मुख्यमंत्री साय अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में हुए शामिल

Edited By Himansh sharma, Updated: 13 Jul, 2025 08:09 PM

cm attended the national executive meeting of vaishnav brahmin seva sangh

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर में आयोजित अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ (चतुः संप्रदाय), मुंबई की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में शामिल हुए।

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर में आयोजित अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ (चतुः संप्रदाय), मुंबई की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभु श्रीराम के ननिहाल और माता कौशल्या की पावन भूमि छत्तीसगढ़ में वैष्णव ब्राह्मण समाज का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित होना हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि वैष्णव ब्राह्मण समाज का इतिहास अत्यंत गौरवशाली रहा है। इस समाज की विभूतियों ने छत्तीसगढ़ में दानशीलता की अद्भुत मिसालें स्थापित की हैं। विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में वैष्णव ब्राह्मण समाज का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले समाज के प्रतिभावान व्यक्तियों को सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री साय ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वैष्णव ब्राह्मण समाज ने सनातन धर्म को सशक्त बनाने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। यह समाज केवल पुरोहित कर्म से ही नहीं, बल्कि शासन-प्रशासन में भी सक्रिय रहा है। दानशीलता की महान परंपरा का परिचय देते हुए इस समाज ने कभी राजपाट तक दान कर दिए। राजनांदगांव की वैष्णव ब्राह्मण रियासत इसका अनुपम उदाहरण है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि डेढ़ वर्ष के भीतर हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अधिकांश गारंटियों को अमल में लाकर पूर्ण किया है। छत्तीसगढ़, प्रभु श्रीराम का ननिहाल रहा है और उन्होंने अपने वनवास का लंबा समय यहीं व्यतीत किया था। हमारी सरकार ने रामलला दर्शन योजना शुरू की है, जिसके तहत अब तक 22 हजार से अधिक श्रद्धालु अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला के दर्शन कर चुके हैं। मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना को भी पुनः प्रारंभ किया गया है, जिसके अंतर्गत 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिक अपनी आस्था के अनुसार तीर्थ स्थलों का दर्शन कर सकेंगे। दिव्यांगजनों, विधवाओं और परित्यक्ताओं के लिए इस योजना में अधिकतम आयु सीमा नहीं रखी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत का संकल्प लिया गया है। उसी दिशा में हमें विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में अग्रसर होना है। इस कार्य में वैष्णव ब्राह्मण समाज की सक्रिय भागीदारी अपेक्षित है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि समाज संगठित रहकर निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर होगा। 

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वैष्णव ब्राह्मण समाज एक दूरदर्शी और कल्पनाशील समाज है। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव से विधायक, सांसद, केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने इस समाज के ऐतिहासिक योगदान को निकटता से देखा है। उच्च शिक्षा, रेलवे, उद्योग और पेयजल व्यवस्था के विकास में राजनांदगांव के राजपरिवार ने अभूतपूर्व योगदान दिया है। महंत दिग्विजय दास जी ने महाविद्यालय के लिए अपना महल दान किया, रेलवे के लिए विशाल भूमि दी, और बीएनसी कॉटन मिल की स्थापना की, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिला। महंत घासीदास जी ने व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए नि:शुल्क भूमि देने की घोषणा की थी।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने अपने संबोधन में कहा कि वैष्णव ब्राह्मण समाज सनातन धर्म की ध्वजवाहक है। इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के आयोजन से समाज और अधिक एकजुट होकर आगे बढ़ेगा।

इस अवसर पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पी. एल. बैरागी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लाल जे. के. वैष्णव, प्रदेश अध्यक्ष राकेश दास वैष्णव, विजय कुमार दास,  राघवेंद्र दास वैष्णव, डॉ. सौरभ निर्वाणी, अंजना देवी वैष्णव, रजनीश वैष्णव सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे।

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