Edited By meena, Updated: 09 Mar, 2020 06:44 PM
मध्य प्रदेश में बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में कमलनाथ सरकार में संकट के बादल और गहरे हो गए हैं। दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के बाद कमलनाथ ने कहा कि मेरा कोई गुट नहीं हैं, सभी विधायक मेरे साथ हैं...
भोपाल: मध्य प्रदेश में बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में कमलनाथ सरकार में संकट के बादल और गहरे हो गए हैं। दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के बाद कमलनाथ ने कहा कि मेरा कोई गुट नहीं हैं, सभी विधायक मेरे साथ हैं। इसी बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 18 विधायक और मंत्री अचानक विमान से बेंगलुरू पहुंचे।जिनमें प्रद्युमन सिंह, मुन्नालाल, इमरती देवी, गोविंद राजपूत और सिसोदिया भी शामिल हैं।
सोनिया गांधी से मुलाकात करने के बाद सीएम कमलनाथ ने कहा था कि वे सबको साथ लेकर मजबूत सरकार बनाएंगे। जिससे स्पष्ट होता है कि सिंधिया को कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष या उपमुख्य मंत्री बनाया जा सकता है।
प्रदेश की सियासी उठापटक के बीच भाजपा कांग्रेस सरकार के खिलाफ सदन में अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 114 और भाजपा के 109 विधायक शामिल है। कांग्रेस के 18 विधायक बेंगलुरू जाने से राजनीतिक संकट गहरा गया है।
ये मंत्री औऱ विधायक हैं बेंगलूरू में...
मंत्री
तुलसी सिलावट, गोविन्द सिंह राजपूत, प्रद्युमन तोमर, इमरती देवी, प्रभु राम चौधरी, महेन्द्र सिसोदिया,
विधायक
मुन्ना लाल गोयल, गिरिराज दंडोतिया, ओपी भदोरिया, विरजेंद्र यादव, जसपाल जज्जी, कमलेश जाटव, राजवर्धन सिंह, रघुराज कंसना, सुरेश धाकड, हरदीप डंग, रक्षा सिरोनिया, जसवंत