीं कि तो आपकी क्यों सुनुं तो उन्होंने फिर मुझे गालियां दीं और डराया-धमकाया। उन्होंने साफ कह दिया कि अब तो शादी होकर रहेगी। मुझ पर हर तरह से दबाव डाला गया और मैं हार गई। उन्होंने कहा कि चाहे मैं तुम्हें शादी के एक दिन बाद छोड़ दूं, लेकिन शादी अब मैं करके रहूंगा, ये मेरी जिद है। अब मुझे लगता है कि अगर मैंने तब हिम्मत दिखाई होती तो शायद हालात ऐसे ना होते।

शादी से पहले ही उसकी गर्लफ्रेंड्स के फोन आते और मुझे धमकाती कि रिश्ता तोड़ दो। वो तुमसे प्यार नहीं करता वो कभी तुम्हारा नहीं हो सकता। लेकिन मेरे न चाहते हुए भी मेरी शादी तय हो गई मेरी शादी में कई बड़े राजनीतिक चेहरे शामिल हुए और सबने शुभकामनाएं दी लेकिन शादी के दूसरे ही दिन मुझए बेइज्जत किया गया। शादी के बाद ही मुझे पता चला कि शराब और ड्रग्स लेना इनकी रोज की आदत है। मेरा पति किसी और से मिलने जाता और अगर में सवाल जवाब करती तो मुझे मारा पीटा जाता। मुझे घर से अकेले बाहर नहीं निकलने दिया और मेरा मोबाइल नंबर भी चेंज कर दिया गया।

मुझे रात भर पति के साथ साथ जागना पड़ता और दिन में परिवार के साथ। जब तक ये गहरी नींद में ना सो जाएं, मुझे झपकी लेने की भी परमिशन नहीं थी। मेरा पूरा रूटीन खराब हो गया था, इसका असर मेरी सेहत पर पड़ रहा था, मेरा वजन गिर गया। मैं मानसिक अवसाद में आ गई। मेरी नजर भी कमजोर हो गई। जबलपुर के अस्पताल में मुझे भर्ती किया गया। मैं दस दिन तक अस्पताल में रही। मेरी बैकबोन में इंजेक्शन दिया गया, इसकी वजह से मैं दो महीनों तक बैठ नहीं पाई। ये सब शादी के चार महीनों के भीतर हुआ। मुझे दिल्ली के एक साइकाइट्रिस्ट के पास ले जाया गया था, लेकिन उससे भी मैं अकेले बात नहीं कर पाई थी।

मेरे पति दूसरी लड़कियों के साथ फिजिकल रिलेशन बनाकर आते और फिर घर में मेरे साथ रिश्ते बनाते। इससे मुझे इंफेक्शन हो गया। डॉक्टर ने बताया कि मैं 6 महीनों तक कंसीव नहीं कर पाऊंगी। मैं अंदर तक टूट गई। मैं अचानक सोकर उठ जाती थी। हमारे बीच संबंध सिर्फ शारीरिक थे। वो भी जबरदस्ती के। अपनी मर्दाना कमजोरी का गुस्सा वो मेरे जिस्म पर निकालते। उसे मेरी खुशी गमी को कोई फर्क नहीं था।

मैंने अपनी सास से अपनी समस्या बताई तो उन्होंने कहा कि- तुम उसे समझो और उसके साथ एडजस्ट करो। पति से मैं कुछ भी बोलती तो वो मुझसे मारपीट करते और भोपाल अपनी गर्लफ्रेंड्स के पास चले जाते। मेरे पास बात करने के लिए कोई नहीं था। मैं बिल्कुल अकेली हो गई थी। घर में मुझ पर बच्चा पैदा करने का दबाव बनाया जाता। धीरे-धीरे मेरे पति की कई दूसरी गर्लफ्रेंड्स ने मुझसे संपर्क करना शुरू किया। मेरे फोन में हजारों तस्वीरें हैं, जिनमें ये अपनी अलग-अलग गर्लफ्रेंड के साथ हैं। जब भी मैंने सवाल किया तो मुझसे मारपीट की जाती। सभी गर्लफ्रेंड्स 20-22 साल की लड़कियां थी। जो शायद ड्रग्स या पैसे के लिए इनके पास आई हों। इनकी गर्लफ्रेंड्स से ही पता चला कि यह लड़कियों के साथ ड्रग्स लेते। उनकी बॉडी पर रखकर ड्रग्स लेते और वो लड़कियों ने ही मुझे ये बात बताई।

