रीवा में 750 मे.वा. सौर ऊर्जा परियोजना में पूर्ण क्षमता पर उत्पादन इसी माह से : हर्ष यादव

Edited By PTI News Agency, Updated: 10 Dec, 2019 08:35 PM

pti madhya pradesh story

भोपाल, 10 दिसंबर :भाषा: मध्यप्रदेश के नवकरणीय ऊर्जा, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के मंत्री हर्ष यादव ने मंगलवार को बताया कि रीवा में बनाये जा रहे 750 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र में इस माह में पूर्ण क्षमता पर उत्पादन प्रारंभ हो जायेगा।

भोपाल, 10 दिसंबर :भाषा: मध्यप्रदेश के नवकरणीय ऊर्जा, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के मंत्री हर्ष यादव ने मंगलवार को बताया कि रीवा में बनाये जा रहे 750 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र में इस माह में पूर्ण क्षमता पर उत्पादन प्रारंभ हो जायेगा।
उन्होंने कहा कि यह विश्व की अपने किस्म की सबसे बड़ी परियोजना है और सौर ऊर्जा के मामले में मध्य प्रदेश देश का अग्रणी राज्य बन चुका है।
उन्होंने कहा कि बुदेलखंड, चंबल और मालवा के नीमच जिले में 3500 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजनाएं लगाने का निर्णय लिया गया है।यादव ने यहां पत्रकार वार्ता में कहा, ‘‘रीवा में सौर ऊर्जा संयंत्र से दिसम्बर (इसी) माह में 750 मेगावाट की पूर्ण क्षमता से उत्पादन प्रारंभ हो जायेगा। यहां से अभी प्रतिदिन 99 मेगावॉट बिजली दिल्ली मेट्रो को दी जा रही है। शेष बिजली प्रदेश को 2.97 रुपये प्रति यूनिट की दर से मिल रही है।’’ उन्होंने बताया कि आगे आने वाले समय में बुदेंलखंड में सागर जिले के देवरी, बण्डा, केसली, जैसीनगर, मुरैना जिले के मुरैना, जौरा और कैलारस में सौर परियोजनाएं प्रारंभ होगी। इनकी कुछ क्षमता लगभग 2000 मेगावॉट होगी। इसकी अलावा मालवा के आगर, शाजापुर और नीमच जिलों में 1500 मेगावॉट की सौर परियोजनाएं लगाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष में हमारी सरकार ने प्रदेश और केन्द्र सरकार के अनेक भवनों में 43 मेगावॉट क्षमता के सौलर रुफ टॉप परियोजनाओं पर कार्य प्रारंभ कर दिया है। इनमें से 8.5 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं जबकि अगले चार सालों में प्रदेश में कम से कम 500 मेगावॉट की सौलर रुफ टॉप परियोजनाएं स्थापित करने का लक्ष्य है।
यादव ने बताया कि प्रदेश के दूरदराज के इलाके के किसानों को अनुदान पर अब तक 18,000 सौलर पम्प सिंचाई के लिये उपलब्ध कराये गये हैं जबकि हमारी सरकार ने आगामी वर्षो में दो लाख सौलर पम्प स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में नवाचार के तहत ऊर्जा संग्रहण क्षमता विकसित करने की पहल मुख्यमंत्री कमलनाथ ने की है। इस संबंध में प्रस्ताव का परीक्षण कर अगले वर्ष में स्टोरेज प्लांट की स्थापना प्रस्तावित है। इसके अलावा प्रदेश के ओंकारेश्वर और इंदिरा सागर जलाशयों में 1,000 मेगावॉट क्षमता के फ्लोटिंग सौर संयंत्र को विकसित करने की कार्यवाही प्रारंभ की गई है।
प्रदेश के कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ने बताया कि देश के विभिन्न प्रमुख नगरों में करीग 20 मृगनयनी केन्द्र प्रारंभ करने के प्रयास किये गये हैं। इनमें से हैदराबाद, केवड़िया :गुजरात: और रायपुर में शो रुम चालू हो गये हैं। इसके अलावा यह आन लाइन बिक्री के लिये मृगनयनी की वेब साइट के साथ ही अमेजन के माध्यम से भी उपलबध है।
उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिये पहली बार मध्यप्रदेश के वस्त्र शिल्पी लंदन में अध्ययन एवं भ्रमण के लिए भेजे गयऐ हैं। इमनें महेश्वर :खरगोन: चंदेरी :अशोकनगर: और बाघ :धार: के शिल्पी शामिल हैं।


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