Edited By meena, Updated: 05 Aug, 2020 04:51 PM
छत्तीसगढ़ को नक्सलियों का अड्डा माना जाता है। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में नक्सलियों ने पुलिस प्रशासन और सरकार के नाक में दम करके रखा हुआ है। कई जिलों में लोगों के बीच दहशत फैली हुई है। उन्हीं इलाकों में से एक दंतेवाड़ा है जिसे नकस्लियों को गढ़ माना...
दंतेवाड़ा(अभिषेक झा): छत्तीसगढ़ को नक्सलियों का अड्डा माना जाता है। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में नक्सलियों ने पुलिस प्रशासन और सरकार के नाक में दम करके रखा हुआ है। कई जिलों में लोगों के बीच दहशत फैली हुई है। उन्हीं इलाकों में से एक दंतेवाड़ा है जिसे नकस्लियों को गढ़ माना जाता है। इस जिले में नक्सलियों ने बीजेपी विधायक भीमाराम मंडवी समेत 4 जवानों को मौत के घाट उतार दिया था। इसी के चलते एनआईए ने एक नक्सली को गिरफ्तार किया है। एनआईए की जांच एजेंसी के अनुसार 44 साल के हरिपाल सिंह को गिरफ्तार किया है। जिसके बाद उसे एनआइए की स्पेशल कोर्ट (जगदलपुर) के सामने पेश किया गया। जिसके बाद उसे तीन दिन के लिए एनआइए की रिमांड पर भेज दिया गया। इससे पहले एनआईए भीमा मंडावी हत्या को लेकर 6 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
किन 6 लोगों को किया गिरफ्तार?
एनआईए ने 7 अप्रैल 2020 को माड़का राम ताती और भीमा ताती को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 29 जुलाई 2020 को लक्ष्मण जायसवाल, रमेश, हेमला और कुमारी लिंग्गे को भी गिरफ्तार किया था। तो वहीं हरिपाल सिंह को गिरफ्तार किया है।
आखिर कब हुई थी हत्या?
बता दें कि विधायक भीमा मंडावी 9 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव के प्रचार से वापिस आ रहे थे। दंतेवाड़ा जिले श्यामगिरी गांव के पास नक्सलियों ने उनकी गाड़ी को विस्फोट से उड़ा दिया था। इस घटना में भीमा मंडावी के साथ उनकी सुरक्षा में तैनात छत्तीसगढ़ के चार जवानों की मौत हो गई थी। इस मामले में 10 अप्रैल 2019 को कुआकोंडा थाने में नक्सलियों के विरुद्ध आइपीसी की धारा 147, 148, 149, 302, 396, 307 और 120-बी, धारा 25 और 27, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3, 5, 13 (1) (ए), यूए (पी), 38 और 39 के तहत एफआइआर दर्ज की गई थी।
शहीद जवानों के हथियार भी नक्सली लूट ले गए थेय
17 मई 2019 को यह मामला एनआइए को सौंप दिया गया। एनआईए ने इसी साल 7 अप्रैल को टिकनपाल से भीमा ताती और मडकाराम ताती को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ में पता चला कि लक्ष्मण जायसवाल नकुलनार में किराना की दुकान चलाता है। उसी ने आइइडी ब्लास्ट के लिए बिजली के तार, विस्फोटक सामग्री और अन्य सामान दिया था। रमेश कश्यप और लिंगे ताती घटना में शामिल रहे। इन दोनों बदमाशों ने नक्सलियों को रसद उपलब्ध कराये थे।