मैंने अपने ससुर से बात की तो हमेशा उन्होंने यही कहा कि सब ठीक हो जाएगा। मुझे यह भी पता चला कि भोपाल में मेरे ससुर के सरकारी विधायक निवास को इन्होंने अय्याशी का अड्डा बनाया हुआ है। ये जब भी भोपाल जाते, वहां ड्रग्स और शराब की पार्टियां होतीं। कोई न कोई लड़की वहां की तस्वीरें मुझे भेज देती। एक दिन इन्होंने लड़कियों के जिस्म पर ड्रग्स रखकर नशा किया। इनकी गर्लफ्रेंड ने मुझे वो तस्वीरें भेज दीं। इन्हें पति चला तो उन्होंने मेरा फोन भी तोड़ दिया और मेरे साथ बहुत मारपीट की। शादी के बाद मेरे पहले बर्थडे पर भी मेरे पति मेरे साथ नहीं थे, अपनी गर्लफ्रेंड के साथ थे। मुझे इस बारे में पता चला तो फिर मुझे बहुत मारा-पीटा गया। मेरा गला दबाया जाता।

परिवार में सबको पता था कि मेरे साथ गलत हो रहा है। लेकिन किसी ने उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की। मुझसे कहा जाता कि उसे जो करना है, वो करेगा। मुझे ही सहना होगा, बर्दाश्त करना होगा। रात भर मैं प्रताड़ित होती और दिन भर घर का काम संभालती। मेरे साथ जो भी प्रताड़ना हुई उसमें मेरे घर के सभी शामिल थे। परिवार की कोई महिला कभी मेरी मदद के लिए आगे नहीं आई। कुंडली दोष का बहाना बनाया गया और लड़कियों के बारे में कहा गया कि हमें फंसाने की राजनीतिक साजिश है। घर के नौकरों को मुझ पर तरस आता था। घर में दादी थी, जो मुझसे कहती थीं कि तू यहां रहेगी तो मर जाएगी। यहां से भाग जा। लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई। लेकिन जब मुझे लगा कि अब मैं यहां जिंदा नहीं रह पाऊंगी या मेरे पति ही मुझे मार देंगे तो मैंने बहुत हिम्मत करके अपने भाई को ससुराल बुलाया। सिर्फ अपनी डिग्री और दस्तावेज लिए और उस घर से हमेशा के लिए निकल गईं।

जब मैंने मां पापा को बताया तो वो पूरी तरह टूट गए। मैं इतना कमजोर थी कि बिना सहारे के खड़ी नहीं हो पाती थी। मेरे चेहरे पर भी निशान थे। उन्होंने सोचा नहीं था कि मेरे साथ ये सब हुआ है। वो बस खामोश हो गए। सिर्फ इतना ही कहा कि जो भी हो, हम तुम्हारे साथ हैं। मैं डेढ़ साल अपने मायके में रही। फिर हिम्मत करके नौकरी करने दिल्ली आ गई। मेरा तलाक का मुकदमा चल रहा है, लेकिन वो एक बार भी अदालत नहीं आए हैं।

मुझे अपनी राजनीतिक रुतबे की धौंस देते हैं। मैंने एफआईआर कराई है, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मैंने बड़े से बड़े नेता से मदद की गुहार लगाई लेकिन किसी ने मेरी एक नहीं सुनी। सरकार बेटी बचाओ का नारा देती है। सरकार को ये भी बताना चाहिए कि बेटी को किससे बचाना है और कैसे बचाना है। वो अपनी गर्लफ्रेंड्स के साथ हैं। उनकी ड्रग्स पार्टियां चल रही हैं। लेकिन मेरे छह बेशकीमती साल इस खराब रिश्ते में गुजर गए हैं।

नीतू के मुताबिक कई बार मन में आत्महत्या का ख्याल आया है। मैंने हर दिन हालात से जंग लड़ी है। मैं जानती हूं ये लड़ाई बहुत लंबी है और मुझे बहुत हौसले की जरूरत होगी। अब मैंने अपनी ये कहानी कही है ताकि किसी और लड़की के साथ ऐसा ना हो। कोई और लड़की ऐसे खराब रिश्ते में हो तो निकलने की कोशिश करे। सरकार और समाज उसे न्याय दिलाने के लिए आगे आए।

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