Edited By Kailash Singh, Updated: 07 Jul, 2025 07:35 PM

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि पहलगाम की घटना के बाद जम्मू एवं कश्मीर में जो पर्यटन ठहर सा गया था, वह पुनर्जीवित हुआ है। जिस तरह राज्य और केंद्र सरकार इस दिशा में काम कर रही हैं, उससे आने वाले समय में कश्मीर का...
पहलगाम की घटना के बाद कश्मीर का ठहरा हुआ पर्यटन पुनर्जीवित हुआ : शेखावत
श्रीनगर, 7 जुलाई। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि पहलगाम की घटना के बाद जम्मू एवं कश्मीर में जो पर्यटन ठहर सा गया था, वह पुनर्जीवित हुआ है। जिस तरह राज्य और केंद्र सरकार इस दिशा में काम कर रही हैं, उससे आने वाले समय में कश्मीर का पर्यटन जल्द ही पिछले मुकाम तक पहुंच जाएगा।
सोमवार को श्रीनगर में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के पर्यटन सचिवों की दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के दौरान मीडिया से बातचीत में शेखावत ने कहा कि पिछले दिनों मैंने स्वयं कश्मीर के बड़े हिस्से में प्रवास किया था। तब भी यही मैसेज देने की कोशिश थी कि जो घटित हुआ, उसको भूलकर हम सब आगे बढ़ें और कश्मीर के टूरिज्म को पिछले तीन सालों की ग्रोथ के साथ आगे ले जाने की कोशिश करें।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यहां आयोजित दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस कॉन्फ्रेंस में देश भर के पर्यटन सचिवों को बुलाया गया है, जिससे वो अपने राज्यों में जाकर डोमेस्टिक टूरिज्म एक्सरसाइज को बढ़ाने का प्रयास कर सकें। शेखावत ने कहा कि देश में जिस तरह टूरिज्म पोटेंशियल बढ़ रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में 50 आइकॉनिक ग्लोबल स्टैंडर्ड के डेस्टिनेशन बनाए जाने हैं, उससे टूरिज्म पोटेंशियल को और बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि आइकॉनिक ग्लोबल स्टैंडर्ड के डेस्टिनेशन बनने के बाद पर्यटकों को विशेष अनुभव मिलेगा।
उन्होंने कहा कि सुबह के सत्र में सचिवों को प्रॉस्पेक्टिव प्रस्ताव बनाने को कहा गया है, इस पर दो दिन तक विचार करने के बाद एक कांक्रीट प्लानिंग इस दिशा में हो सके, उस पर काम किया जाएगा। शेखावत ने कहा कि सरकार ने जिस तरह इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में काम करते हुए हाइवे, रेलवे ट्रैक बनाएं हैं, उससे आने वाले दिनों में स्थितियों में व्यापक सुधार होगा।
पर्यटन को ‘आत्मनिर्भर भारत’ का अभिन्न हिस्सा बनाएं
इससे पहले, कॉन्फ्रेंस में अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि पर्यटन को ‘आत्मनिर्भर भारत’ का अभिन्न हिस्सा बनाने के लिए राज्यों का निरंतर सहयोग अनिवार्य है, तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन के अनुरूप ‘एक राष्ट्र, एक वैश्विक गंतव्य’ बनाने का सपना साकार होगा। इसके लिए जरूरी है कि केंद्र और राज्यों के बीच निरंतर संवाद स्थापित किया जाए। शेखावत ने देश की सांस्कृतिक विविधता को वैश्विक मंच पर स्थापित करने और हर राज्य को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानकों पर विकसित करने के लिए ठोस समन्वित स्ट्रेटेजी अपनाने पर भी विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के “विकसित भारत @2047” के संकल्प को सिद्ध करने के लिए देश के प्रत्येक कोने में पर्यटन को रोजगार, विकास और हमारी सांस्कृतिक पहचान का सेतु बनाने की दिशा में अभूतपूर्व और निर्णायक कदम उठाए जा रहे हैं, जिसका हर जगह असर देखने को मिल रहा है।
भारत बनेगा वैश्विक पर्यटन महाशक्ति
केंद्रीय मंत्री कहा कि भारत सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट में पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पर्यटन को स्थानीय विकास, सांस्कृतिक पुनर्जागरण और आर्थिक समावेशिता से जोड़ते हुए कई ऐतिहासिक योजनाएं लागू की गई हैं। ‘देखो अपना देश’ अभियान के तहत शुरू की गई स्वदेश दर्शन योजना और इसके उन्नत संस्करण स्वदेश दर्शन 2.0 के माध्यम से अब तक 7,100 करोड़ से अधिक की 128 परियोजनाएं स्वीकृत हो चुकी हैं।
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा
शेखावत ने कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रसाद योजना के अंतर्गत 1,726 करोड़ से अधिक की 54 परियोजनाएं चलाई गई हैं। वहीं, जनजातीय समुदायों को जोड़ते हुए प्रधानमंत्री जनजातीय भारत जागरण अभियान के तहत 1,000 जनजातीय होम स्टे विकसित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025-26 के बजट में देश के शीर्ष 50 पर्यटन स्थलों को ‘चैलेंज मोड’ में विकसित करने की घोषणा की गई है, जो हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट लॉजिस्टिक्स के तहत विश्व स्तरीय स्वरूप में ढाले जाएंगे।