Edited By meena, Updated: 30 Apr, 2025 01:43 PM

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल आज टीबी उन्मूलन और एनक्यूएस के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के...
रायपुर (पुष्पेंद्र सिंह) : स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल आज टीबी उन्मूलन और एनक्यूएस के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के राज्य स्तरीय सम्मान समारोह कार्यक्रम में शामिल हुए। यह कार्यक्रम मेडिकल कॉलेज रायपुर के ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस अवसर पर कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सजग और सचेत है। यह मेरे लिए बहुत खुशी की बात है कि हमारे स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर बेहतर कार्य किया जा रहा है। जैसा कि हमारे माननीय प्रधान मंत्री ने कहा है कि भारत देश से वर्ष 2025 तक हम सभी मिलकर टीबी का उन्नमूलन करेंगे, हम भी अपने राज्य में इस के लिए आगे बढ़ रहे हैं और देश से टीबी उन्नमूलन के लक्ष्य को हासिल करने में सहयोग कर रहे। यह अभियान मुख्यतः टीबी के खिलाफ हमारे प्रयासों को अधिक मजबूत बनाने में सफल रहा, और इस अभियान के माध्यम से टीबी की बीमारी के खिलाफ हमारी संकल्प शक्ति 100 फीसदी अधिक हुई है।
जायसवाल ने कहा कि मैं यह बताते हुए गोरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि छतीसगढ़ को पूरे देश में टीबी मुक्त ग्राम पंचायत कार्य को सबसे उत्कृष्ट तरीके से क्रियान्वित करने के लिए सम्मानित किया गया है। राज्य की 4103 ग्राम पंचायत को टीबी मुक्त घोषित किया गया है, मैं इन सभी पंचायतों के सरपंच एवं पंच को बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को और बेहतर दिशा में ले जाने के लिए हमें टीम भावना से एक साथ मिलकर काम करते रहना होगा ताकि योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक जरूर पहुंचे।
गौरतलब है कि निक्षय निरामय अभियान के अंतर्गत 36 लाख से भी अधिक हाई रिस्क व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान लगभग 4.5 लाख लोगों की एक्सरे जांच और 1.5 लाख लोगों की टीबी की जांच उच्चतम तकनीक नाट मशीनों से की गई है। इन सभी संयुक्त प्रयासों से राज्य में 100 दिनों के भीतर 17 हजार टीबी के मरीज खोज कर उनका इलाज प्रारंभ किया गया। अभियान के दौरान कुल 3130 नए निक्षय मित्र पंजीकृत कर, इन सभी के सहयोग से कुल 25 हजार से भी अधिक पोषण आहार टीबी मरीजों को प्रदान किया गया है।
इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया ने स्वास्थ्य कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा कार्य सामूहिक प्रतिबद्धता की सार्वजनिक अभिव्यक्ति है। हमारे राज्य में टीबी जैसी बीमारी के खिलाफ ये प्रगति आप जैसे जमीनी कार्यकर्ताओं के कारण ही संभव हो रही है। कह सकते हैं कि हम सिर्फ प्रगति की बात ही नहीं करते बल्कि परिणाम भी देते हैं। उन्होंने कहा कि हमें टीबी के खिलाफ सिर्फ 100 दिनों के अभियान तक ही सीमित नहीं रहना है बल्कि साल 2025 तक हमें टीबी को जड़ से खत्म करना है और ये हमारा कर्तव्य नहीं बल्कि राष्ट्रीय सेवा है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की प्रबंध संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने राज्य स्तरीय सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमने प्रदेश की जनता से 'टीबी मुक्त भारत' अभियान से जुड़ने के लिए 'नि-क्षय मित्र' बनने का आह्वान किया है, टीबी के खिलाफ इतनी बड़ी सामुदायिक पहल चलाना अपने आप में बहुत प्रेरणादायक है। उन्होंने सभी स्वास्थ्य कर्मियों से अपील करते हुए कहा कि इस वर्ष को सभी मिलकर टीबी उन्मूलन के लिए सर्वश्रेष्ठ वर्ष के रूप में स्थापित करेंगे।
राज्य स्तर पर दिए जा रहे सम्मान में 350 से कम पंचायत की श्रेणी में मनेंद्रगढ़ भरतपुर चिरमिरी जिले को पहला, कोरिया जिले को दूसरा और मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले को तीसरा पुरस्कार मिला। 350 से अधिक पंचायत की श्रेणी में जशपुर को पहला, सरगुजा को दूसरा और रायगढ़ को तीसरा पुरस्कार मिला। इसी क्रम में निश्चय मित्र पहल श्रेणी में पहला पुरस्कार गरियाबंद जिले को और दूसरा पुरस्कार रायपुर जिले को मिला।
100 दिनों के निश्चय निरामय अभियान के अंतर्गत 19 उच्च वरीयता वाले जिलों में नारायणपुर जिले को पहला और कोंडागांव जिले को दूसरा पुरस्कार मिला। इसी तरह से 14 निम्न वरीयता वाले जिलों में कांकेर को पहला और मुंगेली जिले को दूसरा पुरस्कार मिला। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण की श्रेणी में पहला पुरस्कार रायपुर, दूसरा पुरस्कार महासमुंद और तीसरा पुरस्कार दुर्ग जिले को मिला।