गजबे है! बैंकों में जमा रुपए के बारे में नहीं बता पा रहे MP के 34 विभाग, 5 महीने से मांगी जा रही रिपोर्ट, प्रदेश की वित्तीय जवाबदेही अधर में

Edited By Vikas Tiwari, Updated: 21 Aug, 2025 05:09 PM

34 departments of mp are unable to tell about incomplete projects

मध्यप्रदेश की वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। राज्य के 34 विभाग अब तक यह बताने में नाकाम रहे हैं कि 31 मार्च 2025 की स्थिति में उनके अधीन बजट नियंत्रण अधिकारियों (BCO) ने बैंकों में कितनी राशि जमा कर रखी थी।...

भोपाल: मध्यप्रदेश की वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। राज्य के 34 विभाग अब तक यह बताने में नाकाम रहे हैं कि 31 मार्च 2025 की स्थिति में उनके अधीन बजट नियंत्रण अधिकारियों (BCO) ने बैंकों में कितनी राशि जमा कर रखी थी। यही नहीं, निर्माण विभागों ने यह भी साफ नहीं किया है कि इस अवधि में कौन-कौन से बड़े कार्य और परियोजनाएँ अधूरी रह गईं।

ऑडिटर जनरल का लगातार दबाव, फिर भी खामोशी
महालेखाकार कार्यालय (AG Office) की ओर से अप्रैल से अगस्त तक कई बार पत्र भेजे गए। 29 अप्रैल को पहला पत्र, 20 मई को दूसरा, 24 जुलाई को तीसरा और जब तब भी जवाब नहीं आया, तो 1 अगस्त को वित्त विभाग और मुख्य सचिव को अलग-अलग पत्र लिखकर जानकारी दिलाने की मांग की गई। फिर भी 58 BCO अब तक चुप्पी साधे बैठे हैं।

 
इसे भी पढ़ें- MP की इस जगह मिला सोने का भंडार! मंदिर के लिए खोद रहे थे जमीन, निकल पड़ा खजाना
 

वित्तीय रिपोर्टिंग पर असर
वित्त विभाग मान रहा है कि इस लापरवाही का सीधा असर राज्य की वित्तीय रिपोर्टिंग पर पड़ रहा है। सरकार के वित्तीय लेनदेन का ब्यौरा अधूरा रह गया है। विकास परियोजनाओं की वास्तविक स्थिति सामने नहीं आ पा रही। पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इतना ही नहीं, महालेखाकार कार्यालय को अब सीधे मुख्य सचिव को पत्र लिखना पड़ा है।

कौन से विभाग पीछे?
जिन विभागों के BCO ने जानकारी नहीं भेजी उनमें राजस्व, गृह, वित्त, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, लोक निर्माण, नगरीय विकास, महिला-बाल विकास, जनजातीय कार्य, कृषि, खनिज साधन, स्वास्थ्य, संस्कृति, जनसंपर्क, खाद्य-नागरिक आपूर्ति, ऊर्जा, वन और श्रम विभाग जैसे अहम नाम शामिल हैं।

सरकार की मुश्किलें और जनता का सवाल
ये खामोशी महज़ आंकड़ों की देरी नहीं है, बल्कि यह सीधे-सीधे बताती है कि राज्य की वित्तीय पारदर्शिता किस हद तक अधर में है। अधूरी परियोजनाओं और फंसे हुए बजट की वजह से सरकार न तो सही वित्तीय तस्वीर पेश कर पा रही है और न ही जनता को जवाब दे पा रही है।

58 BCO की रिपोर्टिंग गायब, 34 विभाग चुप। सवाल यह है कि जब राज्य की वित्तीय पारदर्शिता ही अंधेरे में हो, तो योजनाओं की असलियत और विकास का हिसाब जनता तक कैसे पहुंचेगा? 

इसे भी पढ़ें- ‘लाड़ली बहनों को बोरियों में भर देंगे’.. MP में जिला अध्यक्ष के स्वागत के बीच कांग्रेस नेता का विवादत बयान

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!