मुख्यमंत्री मोहन ने सभामंडपम् में भगवान श्री चंद्रमोलेश्वर का किया पूजन-अर्चन

Edited By Himansh sharma, Updated: 18 Aug, 2025 10:23 PM

the cm worshiped lord sri chandramouliswara in sabhamandapam

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को उज्जैन में निकली राजाधिराज बाबा महाकाल की राजसी सवारी के अवसर पर देश एवं प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं।

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को उज्जैन में निकली राजाधिराज बाबा महाकाल की राजसी सवारी के अवसर पर देश एवं प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बाबा महाकाल से प्रदेशवासियों के कल्याण और मंगलमय जीवन की कामना की है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देशभर में श्रावण मास में पूर्णिमा से पूर्णिमा तक महादेव की सवारियां निकलती हैं। लेकिन उत्तर और दक्षिण परम्पराओं के अनुसार भादवा (भाद्रपद) के दो सोमवार तक भी बाबा महाकाल की सवारी निकलती है। आज उज्जैन में बाबा महाकाल ने आखिरी (राजसी) सवारी कर नगर भ्रमण किया और अपनी प्रजा (जनता) के हाल-चाल जाने। बाबा ने अपने राजाधिराज स्वरुप में भक्तों को दिव्य दर्शन दिए।

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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से बाबा की भव्य राजसी सवारी के लिए सभी व्यवस्थाएं की गईं और धूमधाम से सवारी की अगवानी की गई। बाबा की सवारी सहित सवारी पथ पर पुष्पवर्षा भी की गई। इस वर्ष विजयादशमी पर्व पर बाबा महाकाल एक बार फिर सवारी के साथ जनदर्शन के लिए पधारेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बाबा महाकाल से कामना करते हुए कहा कि बाबा का शुभाशीष प्रदेशवासियों पर हमेशा बना रहे। कृपावंत भगवान महाकाल सबका कल्याण करें, सबके दुःख हर लें।

भगवान श्री महाकालेश्वर की इस वर्ष की श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में सोमवार,18 अगस्त को सायं 4 बजे राजसी सवारी धूमधाम से निकाली गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभामंडपम में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन किया। रजत पालकी में विराजित श्री चंद्रमौलेश्वर भगवान अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले तो सम्पूर्ण उज्जयिनी भगवान श्री महाकालेश्वर की जय-जयकार से गुंजायमान हो गई। चारों दिशाओं में भगवान श्रीमहाकाल की भक्ति में लीन भक्तों के नेत्र त्रिनेत्रधारी भगवान श्री शिव की एक झलक पाकर भाव-विभोर हो उठे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव और प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल ने सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन विधिवत रूप से किया।  और आरती में सम्मिलित हुए। पूजन के बाद निर्धारित समय पर भगवान श्री महाकाल की पालकी को नगर भ्रमण के लिये रवाना किया गया। पूजन-अर्चन पुजारी पं. घनश्याम शर्मा व अन्य पुजारियों द्वारा सम्पन्न करवाया गया। इस अवसर पर सभा मंडप में पूजन-अर्चन के दौरान संजय अग्रवाल, रवि सोलंकी आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंशानुरुप सवारी के मुख्य द्वार पर पहुंचने पर रजत पालकी में विराजित भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। रजत पालकी में विराजित भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर जैसे ही मुख्य द्वार पर पहुंचे असंख्य श्रद्धालुओं ने भगवान श्री महाकालेश्वर का स्वागत-वन्दन किया। सशस्त्र पुलिस बल के जवानों तथा प्रदेश के विभिन्न बटालियनों के जवानों द्वारा सवारी को सलामी दी गई। पालकी के आगे घुड़सवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान आदि की टुकडियां मार्च पास्ट करते हुए चल रही थी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव सवारी में शामिल हुए और सवारी मार्ग पर उन्होंने ड़मरु और झांझ बजाया। राजाधिराज भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी में असंख्य श्रध्दालुओं ने सवारी मार्ग पर ड़मरु, झांझ-मंजीरे बजाकर अवंतिकानाथ भगवान श्री महाकालेश्वर की जय जयकार की।

भगवान श्रीमहाकाल ने भक्तों को छह रूपों में दिये दर्शन

राजसी सवारी में भगवान श्री महाकालेश्वर ने छह विभिन्न स्वरूपों में अपनें भक्तों को दर्शन दिये। भगवान श्रीमहाकाल की राजसी सवारी में रजत पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर श्री शिवतांडव, नन्दी रथ पर श्री उमा-महेश और डोल रथ पर श्री होल्कर स्टेट के मुखारविंद एवं षष्ठम् सवारी में श्री सप्तधान मुखारविंद के रूपों में भक्तों को दर्शन दिए।

