जल गंगा संवर्धन अभियान : प्रदेश के 413 नगरीय निकायों में हुई जल सहेजने की गतिविधियां

Edited By meena, Updated: 24 Jun, 2025 06:34 PM

water conservation activities started in mp

प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में नगरीय क्षेत्रों में जल गंगा संवर्धन अभियान में सामूहिक जनभागीदारी से जल सहेजने के लिये 413 ...

भोपाल : प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में नगरीय क्षेत्रों में जल गंगा संवर्धन अभियान में सामूहिक जनभागीदारी से जल सहेजने के लिये 413 नगरीय निकायों में 30 मार्च से विभिन्न गतिविधियां निरंतर संचालित हो रही हैं। इस कार्य में जनप्रतिनिधियों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सेदारी की। नगरीय निकायों में जल स्रोतों का संरक्षण व पुनर्जीवन, जनसामान्य में जल संचय और संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता का विकास, सामूहिक सहभागिता से स्थाई जल  संरचनाएं विकसित करने के साथ ही नदियों, तालाबों, कुओं, बावड़ियों और पारंपरिक जल स्रोतों के जीर्णोद्धार का कार्य प्रमुख रूप से किया गया।

नर्मदा नदी से लगे शहरी क्षेत्र में घाटों की मरम्मत और सफाई कार्य को प्राथमिकता दी गई। नगरीय निकायों में 3300 से अधिक जल स्रोतों को पुनर्जीवन दिया गया। नगरीय क्षेत्र के 2200 नालों की सफाई और पुर्नसंचालन की क्षमता विकसित की गई। प्रदेश में 4 हजार वर्षा जल संचयन संरचनाएं तैयार की गई। प्रदेश के प्रमुख नगरों में 32 अमृत जल संरचनाएं एवं 38 हरित क्षेत्र कार्य पूर्ण किये गये। नगरीय निकायों के कर्मियों ने शहरी क्षेत्रों में जल गुणवत्ता का परीक्षण फिजिकल, केमिकल और बायोलॉजिकल मानकों पर किया गया। मार्च 2025 से शुरू हुए अभियान में गर्मी के मौसम को देखते हुए नगरीय क्षेत्रों में 2700 सार्वजनिक प्याऊ और जल केन्द्रों की व्यवस्था की गई। इस पूरे अभियान में जनसहभागिता अभियान की आत्मा रही।

अभियान में 70 हजार से अधिक नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित की गई। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में 341 कलश यात्राएं नगर के प्रमुख मार्गों से निकाली गईं। इनमें महिलाओं की भागीदारी प्रमुख रही। अभियान से जुड़े 1000 जल नायक और जल मित्रों का माय भारत पोर्टल पर पंजीयन किया गया। बच्चों और युवाओं में पानी की बचत, पेयजल स्रोतों के आस-पास सफाई और स्वच्छ पर्यावरण की भावना को मजबूत करने के लिये रंगोली, चित्रकला और निबंध प्रतियोगिताएं हुई। नगरीय क्षेत्रों में व्यापक पौधरोपण की शुरूआत भी की गई। शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण के लिये वृक्षारोपण के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन नियंत्रण की योजना भी तैयार की गई है। नगर परिषद कटंगी जबलपुर के वार्ड-12 में 100 वर्ष पुरानी बावड़ी में सफाई अभियान चलाया गया। इंदौर के कनाड़ियां में 300 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक माता अहिल्या बावड़ी के जीर्णोद्धार का कार्य जनभागीदारी से किया गया। देवास जिले के बागली की हाथी बावड़ी की साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण का कार्य किया गया। नगर परिषद बिजावर मे बावड़ी का जीर्णोद्धार कर नया स्वरूप प्रदान किया गया। रतलाम में नगर निगम ने महालक्ष्मी मंदिर के सामने स्थित बावड़ी की साफ-सफाई नागरिकों की भगीदारी से पूरी की। छतरपुर के घुवारा में जर्जर हालत में पहुंच चुकी बावड़ी का सौंदर्यीकरण कर नया स्वरूप प्रदान किया गया।

नागरिकों को दिलाई गई शपथ

नगरीय क्षेत्रों में अभियान में शामिल नागरिकों को पेयजल स्रोतों के पास भविष्य में भी साफ-सफाई रखने, पेयजल स्रोतों के आस-पास पौधरोपण और शहरी क्षेत्रों में बागीचों की सुरक्षा के साथ निंतर सफाई रखे जाने के कार्य में सहयोग करने की शपथ दिलाई गई। बगीचे की देखभाल में स्वसहायता समूहों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा रही है।

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