Edited By meena, Updated: 25 Sep, 2022 12:35 PM
दौर शहर को सभी मध्य प्रदेश की व्यवसायिक राजधानी के रूप में जानते हैं लेकिन इन दिनों जिस तरह से लगातार ड्रग्स के मामले पकड़े जा रहे हैं यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि भारत का सबसे स्वच्छ शहर ड्रग्स कैपिटल बनता हुआ नजर आ रहा है।
इंदौर(सचिन बहरानी): इंदौर शहर को सभी मध्य प्रदेश की व्यवसायिक राजधानी के रूप में जानते हैं लेकिन इन दिनों जिस तरह से लगातार ड्रग्स के मामले पकड़े जा रहे हैं यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि भारत का सबसे स्वच्छ शहर ड्रग्स कैपिटल बनता हुआ नजर आ रहा है। पिछले 1 साल में इंदौर पुलिस ने दर्जनों ड्रग्स के मामले पकड़े जिसमें कई कंसाइनमेंट तो करोड़ों की कीमत रखते थे। कमिश्नरी लागू होने से और ऑपरेशन प्रहार से उम्मीद थी कि ड्रग्स के इन सौदागरों पर लगाम लगेगी लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आता हाल ही में फिर एमडीएमए ड्रग्स का मामला सामने आया है।
शहर में जितने भी मामले पकड़े गए उनमें ड्रग पेडलर से लेकर बड़े स्मगलर्स तक शामिल है। मामला केवल इंदौर या मध्य प्रदेश का नहीं यह गिरोह अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करते हैं। सवाल यह है कि इंदौर में इतना ड्रग्स क्यों आया? क्या शहर में इसकी खपत बढ़ गई है के शहर में क्या इस नशे का व्यापार बढ़ चुका है? क्या यह शहर दूसरे शहरों तक इस शहर को पहुंचाने का जरिया बन चुका है? युवाओं को समझाइश दी जाती है कि नशे से दूर रहे बार और पब पर लगातार निगरानी रखी जाती है कि कहीं ड्रग्स का कारोबार तो नहीं हो रहा कहीं ड्रग्स का इस्तेमाल तो नहीं हो रहा कॉलेज स्कूल के बाहर भी ऐसे मामले सामने आए हैं जहां से ड्रग पेडलर्स को पकड़ा गया है तो यह ड्रग आखिर लेता कौन है?
क्या इंदौर भी उड़ता पंजाब की तर्ज पर उड़ता इंदौर बन गया है? तमाम सवाल है जो तबाही की चेतावनी देते हैं। वही क्राइम ब्रांच की माने तो इंदौर में पिछले 1 साल में एक करोड़ से ज्यादा की ड्रग्स के साथ 50 से अधिक आरोपी पकड़े जा चुके हैं। ऑपरेशन प्रहार के तहत लगातार ड्रग्स के व्यापारी और सौदागरों पर शिकंजा कसा जा रहा है। बावजूद उसके शहर के भीतरी और बाहरी क्षेत्रों में ड्रग्स आसानी से मोहिया हो जाती है। हालांकि ऑपरेशन प्रहार की सख्ती के चलते यह सौदागर अब अपने पुराने ठिकानों को छोड़कर नए ठिकाने से अपना धंधा चला रहे हैं। पुलिस अपने इंटेलिजेंट नेटवर्क के जरिए नए-नए ठिकानों पर दबिश देती रहती है। इंदौर क्राइम ब्रांच के एसीपी निमिष अग्रवाल के हिसाब से युवाओं को ड्रग्स की इस महामारी से खुद भी बचना होगा और अपने साथियों को भी बचाना होगा ड्रग लेने से कोई कूल नहीं बनता बल्कि ड्रग लेने से इंसान फूल बनता है।