दो दिवसीय महाबोधि महोत्सव सांची में शुरू, बौद्ध भिक्षु सारिपुत्र और महामोदग्लायन के अस्थि कलश का हुआ पूजन

Edited By Jagdev Singh, Updated: 23 Nov, 2019 04:25 PM

2 day mahabodhi sanchi buddhist monk sariputra mahamodaglaan s worship

सांची में शनिवार सुबह दो दिवसीय महाबोधि महोत्सव का शुभारंभ हुआ। इस मौके पर श्रीलंका से आए बौद्ध भिक्षु और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल मौजूद थे। सुबह प्रभात फेरी निकाली गई इसके बाद बौद्ध भिक्षु सारिपुत्र और महामोदग्लायन के अस्थि कलश का पूजन किया...

रायसेन/विदिशा: सांची में शनिवार सुबह दो दिवसीय महाबोधि महोत्सव का शुभारंभ हुआ। इस मौके पर श्रीलंका से आए बौद्ध भिक्षु और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल मौजूद थे। सुबह प्रभात फेरी निकाली गई इसके बाद बौद्ध भिक्षु सारिपुत्र और महामोदग्लायन के अस्थि कलश का पूजन किया गया। दोनों अस्थिकलशों को आम लोगों के दर्शन के लिए रखा गया है।

PunjabKesari

वर्ष 1952 में इस महोत्सव की शुरूआत नवंबर के अंतिम रविवार को सांची के बौद्ध स्तूप परिसर स्थित चैत्यगिरि विहार मंदिर के लोकार्पण समारोह के रूप में हुई थी। वहीं इस महोत्सव में तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू शामिल हुए थे। तभी से हर साल नवंबर के अंतिम रविवार को इस महोत्सव को मनाने की परंपरा चली आ रही है। इस महोत्सव में देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के अतिरिक्त बाद के वर्षों में देश की कई शख्सियतें शामिल हो चुकी हैं। वहीं इसमें तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भी शामिल थे।

PunjabKesari

पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने भी एक बार इस महोत्सव में आकर अस्थि कलश की पूजा अर्चना की थी। यातायात व्यवस्था को लेकर सांची में दो दिनों तक भारी वाहनों को प्रवेश रोक दिया गया है। वहीं विदिशा और भेापाल के बीच चलने वाले मध्यम भारी वाहन भी मेहगांव होते हुए चलेंगे। वहीं विदिशा रोड पर दो और भोपाल रोड पर तीन वाहन पार्किंग बनाई गईं। वीआईपी के लिए छटवीं पार्किंग विश्राम भवन के परिसर में बनाई गई है।

PunjabKesari

चैत्यगिरि विहार मंदिर की विशेष सजावट विदेशी मेहमानों ने की है। वियतनाम से बतौर बौद्ध अनुयायी के रूप में महाबोधि महोत्सव में आस्था और भक्ति भाव के साथ शामिल होने के लिए आए हैं। इसके अतिरिक्त वियतनाम, सिंगापुर, थाईलैंड, जापान, श्रीलंका, म्यामार, भूटान, वर्मा सहित कई अन्य देशों से सैकंडों बौद्ध अनुयायी और पर्यटक शामिल होंगे। इनमें वियतनाम से 150 बौद्ध अनुयायियों सहित, थाईलैंड, सिंगापोर, जापान और श्रीलंका का दल आ चुका है। पर्यटन विभाग ने सांची में जगह-जगह सूचना पटल श्रीलंकाई भाषा में लगाए जा रहे हैं, जिससे कि सांची बौद्ध स्तूप की जानकारी श्रीलंका के बौद्ध अनुयायियों को मिल सके।

 

Related Story

    Trending Topics

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!