छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का नया कीर्तिमान, सरकार ने किसानों से खरीदा 100 लाख मीट्रिक धान

Edited By meena, Updated: 18 Jan, 2023 01:18 PM

new record of paddy procurement in chhattisgarh

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का रिकॉर्ड साल दर साल टूटता जा रहा है। राज्य में अभी धान खरीदी का एक पखवाड़ा बाकी है

रायपुर(सत्येंद्र शर्मा): मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का रिकॉर्ड साल दर साल टूटता जा रहा है। राज्य में अभी धान खरीदी का एक पखवाड़ा बाकी है और खरीदी का आंकड़ा 100 लाख मीट्रिक टन पार हो गया है। धान खरीदी का यह नया रिकॉर्ड राज्य में खेती-किसानी और किसानों की समृद्धि का प्रतीक बन चुका है। राज्य में 17 जनवरी 2023 तक 100 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान की खरीदी हो चुकी है। धान खरीदी 31 जनवरी 2023 तक चलेगी, इससे धान खरीदी का आंकड़ा और बढ़ेगा। छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Sarkaar) की किसान हितैषी नीतियों के चलते खेती-किसानी और किसानों के जीवन में सुखद बदलाव आया है। सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) के नेतृत्व में राज्य में फसल उत्पादकता एवं फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अलावा किसानों की कर्ज माफी से राज्य के किसानों को एक नई ताकत मिली है, जिसके चलते राज्य में किसानों की संख्या और खेती के रकबे में लगातार वृद्धि हो रही है। राज्य में धान का रिकॉर्ड उत्पादन इस बात का प्रमाण है।

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कर्ज माफी और राजीव गांधी किसान न्याय योजना से खेती की ओर लौटे किसान

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने राज्य में 100 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का आंकड़ा पार होने पर आज अपने निवास कार्यालय में मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा की और कहा कि सीएम भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों की ऋण माफी और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लागू होने से किसान खेती की और वापस लौटने लगे है। यही वजह है कि वर्ष 2017-2018 की तुलना में राज्य में पंजीकृत नये किसानों की संख्या में 1.19 लाख, वर्ष 2019-2020 में 2.58 लाख, वर्ष 2020-2021 में 1.97 लाख तथा वर्ष 2021-2022 में 2.56 लाख की वृद्धि हुई है। वर्ष 2022-2023 में धान विक्रय के लिए पंजीकृत कृषकों की संख्या 24.96 लाख हो चुकी है, जिसमें 2.30 लाख नए किसान शामिल है। इसी तरीके से धान के पंजीकृत रकबे में भी साल दर साल वृद्धि हुई है। वर्ष 2017-2018 में 24.46 लाख हेक्टेयर पंजीकृत रकबा, वर्ष 2022-2023 में 32.16 लाख हेक्टेयर हो गया है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत चार किस्तों में मिलने वाली इनपुट सब्सिडी की राशि खेती के लिए मददगार साबित हुई है।

1 नवबंर 2022 से शुरू हुई धान खरीदी

राज्य में चालू खरीफ सीजन में 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान है। धान खरीदी केंद्रों में दिख रही किसानों की चहल-पहल और धान की आवक को देखते हुए धान खरीदी का आंकड़ा 110 लाख मीट्रिक टन के पार हो जाएगा। इस साल धान बेचने के लिए 24.96 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है, जिसमें से अब तक 22.48 लाख किसानों ने धान विक्रय किया है। किसानों को 20,375 करोड़ रूपए का भुगतान बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत किया गया है। धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव निरंतर जारी है।

2617 धान उपार्जन केंद्र बने

गौरतलब है कि राज्य सरकार की किसान हितैषी योजनाओं से इन चार वर्षों में लगातार किसानों की पंजीयन में वृद्धि हुई है। इस वर्ष 24.96 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है, इनमें 2.30 लाख नए किसान हैं। राज्य सरकार द्वारा इस सीजन में 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का अनुमान लगाया गया है। किसानों को धान विक्रय में सहूलियत हो इस लिहाज से इस साल राज्य में 135 नए उपार्जन केन्द्र शुरू किए गए, जिसके कारण कुल उपार्जन केंद्रों की संख्या 2617 हो गई है।

साल दर साल खरीदी का आंकड़ा

प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष में 2017-2018 में लगभग 56 लाख 88 हजार टन धान खरीदी हुई। इस वर्ष किसानों को 10596.49 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया। वर्ष 2018-2019 में लगभग 80 लाख 37 हजार टन धान खरीदी हुई। किसानों को समर्थन मूल्य के रूप में 14015 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया। छत्तीसगढ़ सरकार ने 2500 रूपए क्विंटल की दर से किसानों से किए गए धान खरीदी के वादे को पूरा करते हुए प्रति क्विंटल धान के मान से 750 रूपए बोनस देते हुए 20092.32 करोड़ रूपए का भुगतान किया।

वर्ष 2019-2020 में लगभग 83 लाख 94 हजार टन धान खरीदी हुई। इस वर्ष 15286 करोड़ रूपए किसानों को समर्थन मूल्य के भुगतान के अलावा 5628 करोड़ रूपए इनपुट सब्सिडी के रूप में दिया गया। इस प्रकार कुल 20914 करोड़ रूपए का भुगतान किसानों किया गया। वर्ष 2020-2021 में 92 लाख मीट्रिक टन धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी के एवज में किसानों को 17241 करोड़ रूपए की भुगतान के अतिरिक्त 5553 करोड़ रूपए इनपुट सब्सिडी, इस प्रकार कुल 22794 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया।

वर्ष 2021-2022 में 98 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी के एवज में 19037 करोड़ रूपए की राशि समर्थन मूल्य के रूप में तथा इनपुट सब्सिडी के रूप में अक्टूबर 2022 तक तीन किस्तों में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 5235 करोड़ रूपए, इस प्रकार कुल 24272 करोड़ रूपए का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। राज्य में धान खरीदी की रफ्तार को देखते हुए इसमें लगभग 2500 करोड़ रूपए की और बढ़ोतरी होने का अनुमान है।

मंत्री भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू से ही एक चुनौती रही है। बीते चार सालों में छत्तीसगढ़ सरकार ने इस चुनौती तमाम तरह की परेशानियों, केंद्र के अड़ियल रवैये, बारदाने की आपूर्ति में व्यवधान के बावजूद भी अपने बलबूते पूरा किया है। राज्य में 100 लाख मीट्रिक टन धान की बिना किसी व्यवधान के खरीदी अपने आप में एक रिकॉर्ड है। मंत्री भगत ने राज्य में धान खरीदी की व्यवस्था से जुड़े सभी अधिकारियों-कर्मचारियों सहित किसान भाईयों को बधाई दी है। उन्होंने धान खरीदी से लेकर उठाव और कस्टम मिलिंग के लिए सीएम  भूपेश बघेल की ओर से मिले सतत् मार्गदर्शन के लिए उनका आभार जताया है।

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