Edited By meena, Updated: 02 Jan, 2024 01:39 PM
छतरपुर में केंद्र सरकार द्वारा गाड़ी ड्राइविंग को लेकर मोटर व्हीकल कानून में बदलाव/संशोधन के खिलाफ छतरपुर सहित प्रदेश भर में बस यूनियन ने
छतरपुर (राजेश चौरसिया): छतरपुर में केंद्र सरकार द्वारा गाड़ी ड्राइविंग को लेकर मोटर व्हीकल कानून में बदलाव/संशोधन के खिलाफ छतरपुर सहित प्रदेश भर में बस यूनियन ने 1 जनवरी से अनिश्चत कालीन हड़ताल शुरू की गई जिसका व्यापक असर भी आज 1 जनवरी को देखने को मिला, वर्ष पर सुबह से ही जिला मुख्यालय पर देखने को मिला इस हड़ताल के चलते छतरपुर से जाने वाली 450 से अधिक यात्री बसें बंद रहीं।
ड्राईवर और बस चालकों की मानें तो नए नियम/कानून में गरीब वाहन चालक पर 7 लाख रुपए जुर्माना तय किया गया है जो कि वह कहां से लाएगा साथ ही 10 साल की जेल का भी प्रावधान नए कानून में है। जिसके विरोध में वाहन चालको ने 1 जनवरी से हड़ताल शुरू की है। इसका असर यात्रियों पर साफ़ दिखाई दिया। यात्री एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए दिनभर परेशान होते रहे। जिस कारण यात्रियों को मजबूरी में टैक्सी, जीप व प्राइवेट वाहनों का सहारा लेना पड़ा। इन वाहनों ने भी मौके का फायदा उठाते हुए लोगों से मनमाना किराया वसूल किया। वहीं सुबह से टैक्सी और रिक्सा चालक भी बस चालको के साथ दोपहर तक हड़ताल में सहयोग करते रहे, लेकिन दोपहर बाद इन वाहनों ने चलना शुरू कर दिया।
●नए नियम बहुत कठिन और कठोर
बस चालकों ने बताया कि, शासन ने परिवहन विभाग के नियमों में फेरबदल किया है। नए नियम के तहत अब उन्हे वाहन चलाने में समस्या होगी। चालक-परिचालक संघ की ओर से बताया गया कि, केंद्र सरकार ने नए नियम के तहत बस, ट्रक, कार, ऑटो रिक्शा सहित अन्य वाहनों के द्वारा हुई दुर्घटना का जिम्मेदार अब वाहन मालिक नहीं बल्कि चालक व परिचालक को बनाया जाएगा। जिससे दुर्घटना होने पर संपूर्ण जिम्मेदारी इन्ही की होगी।
●बस यूनियन अध्यक्ष बोले
नए नियम के तहत वाहन से दुर्घटना के दौरान मौत हो जाने पर चालक और परिचालक को 10 वर्ष की सजा एवं 7 लाख रूपए के जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। जबकि इन चालको को महज 15 से 20 हजार रूपए मासिक वेतन ही मिलती है। ऐसे में कोई दुर्घटना होने पर चालक इतनी बड़ी राशि कैसे चुका पाएगा। इसी नए नियम के विरोध में पूरे देश-प्रदेश सहित छतरपुर के बसों के चालक और परिचालको ने हड़ताल शुरू की है। अगर इस सांकेतिक हड़ताल के बावजूद शासन ने नियम नहीं बदला तो आगे भी चालक और परिचालकों के द्वारा क्रमबद्ध तरीके से हड़ताल की जाएगी।