मंदसौर के सीतामऊ में हुआ "कृषि उद्योग समागम-2025 ,CM मोहन ने किया प्रदर्शनियों का अवलोकन..

Edited By Himansh sharma, Updated: 03 May, 2025 05:13 PM

agriculture industry conference 2025 held in sitamau of mandsaur

मध्यप्रदेश के किसानों-निवेशकों के लिए 3 मई का दिन बेहद खास रहा।

भोपाल/मंदसौर। मध्यप्रदेश के किसानों-निवेशकों के लिए 3 मई का दिन बेहद खास रहा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंदसौर के सीतामऊ में किसानों के कल्याण और खेती में नई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए कृषि उद्योग समागम-2025 का शुभारंभ किया। दूसरी ओर, उन्होंने मंसदौर को कई सौगातें भी दीं। उन्होंने कृषि यंत्र  प्रदर्शनी और कृषि उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया, उनकी खासियत जानी और गौमाता का पूजन किया। समागम से पहले किसानों ने पारंपरिक वस्त्र भेंटकर उनका स्वागत किया। उसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलन और भगवान बलराम का पूजन कर समागन की शुरुआत की। उन्होंने किसान बहनों से चर्चा की। इस दौरान एक भावुक पल उस वक्त दिखाई दिया, जब मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एक बच्ची को हाथों में लेकर दुलार किया। सीएम डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ज्ञान मिशन को साकार करने के लिए एक अहम कदम उठाया। यह समागम ज्ञान के मुख्य घटक किसानों के कल्याण की महत्वपूर्ण पहल है। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह सहित किसान-उद्यमी-निर्यातक-एफपीओ उपस्थित थे। 

कार्यक्रम में सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जब मैं सीतामऊ आता हूं तो मुझे धर्मराजेश्वर, पशुपतिनाथ भगवान की याद आ जाती है। भारत इतना उन्नत था कि जब दुनिया को कपड़े पहनना नहीं आता था, उस वक्त हमारे देश ने उन्नत देवालय-शिवालय बनाए। सीतामऊ में अंजता-एलोरा की तरह एक चट्टान के अंदर पूरा का पूरा मंदिर बना दिया गया। यह अद्भुत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश करवट ले रहा है। पूरा देश भारत की ओर उम्मीदों से देख रहा है। मध्यप्रदेश में हर चीज है। प्रदेश नदियों का मायका है। यहां की वन संपदा, प्राकृतिक-भौगोलिक व्यवस्था शानदार है। पहले सिंचाई का रकबा केवल 7 लाख हेक्टेयर था, लेकिन अब रकबा बढ़ेगा। कोई खेत खाली नहीं रहेगा। चंबल के जरिये पानी आएगा। किसानों को बिजली पर्याप्त मिलेगी। 

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*किसानों की हर मदद करेगी सरकार

उन्होंने कहा कि हमारे खेत से हमारा घर चलता है। पराली जलाकर जमीन को निर्बल न करें। नरवाई न जलाएं। आज ऐसी मशीनें हैं जो उन्हें खाद बना देंगी। हमारी सरकार किसानों को जितना अनुदान दे सकेगी, देगी। किसान चिंता न करें, हम 5 साल में किसानों के लिए प्रति क्विंटल गेहूं भाव 3 हजार रुपये से ज्यादा करेंगे। आने वाले समय में किसान उन्नत खेती अपनाएं और खेती को उद्योग का दर्जा बना दें। हम आने वाले समय में किसी की भी फसल बर्बाद नहीं जानी चाहिए, हम उसका प्रसंस्करण करके उद्योग बनाएंगे। देश में संतरा नागपुर के नाम से बिकता है, जबकि इसे मंदसौर के नाम से बिकना चाहिए। आज समय बदल रहा है। मंदसौर में आने वाले समय में सभी तरह के नए काम होंगे। साढ़े तीन हजार करोड़ का सीमेंट प्लांट भी मंदसौर में लग रहा है। 

