Edited By meena, Updated: 25 Sep, 2021 01:30 PM
कहते हैं तो हौसले बुलंद हो तो सफलता आपके पीछे पीछे घूमती है। कुछ ऐसा ही हुआ मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली जागृति अवस्थी के साथ जिसने UPSC की परीक्षा में देशभर में दूसरा स्थान हासिल किया और अपने राज्य और परिजनों का गौरव बढ़ाया। जागृति मौलाना आजाद...
भोपाल(इजहार हसन खान): कहते हैं तो हौसले बुलंद हो तो सफलता आपके पीछे पीछे घूमती है। कुछ ऐसा ही हुआ मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली जागृति अवस्थी के साथ जिसने UPSC की परीक्षा में देशभर में दूसरा स्थान हासिल किया और अपने राज्य और परिजनों का गौरव बढ़ाया। जागृति मौलाना आजाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी(मैनिट) से 2017 में बीटेक किया है। वह भेल में नौकरी करती थीं, लेकिन नौकरी छोड़कर UPSC की तैयारी में जुट गईं और दूसरे चांस में देश में दूसरे नंबर पर आई। वहीं महिला वर्ग में उनकी पहली रैंक आई है।
जागृति के पिता प्रोफेसर एसएस अवस्थी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बेटी ने दूसरी रैंक हासिल की है, यह उम्मीद नहीं थी की वह इतना कर पाएगी मगर पता था कि तैयारी अच्छी की है। जब वह भेल में थी तो मुझसे कहा कि UPSC देना चाहती हूं। मैंने कहा- देख लो, अभी भेल में भी क्लास वन सर्विस है। मैंने रात में सहमति दी और उसने सुबह भेल से रिजाइन कर दिया।
24 साल की जागृति अवस्थी मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली हैं। उनके परिवार में माता-पिता और एक भाई है। जागृति के पिता एससी अवस्थी पेशे से होमियोपैथ हैं। वहीं उनकी मां एक स्कूल टीचर थी, हालंकि जागृति की पढ़ाई में मदद करने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी थी। जागृति का एक भाई भी है जो एमबीबीएस सेकंड ईयर का छात्र है। वहीं जागृति की इस सफलता की कहानी में मां-पापा ने भी अहम भूमिका निभाई। जहां जागृति ने आईएएस बनने के लिए इंजीनियरिंग छोड़ी तो उनके माता पिता ने बहुत सी कुर्बानियां दी। मां ने बेटी की मदद के लिए टीचर की नौकरी छोड़ी तो टीवी देखना छोड़ गिया। घर में चार सालों से टीवी का स्विच ऑन नहीं किया। वहीं पापा ने दिन रात बेटी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।