Edited By meena, Updated: 10 May, 2022 05:16 PM
पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिवराज सरकार चारों ओर से घिरती नजर आ रही है। भले ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर फिर से पटिशन दायर करने की बात कही है लेकिन कांग्रेस ने इसे सरकार की लापरवाही...
भोपाल: पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिवराज सरकार चारों ओर से घिरती नजर आ रही है। भले ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर फिर से पटिशन दायर करने की बात कही है लेकिन कांग्रेस ने इसे सरकार की लापरवाही का नतीजा बताया है। पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने इस फैसले के बाद अपना रुख स्पष्ट करते हुए एक के बाद एक ट्विट किए हैं। कमलनाथ ने लिखा कि मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव व नगरीय निकाय चुनाव नहीं होना चाहिये। इसको लेकर हम ओबीसी वर्ग के साथ हैं, हम चुप नहीं बैठेंगे। हम आज आये फ़ैसले का अध्ययन करेंगे, विधि विशेषज्ञों से चर्चा करेंगे। इसको लेकर हम सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेंगे।
कमलनाथ ने सरकार पर इस चीज का ठीकरा फोड़ते कहा कि ओबीसी वर्ग को उनके बढ़े हुए आरक्षण का लाभ मिलता लेकिन शिवराज सरकार तो चाहती ही नहीं थी इसलिए उसने इसको लेकर कोई गंभीर प्रयास नहीं किए लेकिन कांग्रेस आज भी दृढ़ संकल्पित है कि ओबीसी वर्ग को बड़े हुए आरक्षण का लाभ हर हाल में मिलना चाहिए और बगैर ओबीसी आरक्षण के चुनाव नहीं होंगे।
वहीं अगले ही ट्वीट में लिखा कि शिवराज सरकार का ओबीसी वर्ग विरोधी चेहरा आज एक बार फिर सामने आ गया है। शिवराज सरकार शुरू से ही नहीं चाहती थी कि ओबीसी वर्ग को किसी भी आरक्षण का लाभ कभी भी मिले , इसको लेकर तमाम हथकंडे व तमाम साजिशें रची जा रही थी।