बिजली के मामले में आत्मनिर्भर होंगे किसान

सीएम डॉ.यादव ने कहा कि हमारी सरकार किसानों के लिए कई तरह के काम कर रही है। चंबल-कालीसिंध नदी जोड़ो के माध्यम से 13 जिलों के किसानों की जिंदगी बदल जाएगी। आप खेती की जमीन मत बेचना। ये पीढ़ियों की विरासत है, इसे बचाकर रखना। यह अमूल्य धरोहर है। लोन ले लेना, लेकिन जमीन मत बेचना। अगली पीढ़ि को पढ़ाओ-लिखाओ उद्योग-धंधे लगवाओ। मध्यप्रदेश आज सबसे तेजी से विकास करने वाला राज्य है। भविष्य में खेतों में दिन में ही पानी उपलब्ध होगा। खेती करने वाले किसानों को दस लाख के पंप पर आप दस फीसदी दो, बाकी की व्यवस्था सरकार करेगी। सरकार मीटर लगाएगी, आपके पास ज्यादा बिजली होगी तो सरकार उसे खरीद लेगी। सरकार किसानों को सौलर पंप देगी। आपकी बिजली आप बनाएंगे। किसान बिजली के मामले में आत्मनिर्भर होंगे। 

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हर तरीके से बढ़ेगी आय

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि हम गौशालाएं बना रहे हैं। बेसहारा गायों को पालने वालों को प्रति गाय 40 रुपये सरकार देगी। सरकार भैंस के साथ-साथ गाय का दूध भी खरेदेगी। मध्यप्रदेश देश का 9 फीसदी दूध उत्पादन करता है, इसे 20 फीसदी करना है। उन्होंने कहा कि अपने घरों में कमरे बढ़ा लीजिए। सरकार पर्यटनों को बढ़ावा देने के लिए होमस्टे पर काम कर रही है। जैसे भी हो किसानों की, लोगों की आय बढ़नी चाहिए। हम धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा दे रहे हैं। जहां-जहां भगवान कृष्ण के चरण पड़े, वहां-वहां तीर्थ स्थान बनाएंगे।

किसानों को मिली जानकारी

गौरतलब है कि समागम में कृषि-उद्यानिकी के 15 विशेषज्ञों ने किसानों और उद्यमियों को नई तकनीक की जानकारी दी। उन्होंने किसानों को बताया कि वे नई तकनीक से खेती और खाद्य प्रसंस्करण को बेहतर बना सकते हैं। समागम स्थल पर किसानी-उद्यानिकी के आधुनिक यंत्रों, उपकरणों के स्टॉल लगाए गए। इन उपकरणों में ट्रैक्टर, हैप्पी सीडर, प्याज-लहसुन बुआई यंत्र, ड्रोन, एआई आधारित उपकरण, पावर स्प्रेयर, सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर, सेंसर-आधारित उर्वरक संयंत्र, कृषि एवं उद्यानिकी की नवीनतम-उन्नत किस्में, पॉली/नेट हाउस, मल्चिंग, पौंड लाइनिंग, जैविक-नैनो फर्टिलाइजर, कस्टमाइज्ड माइक्रो न्यूट्रिएंट्स, गौशाला उत्पाद, दुग्ध एवं हर्बल उत्पाद, पशु आहार, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, बायो-फ्लॉक्स, टैंक- केज कल्चर मॉडल, एक्वेरियम डिस्प्ले शामिल थे। कार्यक्रम में भाग लेने वाले किसानों और एफपीओ प्रतिनिधियों के लिए प्राकृतिक और जैविक खेती का लाइव प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन से किसानों ने जैविक खेती की आधुनिक और उन्नत तकनीक सीखी। 

