सरकार की नीतियों के खिलाफ बोलते बोलते भूले भाषा की मर्यादा कांग्रेसी, बाद में देनी पड़ा सफाई

Edited By Vikas Tiwari, Updated: 25 Jun, 2023 11:39 AM

while speaking against policies of government congress leader

छतरपुर में प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर शनिवार को जिला कांग्रेस कमेटी ने छतरपुर के छत्रसाल चौक पर 1 दिवसीय धरना प्रदर्शन करते हुए प्रदेश की सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए।

छतरपुर (राजेश चौरसिया): छतरपुर में भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ छतरपुर शहर के छत्रसाल चौक पर कांग्रेस के जंगी प्रदर्शन में भाषाई मर्यादाएं टूटने का मामला सामने आया है। जहां प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष राजेश सिंह पायक ने स्थानीय भाजपा नेताओं पर बिना नाम लिए तंज कसा। जहां उन्होंने भ्रष्टाचार, महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन किया। छतरपुर में प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर शनिवार को जिला कांग्रेस कमेटी ने छतरपुर के छत्रसाल चौक पर 1 दिवसीय धरना प्रदर्शन करते हुए प्रदेश की सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। जिस पर कांग्रेसियों ने उज्जैन महाकाल लोक में हुई तबाही और सतपुड़ा भवन में लगी आग के मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए सरकार का विरोध किया और एक ज्ञापन सौंपा है। यह प्रदर्शन कांग्रेस जिलाध्यक्ष लखनलाल पटेल के नेतृत्व में किया गया।


भाजपा जिलाध्यक्ष मलखान सिंह का कॉंग्रेसियों पर पलटवार

भाजपा जिला अध्यक्ष मलखान सिंह चौहान ने कांग्रेस द्वारा आयोजित कथित जंगी प्रदर्शन को हास्यास्पद करार देते हुए कहा कि आज जो कांग्रेस द्वारा जंगी प्रदर्शन कहा जा रहा है, उसमें उनकी पार्टी के खुद एक भी विधायक शामिल नहीं हुए और उसमें 100  लोग भी नहीं आए, कांग्रेस को आत्म चिंतन की आवश्यकता है और कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को संयमित भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए।

नाकाम थी कमलनाथ सरकार: भाजपा

प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर शनिवार को आयोजित कांग्रेस के धरना प्रदर्शन के जवाब में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को घेरा है। उन्होंने कमलनाथ सरकार के समय किए गए वादों को याद कराते हुए कहा कि कमलनाथ की कांग्रेस सरकार ने अपने 15 माह के कार्यकाल में झूठे वचन पत्र में दिया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया था। 10 दिनों में किसानों का 2 लाख तक का कर्जा माफ करने का वादा किया था लेकिन वह 15 माह में भी किसानों का कर्जा माफ नहीं कर पाए। जिस कारण से किसान बड़ी संख्या में डिफॉल्टर हो गए और ब्याज का भुगतान भी उनको अलग से करना पड़ा। भाजपा सरकार पुन: आते ही राज्य में किसानों का पूरा ब्याज माफ हुआ। इसके अलावा कांग्रेस ने वचन दिया था कि वह युवाओं को बेरोजगारी भत्ता के रूप में 4000 प्रति माह देंगे लेकिन 4000 तो दूर की बात वह 4 रूपए भी युवाओं को नहीं दिए। कन्यादान योजना में 51 हजार की घोषणा करके उन्होंने प्रदेश की कन्याओं के साथ भी छलावा किया और पाप के भागीदार बने इसीलिए अल्प समय में ही उनके आपसी झगड़े में सरकार चली गई।

 

 

 

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