Edited By meena, Updated: 31 Mar, 2025 02:29 PM

इंदौर में सोमवार को ईद-उल-फितर पर सांप्रदायिक सद्भाव का अनूठा दृश्य नजर आया...
इंदौर : इंदौर में सोमवार को ईद-उल-फितर पर सांप्रदायिक सद्भाव का अनूठा दृश्य नजर आया, जब करीब पांच दशक पुरानी परंपरा के तहत एक हिंदू परिवार शहर काजी को कार में बैठाकर ईदगाह ले गया। बता दें कि पहले शहरकाजी को बग्घी से लेकर जाते थे, इस बार कार से ले जाया गया। चश्मदीदों ने बताया कि शहर के बाशिंदे सत्यनारायण सलवाड़िया शहर काजी मोहम्मद इशरत अली को उनके राजमोहल्ला स्थित घर से कार में बैठाकर पूरे सम्मान से सदर बाजार के मुख्य ईदगाह ले गए और सामूहिक नमाज के बाद उन्हें वापस उनके घर छोड़ा।
सलवाड़िया ने संवाददाताओं को बताया कि ईद की यह रिवायत उनके पिता रामचंद्र सलवाड़िया ने करीब 50 साल पहले शुरू की थी और वर्ष 2017 में उनके निधन के बाद वह यह परंपरा निभा रहे हैं। उन्होंने कहा, "हम इस परंपरा के जरिये शहरवासियों को आपसी भाईचारा बनाए रखने का संदेश देते हैं। यह परंपरा मेरा परिवार हमेशा बरकरार रखेगा।'' शहर काजी मोहम्मद इशरत अली ने कहा, ‘‘देश में इंदौर इकलौता शहर है जहां एक हिंदू परिवार ईद की सामूहिक नमाज अदा कराने के लिए शहर काजी को पूरे मान-सम्मान से ईदगाह ले जाता हो।''

उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे दुनिया को सियासी चश्मे से नहीं, बल्कि सामाजिक चश्मे से देखें। इस बीच, शहर में ईद की सामूहिक नमाज के दौरान कुछ लोग अपनी बांह पर काली पट्टी बांधे दिखाई दिए। इनमें से एक युवा ने कहा कि उसने "जुल्म" का सामना कर रहे फलस्तीन के मुस्लिमों को अपनी दुआओं में याद रखने के लिए बांह पर काली पट्टी बांधी है।