Edited By meena, Updated: 26 Nov, 2020 05:07 PM

मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले से एक अनोखी खबर सामने आई है जिसे सुन आप भी कुछ समय के लिए हैरान रह जाएंगे। आपने अक्सर सुना होगा सास - ससुर अपने बहु को प्रताड़ित करते हैं, परेशान करके उसके साथ गलत व्यवहार करते हैं लेकिन नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव तहसील...
नरसिंहपुर(रोहित अरोरा): मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले से एक अनोखी खबर सामने आई है जिसे सुन आप भी कुछ समय के लिए हैरान रह जाएंगे। आपने अक्सर सुना होगा सास - ससुर अपने बहु को प्रताड़ित करते हैं, परेशान करके उसके साथ गलत व्यवहार करते हैं लेकिन नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव तहसील में सुसर ने समाज के लिए एक नई मिसाल पेश की है। जो ज्यादातर फिल्मों में ही देखने को मिलती है। उन्होंने अपनी विधवा बहू को बेटी की तरह रखकर रीति रिवाज से उसका पुनर्विवाह कराने का फैसला किया है। सुसर के साथ अब पिता बनकर रविशंकर सोनी ने बहू के विवाह की सारी रस्मों को विदिवाधन से पूरा करने का निर्णय लिया है।

फिल्मी कहानी की तरह लगने वाला यह सच कर दिखाया है सेवानिवृत डिप्टी रेंजर रवि शंकर ने जो झोतेश्वर मवई के रहने वाले हैं। रवि सोनी ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे संजय की शादी 12 साल पहले 2008 में करेली निवासी राम जी सोनी की बेटी सरिता से की थी जिससे 11 व 9 वर्षीय दो बेटियां हैं लेकिन बीते 25 सितंबर को बेटे संजय की बीमारी से मौत हो गई जिसके बाद उन्होंने यह फैसला किया कि वह बहू और उसकी बेटियों की जिंदगी में खुशहाली लाएंगे। उन्होंने बहू के पिता एवं भाइयों से उसके लिए कोई लड़का खोजने को कहा साथ ही स्वयं ने भी योग्य वर की पड़ताल की अंत में जबलपुर पिपरिया निवासी राजेश सोनी के साथ उसका विवाह करने का फैसला लिया।

राजेश की पत्नी का निधन भी करीब 3 साल पहले सड़क हादसे मे हो गया था और उनकी कोई संतान भी नहीं है। परिवार में राजेश के अलावा दो भाई हैं लेकिन कोई भी संतान नहीं है जिससे वह लोग भी बहू की दो संतान होने के बाद भी खुशी-खुशी रिश्ता करने को राजी हो गए l सोनी ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे के नाम से जो कार ली थी वह भी बहू के नाम करा दी है और बेटे की मौत के बाद जो बीमा राशि ₹376000 मिली थी वह भी बहू के नाम से जमा की है एवं सारे गहनें भी दिए हैं l

पुनर्विवाह की इस अनूठी पहल की प्रशंसा इलाके भर में हो रही है। ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि रविशंकर सोनी ने इंसानियत का फर्ज निभाते हुए विधवा विवाह जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक प्रक्रिया को हरी झंडी देकर सामाजिक सरोकार की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है।