PunjabKesariमहर्षि सांदीपनी विद्यालय भवन का लोकार्पण

गौरतलब है कि मंदसौर उद्यानिकी उत्पादों में अग्रणी जिला है। यहां 1.15 लाख हेक्टेयर जमीन में फल, सब्जी, मसालों, औषधीय फसलों का उत्पादन होता है। इसके मद्देनजर कार्यक्रम में फसलों से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा दिया गया। इसके अलावा नए निवेशकों को इन फसलों से संबंधी व्यवसायों के लिए जागरूक किया गया। कार्यक्रम के दौरान सीएम डॉ. यादव ने सीतामऊ में 33 करोड़ 14 लाख से निर्मित (सीएम राइज स्कूल) महर्षि सांदीपनी विद्यालय भवन चंदवासा का लोकार्पण किया। उन्होंने दुधाखेड़ी में 400 करोड़ के निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन किया। उन्होंने लदुना में 33.59 करोड़ की लागत से निर्मित सांदीपनि विद्यालय, 19.31 करोड़ की लागत से निर्मित सुवासरा-गुराड़ियाकला मार्ग, संयुक्त तहसील कार्यालय के साथ अन्य इकाइयों का भी लोकार्पण किया। 

किस कंपनी को क्या मिला-कितना रोजगार

दिव्यानंद हर्बल्स को औद्योगिक क्षेत्र जग्गाखेड़ी, जिला मंदसौर में भूमि आवंटित की गई। कंपनी ने फूड प्रोसिसिंग के विनिर्माण के लिए 6 करोड़ का निवेश किया है। इससे 110 लोगों को रोजगार मिलेगा। जय होम को औद्योगिक क्षेत्र जग्गाखेड़ी, जिला मंदसौर में भूमि आवंटित की गई है। कंपनी ने मसाला विनिर्माण के लिए 5 करोड़ का निवेश किया है। इससे 20 लोगों को रोजगार मिलेगा। कृपा बायोटेक एलएलपी ने तहसील मल्हारगड, जिला मंदसौर में 200 करोड़ की लागत से एथेनॉल निर्माण इकाई की स्थापना की है। इसमें 500 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। डिटरमाइंड इंडिया को ग्राम ग्वालदेवीया, जिला नीमच में 14.20 हेक्टर भूमि आवंटित की गई है। कंपनी ने ग्रेन बेस्ड एथेनॉल के विनिर्माण के लिए 425 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। इससे 450 लोगों को रोजगार संभावित है। लक्षिका पावर प्लांट को ग्राम बसई, जिला मंदसौर में 8 हेक्टर भूमि आवंटित की गई है। कंपनी ने एथेनॉल के विनिर्माण के लिए 132.90 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। इसमें 450 व्यक्तियों रोजगार मिल सकता है। मेसर्स बिंग सी रिन्युवल एनर्जी को ग्राम बासनिया, जिला नीमच में 8 हेक्टर भूमि आवंटित की गई है। कंपनी ने कम्प्रेस्ड बायोगैस के विनिर्माण के लिए 61 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। कंपनी 350 व्यक्तियों का रोजगार दे सकती है। शार्ग केमिकल को ग्राम ग्वालदेविया, जिला नीमच में 8 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। कंपनी ने केमिकल फर्टिलाइजर के विनिर्माण के लिए 70 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। इससे 220 व्यक्तियों को रोजगार मिलने की संभावना है। एमीटेक्स एग्रो प्रोडक्ट प्रा.लि. ने 200 करोड़ की लागत से फूड प्रोसेसिंग विनिर्माण की यूनिट स्थापित करने के लिए ग्राम लालूखेडी, जिला आगर मालवा में ईओआई प्रेषित किया है। इसमें 800 व्यक्तियों को रोजगार मिल सकता है। संकेत आईल्स प्रा.लि. ने 75 करोड़ की लागत से फूड ऑईल प्रोसेसिंग विनिर्माण की यूनिट की स्थापना के लिए जिला मंदसौर में ईओआई प्रेषित किया है। 650 व्यक्तियों को रोजगार मिलने की संभावना है। मेसर्स सफल फूडस प्रा.लि. ने 138 करोड़ की लागत से प्लसेस मिल विनिर्माण की इकाई के स्थापना के लिए जिला मंदसौर में ईओआई प्रेषित किया है। इसमें 800 व्यक्तियों को रोजगार मिल सकता है। जैन कोर्ड प्रा.लि. ने 400 करोड़ की लागत से कपड़ा-परिधान विनिर्माण की इकाई की स्थापना के लिए ग्राम बसई में ईओआई प्रेषित किया है। इसमें 2500 व्यक्तियों को रोजगार मिल सकता है।

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