घर के मुखिया की मौत से परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, तिरपाल तानकर करना पड़ा संस्कार, 4 साल के मासूम ने दी मुखाग्नि

Edited By meena, Updated: 22 Aug, 2024 02:40 PM

in chhindwara the last rites had to be performed by spreading a tarpaulin

सरकारें और नेतागण सुविधाओं के नाम पर मंच पर भले ही कितनी बड़ी बड़ी बातें कर लें, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है...

छिंदवाड़ा (साहुल सिंह) : सरकारें और नेतागण सुविधाओं के नाम पर मंच पर भले ही कितनी बड़ी बड़ी बातें कर लें, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है। जिसका जीता जागता उदाहरण छिंदवाड़ा जिले के कोयलांचल में देखने को मिला। जहां श्मशान घाट में छत न होने की वजह से एक शख्स का दाह संस्कार तिरपाल तानकर करना पड़ा। संस्कार पर पहुंचे सभी लोगों ने भारी बारिश के बीच तिरपाल तानी और 5 साल के मासूम ने पिता को मुखाग्नि दी।

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जानकारी के मुताबिक, जमकुंडा में रहने वाले रंजीत पिता हजारीलाल खरे का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। बुधवार को तेज बारिश हो रही थी ऐसे में उसका संस्कार करना परिजनों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं रहा। सभी अपने मृतक का अंतिम संस्कार करने के लिए ग्रामीण उसकी शव यात्रा लेकर ग्राम पंचायत भवन के पीछे स्थित वन विभाग की भूमि पर पहुंचे।

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यहां लकड़ियों की व्यवस्था तो की गई। लेकिन बारिश से बचने का कोई उपाय ग्रामीणों के पास नहीं था। ऐसे में बड़ी मुश्किल से शव को चिता पर लेटाया गया और शव यात्रा में शामिल लोगों को एक तिरपाल लेकर उसे चिता के ऊपर चारों तरफ से पकड़ कर खड़े होना पड़ा। इसके बाद मृतक की 5 साल की मासूम बेटी ने उसे मुखानी दी। 

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