बैतूल में जन्मा दुर्लभ बच्चा, जलपरी की तरह दोनों पैर, इलाज के दौरान तोड़ा दम

Edited By Himansh sharma, Updated: 15 Dec, 2024 12:00 PM

rare child born in betul everyone was surprised to see

भैंसदेही सीएचसी में शनिवार को जन्मे एक शिशु को देखते ही सब लोग हैरान हो गए।

बैतूल। (रामकिशोर पवार): आदिवासी बाहुल्य जिले की भैंसदेही सीएचसी में शनिवार को जन्मे एक शिशु को देखते ही सब लोग हैरान हो गए। बच्चे के पैर किसी जलपरी की तरह जुड़े हुए थे। इसे मरमेड बेबी की तरह कहा जाता है। उसके पैर मछलियों के पिछले पंख की तरह जुड़े हुए थे। बच्चे ने जन्म के बाद करीब दस घंटे तक सांस ली। लेकिन उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन और शिशु रोग विषेशज्ञ डॉ जगदीश घोरे ने बताया कि भैंसदेही तहसील के एक गांव से 19 वर्षीय महिला को प्रसव के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भैंसदेही में भर्ती कराया गया था। 

जहां प्रसव के बाद एक बच्चे ने जन्म लिया। जिसे शनिवार सुबह करीब 9 बजे जिला अस्पताल रेफर किया गया था। जांच में पाया गया कि बच्चे को  मेजर कंजेनाइटल माल फॉर्मेशन है । यह कन्जवाइन बेबी है। इसका नीचे का सिरा पूरा चिपका हुआ है। जिसकी वजह से उसका सेक्स डिटरमिनेशन(जननांगों  की पहचान) नहीं हो रहा है। उसके  नीचे के ऑर्गन मिक्स अप है। पहचानना मुश्किल है कि वह बालक है या बालिका। परीक्षण में उसे हार्ट डिजीज भी पाई गई है। यह दुर्लभ स्तिथि है। यह एक लाख बच्चो में एक होता है। 

PunjabKesariकम वजन और प्री मेच्योर डिलीवरी 

बताया जा रहा है कि जिस मां ने इस बच्चे को जन्म दिया है उसकी उम्र महज 19 साल है। उसने भैंसदेही चक में इस बच्चे को जन्म दिया था जन्म के समय इसका वजन सामान्य बच्चों से कम पाया गया है। महिला की यह पहली डिलीवरी है। बच्चों के साथ उसकी मां को भी भैंस देही से बैतूल जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है जहां जच्चा की हालत सामान्य है। जबकि बच्चे ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। डॉक्टर के मुताबिक उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी जबकि उसका हार्ट भी ठीक से काम नहीं कर रहा था। 

पोषण की कमी बनी वजह 

डॉ जगदीश घोरे ने बताया कि यह  इसके लिए बहुत सारे कारण रहते है। गर्भकाल के समय मां को बहुत सारे सपोर्ट , दवाईयों की जरूरत होती है। आयरन ,फोलिक एसिड , मल्टी विटामिन, अच्छा भोजन,समय पर नींद ले,जांचे समय पर कराए। अक्सर यह होता है कि माल फॉर्मेशन इन तत्वों की कमी से होते है। बच्चे के बनावट में परेशानी न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट की वजह से हो जाता है। यह पोषण की कमी की वजह से हो जाता है। जिला मुख्य अस्पताल में डॉक्टर्स की टीम ने 10 घंटे तक बच्चे का इलाज किया।

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