Edited By Himansh sharma, Updated: 29 Dec, 2024 11:40 AM
बोरवेल में फंसे 10 वर्षीय बालक को जिला प्रशासन और बचाव दलों की टीमों ने रविवार तड़के बाहर निकाल लिया
गुना। (मिसबाह नूर): मध्य प्रदेश के गुना जिले के पीपल्या गांव में बोरवेल में फंसे 10 वर्षीय बालक को जिला प्रशासन और बचाव दलों की टीमों ने रविवार तड़के बाहर निकाल लिया, लेकिन जिला अस्पताल में उपचार के दौरान बालक ने दम तोड़ दिया है। इस घटना की जानकारी मिलने पर अस्पताल में मौजूद जिला प्रशासन के अधिकारी और बालक का उपचार करने वाले चिकित्सक भी भावुक नजर आए। बता दें कि राघौगढ़ ब्लॉक के जामनेर क्षेत्र में स्थित पीपल्या गांव का रहने वाला सुमित मीणा पुत्र दशरथ मीणा शनिवार को दुर्घटनावश बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था। तीन बहनों के सबसे छोटे और लाड़ले भाई सुमित मीणा के गड्ढे में गिरने की खबर मिलते ही सबसे पहले स्थानीय एसडीएम विकास कुमार आनंद मौके पर पहुंचे। इसके बाद कलेक्टर डॉ. सतेंद्र सिंह, एसपी संजीव कुमार सिन्हा, जिला पंचायत सीईओ प्रथम कौशिक भी रेस्क्यू अभियान की निगरानी करने के लिए पीपल्या में ही रातभर मौजूद रहे।
रेस्क्यू की शुरुआत 31 जवानों द्वारा की गई। थोड़ी देर बाद कलेक्टर की सूचना पर भोपाल से एनडीआरएफ के 16 जवान भी पीपल्या आ गए और अपने भारी-भरकम वाहनों से बचाव कार्य शुरु किया। आईजी गौरव राजपूत की मौजूदगी में टीमों द्वारा 8 भारी-भरकम मशीनों के साथ मशक्कत की और सुमित को जैसे-तैसे बाहर निकाल लिया गया। हालांकि गड्ढे में फंसे रहने के दौरान सुमित के हाथ-पैर रातभर पानी में डूबे रहे। उसकी गर्दन पानी से बाहर नजर आ रही थी। लेकिन मुंह में मिट्टी भर गई।
बोरवेल से बाहर आते ही सुमित को गंभीर अवस्था में तुरंत जिला अस्पताल लाया गया। सुबह लगभग 10 बजे गुना सीएमएचओ डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर की अगुवाई में आधा दर्जन चिकित्सकों ने सुमित का उपचार शुरु किया। लेकिन कुछ ही देर की निगरानी के बाद सुमित की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि रातभर पानी में फंसे रहने की वजह से सुमित के हाथ-पैर सुन्न हो गए थे। सर्दी की वजह से उसका शरीर सिकुड़ गया था। सीएमएचओ डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर ने सुमित मीणा के निधन की पुष्टि कर दी है।