Edited By Himansh sharma, Updated: 29 Jun, 2025 03:26 PM

जिला क्षय रोग केंद्र में सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा की अध्यक्षता में सघन टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा बैठक हुई।
भोपाल। (इजहार खान): जिला क्षय रोग केंद्र में सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा की अध्यक्षता में सघन टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा बैठक हुई। इस बैठक में डॉ. शर्मा ने टीबी उन्मूलन जागरूकता अभियान का मूल्यांकन किया, जिसमें जांच, संभावित टीबी रोगियों से बलगम संग्रहण, निक्षय पोर्टल पर संभावित आईडी तैयार करने तथा डॉट्स (प्रत्यक्ष रूप से देखा जाने वाला उपचार, लघु-पाठ्यक्रम) की उपलब्धता पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने निक्षय पोर्टल पर उपचार सहायता तथा पंजीकरण प्रक्रिया पर भी चर्चा की। उल्लेखनीय है कि डॉ. शर्मा ने भोजन की टोकरी वितरित कर टीबी रोगियों को पोषण उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी ली। इस बैठक में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. प्रांजल खरे, मुख्य ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी, उपखंड चिकित्सा अधिकारी के साथ ही टीबी पर्यवेक्षकों तथा फील्ड स्टाफ सहित अन्य जिला एवं ब्लॉक प्रबंधन स्टाफ मौजूद थे।
समीक्षा के दौरान सीएमएचओ डॉ. शर्मा ने टीबी के मामलों की शत-प्रतिशत अधिसूचना प्राप्त करने के महत्व पर बल दिया। इस अभियान का लाभ श्रमिक वर्ग एवं अन्य संवेदनशील आबादी को अधिकतम रूप से दिलाने के लिए आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, स्वास्थ्य केंद्रों एवं प्रमुख सार्वजनिक स्थानों जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, फैक्ट्रियों, उद्योगों, ईंट भट्टों, निर्माण स्थलों एवं क्रशर पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने की संस्तुति की गई। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि पंचायतों, शहरी स्थानीय निकायों, स्वयं सहायता समूहों, जन आरोग्य समिति, महिला आरोग्य समिति एवं ग्राम स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता समिति के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं। नए निक्षय मित्र एवं टीबी चैंपियंस की पहचान करने की भी आवश्यकता है।
सघन टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत उच्च जोखिम वाले रोगियों की जांच, जांच एवं उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें मधुमेह रोगी, कुपोषित व्यक्ति, धूम्रपान करने वाले, शराब पीने वाले, पूर्व टीबी रोगी, टीबी रोगियों के संपर्क में आने वाले व्यक्ति एवं एचआईवी संक्रमित व्यक्ति शामिल हैं। लक्षण वाले मरीजों की जांच एनएएटी और एक्स-रे जैसी आधुनिक तकनीकों से की जा रही है। डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत संवेदनशील आबादी की स्क्रीनिंग और जांच के प्रयास किए जा रहे हैं। जिले की सभी ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित करने के लिए समन्वित पहल की जा रही है।