Edited By meena, Updated: 07 Apr, 2025 07:22 PM

गुना जिले में निराश्रित गायों को आश्रय देने की दिशा में सबसे बड़ा प्रयास शुरु होने जा रहा है...
गुना (मिस्बाह नूर) : गुना जिले में निराश्रित गायों को आश्रय देने की दिशा में सबसे बड़ा प्रयास शुरु होने जा रहा है। गुना जिले के ग्राम पांज स्थित खड़ेश्वरी आश्रम में 9 अप्रैल को गोवर्धन गौशाला गो अभ्यारण एवं अनुसंधान केंद्र की नींव रखी जा रही है। इस अभ्यारण में शुरुआत में ही 5 हजार गायों को रखे जाने की योजना बनाई गई है।
गुना में बनने वाली गोवर्धन गौशाला और गो अभ्यारण एवं अनुसंधान केंद्र की पूरी कार्ययोजना से अवगत कराने के लिए गोवर्धन गौशाला समिति अध्यक्ष गिर्राज अग्रवाल सोमवार को पत्रकारों से रूबरू हुए। अग्रवाल ने बताया कि गौशाला और अभ्यारण की नींव रखने के लिए 9 अप्रैल को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय गौ सेवा प्रमुख अजित महापात्रा और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना पहुंच रहे हैं।
पत्रकार वार्ता में जानकारी दी गई कि गोवर्धन गौशाला समिति के पास पांज गांव में 140 बीघा जमीन उपलब्ध है। इस जमीन पर 44 करोड़ की लागत से गौशाला और अभ्यारण का निर्माण किया जाएगा। परियोजना के तहत गायों को आश्रय देने के साथ ही बीमार गायों के लिए आधुनिक चिकित्सालय की व्यवस्था भी उपलब्ध रहेगी। इसके अलावा गौवंश की नस्ल सुधार और संवर्धन का काम भी अभ्यारण और अनुसंधान केंद्र में किया जाएगा। केंद्र में कैंसर जैसी जघन्य बीमारियों के लिए औषधियां तैयार होंगी। गौवंश के पंचगव्य से जैविक बीज उपचार, जैविक खाद, कीटनाशक और अन्य उत्पादों का निर्माण किया जाएगा। गोपालन एवं गौवंश की चिकित्सा आदि विषयों पर अध्ययन एवं प्रशिक्षण के लिए 500 प्रशिक्षणार्थियों के लिए सर्व सुविधायुक्त आवासीय प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा। परियोजना के तहत 250 शिक्षार्थियों की क्षमता वाला एक वैदिक गुरुकुलम भी स्थापित किया जा रहा है। गौशाला में बायोगैस संयंत्र, सीएनजी प्लांट की स्थापना और दो मेगावाट का सोलर प्लांट भी लगाने का प्रावधान है।