Edited By meena, Updated: 22 Sep, 2020 12:26 PM
मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। राज्य के दोनों ही बड़े राजनीतिक दलों द्वारा चुनावी मैदान में अपनी पकड़ मजबूत करने की पूरी कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने विधानसभा की करीब आधा दर्जन...
ग्वालियर(अंकुर जैन): मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। राज्य के दोनों ही बड़े राजनीतिक दलों द्वारा चुनावी मैदान में अपनी पकड़ मजबूत करने की पूरी कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने विधानसभा की करीब आधा दर्जन ग्वालियर चंबल संभाग की सीटों पर गुर्जर वोटों का प्रभाव देखते हुए कद्दावर युवा नेता राजस्थान के सचिन पायलट को पार्टी के प्रचार प्रसार के लिए मैदान में उतारने का फैसला किया है। सचिन पायलट सिंधिया समर्थकों के खिलाफ प्रचार करेंगे।
दो दोस्त चुनाव मैदान में होंगे आमने सामने
सचिन पायलट और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया आपस में अच्छे मित्र हैं लेकिन वे विधानसभा उपचुनाव में एक-दूसरे के खिलाफ अपनी अपनी पार्टी का प्रचार करेंगे। सिंधिया जहां अपने दल यानी बीजेपी के प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करेंगे तो वही सचिन पायलट भी कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करेंगे। इसके पीछे पार्टी की सोच है कि सचिन पायलट ग्वालियर चंबल अंचल से चिर परिचित हैं उनके प्रभाव का कांग्रेस पार्टी को लाभ होगा। कांग्रेस का कहना है कि यह दो दोस्तों के बीच मुकाबला होगा।
सिंधिया को गद्दार तो सचिन को बताया खुद्दार
गद्दार और खुद्दार की संज्ञा देते हुए कांग्रेस ने कहा है कि सिंधिया के साथ गद्दार लोग हैं तो कांग्रेस के साथ खुद्दार लोग हैं। इसमें फैसला होगा कि मतदाता खुद्दारों के साथ है या गद्दारों के साथ ।वहीं भाजपा इसे अवसर के रूप में ले रही है उनका कहना है कि सचिन पायलट साफ-सुथरी छवि के युवाओं की पसंद के नेता हैं। वो खुद भी कांग्रेस पार्टी में अपनी उपेक्षा झेल चुके हैं। इसलिए उनके प्रचार प्रसार का कोई विशेष महत्व नहीं होगा। गौरतलब है कि मुरैना की 4 सीटों पर गुर्जर वोटरों का सीधा प्रभाव है वहीं ग्वालियर की 2 सीटें भी उनके प्रभाव में हैं।