भगवान श्रीमहाकालेश्वर की सवारी परम्परागत मार्गों से होती हुई रामघाट पहुंची। रामघाट पर भगवान श्री महाकाल का क्षिप्रा के जल से जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की गई। पूजन-अर्चन पं. घनश्याम शर्मा और अन्य पुजारियों के द्वारा सम्पन्न कराया गया। पूजन के दौरान प्रभारी मंत्री  गौतम टेटवाल, महापौर मुकेश टटवाल, वैभव यादव सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

70 भजन मण्डलियां सवारी में हुई शामिल

श्रीमहाकालेश्वर भगवान की प्रमुख राजसी सवारी के चल समारोह में सबसे आगे श्रीमहाकालेश्वर मंदिर का प्रचार वाहन चला। उसके बाद यातायात पुलिस, तोपची, भगवान श्री महाकालेश्वर का रजत ध्वज, घुडसवार, विशेष सशस्त्र बल सलामी गार्ड, स्काउट / गाइड सदस्य, सेवा समिति बैंड के बाद उज्जैन के अतिरिक्त मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों से परंपरागत रूप से सवारी सम्मिलित होने वाली 70 भजन मंडलियां चल समारोह में प्रभु का गुणगान करते हुए शामिल हुई।

साथ ही नगर के साधु-संत व गणमान्य नागरिक, पुलिस बैंड, नगर सेना के सलामी गार्ड की टुकड़ी, श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी व पुरोहितगण सवारी के साथ रहे। उनके बाद श्री महाकालेश्वर भगवान (श्री चंद्रमौलेश्वर) की प्रमुख पालकी, भारत बैंड, रथ पर श्री गरुड़ पर विराजित श्री शिव-तांडव, रमेश बैंड, नंदी रथ पर श्री उमा महेश स्वरुप, गणेश बैंड, रथ पर श्री होल्कर स्टेट मुखारविंद, आर.के. बैंड, रथ पर श्री सप्तधान मुखारविंद के पश्चात राजकमल म्युजिकल ग्रुप बैंड व श्री मनमहेश स्वरुप हाथी पर विराजित रहे।

चलित रथ के माध्यम से श्रद्धालुओं ने करे दर्शन

भगवान श्रीमहाकालेश्वर की सवारी के सुगमतापूर्वक दर्शन के लिये चलित रथ की व्यवस्था की गई। जिसके दोनों ओर एलईडी के माध्यम से सवारी का लाईव प्रसारण किया गया, जिससे श्रद्धालुओं को भगवान के सहज दर्शन का लाभ मिला। साथ ही उज्जैन के अन्य स्थानों फ्रीगंज, नानाखेड़ा, दत्तअखाड़ा आदि क्षेत्रों में भी सवारी का लाइव प्रसारण किया गया।

PunjabKesariसवारी में जनजातीय एवं लोक नृत्य कलाकारों ने दीं आकर्षक प्रस्तुतियां

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशानुरूप बाबा श्रीमहाकालेश्वर की सवारी को भव्य स्वरुप देने के लिए जनजातीय कलाकारों के दल ने श्री महाकालेश्वर भगवान की राजसी सवारी में सहभागिता की। इसमें लामूलाल धुर्वे अनूपपुर के नेतृत्व में ढुलिया जनजातीय गुदुमबाजा नृत्‍य, भुवनेश्वर से श्री अभिजीत दास नेतृत्व में श्रृंगारी लोक नृत्‍य,  सुमित शर्मा एवं साथी हरदा से डण्‍डा लोक नृत्‍य एवं साधूराम धुर्वे बालाघाट के नेतृत्व में बैगा जनजातीय करमा नृत्‍य की प्रस्तुतियां दी गई। यह सभी दल श्री महाकालेश्वर भगवान की राजसी सवारी के साथ अपनी प्रस्तुति देते हुए चले। सभी जनजातीय दलों ने संस्कृति विभाग भोपाल, जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद व ‍त्रिवेणी कला एवं पुरातत्व संग्रहालय के माध्यम से भगवान श्री महाकालेश्वर की राजसी सवारी में सहभागिता की। एम्बुलेन्स, विद्युत मंडल का वाहन, फायर ब्रिगेड, वन विभाग आदि भी सुरक्षा की दृष्टि से सम्पूर्ण सवारी मार्ग में साथ में चले।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव भंडारे में हुए शामिल

मुख्यमंत्री डॉ. यादव राजसी सवारी में शामिल होने के बाद हरिफाटक ब्रिज के नीचे राजसी सवारी के लिए देश के विभिन्न प्रांतों से आए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आायोजित भोजन वितरण भंडारे में शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रद्धालुओं को भोजन वितरण किया।

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