Edited By Himansh sharma, Updated: 30 May, 2025 05:06 PM
भोपाल। लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के पावन अवसर पर ‘स्वावलंबी महिला, सशक्त राष्ट्र’ की संकल्पना को साकार करते हुए भोपाल स्थित शौर्य स्मारक से अहिल्या वाहिनी महिला बाइक रैली का भव्य शुभारंभ हुआ। इस जनकल्याणी पर्व के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण एवं उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से आयोजित इस रैली को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह आयोजन पुलिस विभाग एवं खेल विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान मध्यप्रदेश पुलिस ऑर्केस्ट्रा ने देशभक्ति गीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी, जिससे वातावरण राष्ट्रभक्ति की भावना से ओत-प्रोत हो उठा। इस अवसर पर सांसद बीडी शर्मा, खेल एवं युवा कल्यारण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, राज्य मंत्री कृष्णा गौर, महापौर मालती राय, डीजीपी कैलाश मकवाणा, अपर मुख्यि सचिव गृह जे.एन कंसोटिया, विशेष पुलिस महानिदेशक प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्ताव, संचालक खेल एवं युवा कल्या ण राकेश गुप्ता, विधायक भगवान दास सबनानी सहित प्रदेश के वरिष्ठ जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण, महिला पुलिसकर्मी, स्कूली छात्राएं एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
इच्छाशक्ति और सेवा भाव से रचा जा सकता है सशक्तह राष्ट्र – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में लोकमाता अहिल्याबाई की प्रशासनिक दक्षता, सामाजिक समर्पण और उनके द्वारा स्थापित सुशासन की प्रेरणादायी परंपराओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि रानी अहिल्याबाई एक आदर्श बहू, आदर्श मां, आदर्श पत्नी और महान शासिका थीं। उन्होंने अपने व्यक्तिगत दुखों को शक्ति में बदलते हुए नारी सशक्तिकरण, महिला शिक्षा, धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार और जनकल्याण के अनेक कार्य किए। उन्होंसने कहा कि इच्छाशक्ति और सेवा भाव से ही सशक्तज राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बाइक रैली के माध्यम से हमारी बहनें आज भोपाल की सड़कों पर चल रही हैं, यह हमारी संस्कृति, परंपरा और नारी सम्मान का प्रतीक है।
देवी अहिल्या बाई की जीवनगाथा नारीशक्ति के लिए प्रेरणा स्त्रोत – डीजीपी कैलाश मकवाणा
पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा ने कहा कि देवी अहिल्या बाई की जीवनगाथा नारीशक्ति के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। उन्होंने कहा कि “स्वयं के आत्मबल और दृढ़ इच्छा शक्ति से जीवन में कोई भी कठिनाई पार की जा सकती है। देवी अहिल्या का जीवन इसका उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी सामाजिक न्याय और महिला उत्थान की नींव रखी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में इस सप्ताह विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। महिला सशक्तिकरण को लेकर पुलिस विभाग निरंतर प्रयासरत है, जिसमें सेल्फ डिफेंस प्रशिक्षण सहित अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने उपस्थित छात्राओं से भी सोशल मीडिया के भ्रम से बचकर आत्मरक्षा व आत्मनिर्भरता की दिशा में सजग रहने की अपील की।
विशेष पुलिस महानिदेशक प्रज्ञा ऋचार श्रीवास्तमव ने कहा कि हमारे युवा वर्ग, हमारी बेटियों और महिलाओं में जो उत्साह और ऊर्जा दिखाई दे रही है, वह प्रेरणादायक है। यह भले ही एक प्रतीकात्मक प्रयास हो, लेकिन यह स्पष्ट संदेश देता है कि महिलाएं और बच्चियां भी मोटर बाइक चला सकती हैं। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सशक्त पहल है, जो दर्शाती है कि मध्यप्रदेश किसी भी शासन से इस दिशा में पीछे नहीं है।
इस कार्यक्रम में सृजन कार्यक्रम के 500 बालक/बालिका भी शामिल हुए। मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा प्रदेशभर में बाल संरक्षण, आत्मरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में संचालित सृजन कार्यक्रम ने एक नई मिसाल कायम की है। सामुदायिक पुलिसिंग के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र एवं शहरी क्षेत्र के झुग्गी झोपड़ियां एवं बस्तियों में निवासरत किशोर बालक-बालिकाओं हेतु सृजन कैंप आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें उन्हें गुड टच-बैड टच, महिलाओं पर होने वाले घरेलू एवं यौन हिंसा की रोकथाम, बाल अधिकारों, आत्मरक्षा, पोषण, स्वास्थ्य और साइबर सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी जा रही है। सृजन कार्यक्रम न केवल बच्चों को आत्मरक्षा और अधिकारों के प्रति जागरूक बना रहा है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और भविष्य को नई दिशा भी दे रहा है। कार्यक्रम में भोपाल की संस्थाएं जैसे आरंभ सामाजिक संस्था मुस्कान, आरंभ, उदय संस्था मीत आदि संस्था शामिल हुई। जो लगातार पुलिस के साथ मिलकर थाना स्तर पर बच्चों को एकत्रित करके इस कार्यक्रम को सफल बना रहे हैं।